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प्रीतम मुंडे ने रचा इतिहास, 7 लाख मतों के अंतर से जीती

पिता के निधन चुनावी मैदान में उतरीं गोपीनाथ मुंडे की दोनों पुत्रियों पंकजा एवं प्रीतम मुंडे ने रविवार को जीत हासिल की। बीड लोकसभा के उपचुनाव में में प्रीतम ने करीब सात लाख मतों के अंतर से जीत हासिल...

प्रीतम मुंडे ने रचा इतिहास, 7 लाख मतों के अंतर से जीती
एजेंसीMon, 20 Oct 2014 10:24 AM
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पिता के निधन चुनावी मैदान में उतरीं गोपीनाथ मुंडे की दोनों पुत्रियों पंकजा एवं प्रीतम मुंडे ने रविवार को जीत हासिल की। बीड लोकसभा के उपचुनाव में में प्रीतम ने करीब सात लाख मतों के अंतर से जीत हासिल की तो पंकजा ने भी अपनी परली विधानसभा सीट को बरकरार रखा। 
    
फिलहाल लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड माकपा के अनिल बसु के नाम था। उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की आरमबाग सीट पर 5,92,502 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। 
    
बीड में 32 साल की प्रीतम ने को 9,22,416 मत मिले और उन्होंने कांग्रेस के अशोक पाटिल को 6,96,321 मतों के अंतर से मात दी। मुंडे की ज्येष्ठ पुत्री एवं भाजपा की निर्वतमान विधायक पंकजा मुंडे ने अपने चचेरे भाई एवं राकांपा प्रत्याशी धनंजय मुंडे को परली विधानसभा क्षेत्र से 25,895 मतों से हराया। पंकजा को 96904 वोट जबकि धनंजय को 71009 वोट मिले।
     
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मुंडे बहनों के लिए प्रचार किया था जबकि शरद पवार एवं अजीत पवार सहित राकांपा के वरिष्ठ नेताओं ने जिले में राकांपा उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया।
     
मोदी ने विधानसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत ही बीड से की थी और उन्होंने कहा था कि यदि मुंडे जीवित होते तो उन्हें वोट के लिए प्रचार करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। शिवसेना ने जहां मुंडे बहनों के विरुद्ध अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था वहीं राकांपा ने मुंडे की मृत्यु के बाद शरद पवार की घोषणा के अनुरूप प्रीतम के विरुद्ध अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा।
     
इस वर्ष जून में एक सड़क दुर्घटना में मुंडे की नई दिल्ली में मौत के बाद पंकजा महाराष्ट्र में भाजपा के एक नई ओबीसी चेहरे के रूप में उभरी हैं। मुंडे का संबंध वंजारी समुदाय से था और उन्हें राज्य का सबसे बड़ा ओबीसी नेता माना जाता था।

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