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दिल्ली को पूर्ण दर्जा देने के वादे पर फंसी भाजपा

दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल सके। इसके लिए भाजपा में ही अंदरूनी घमासान शुरू हो गया है। इस दर्जे के लिए पार्टी का नेतृत्व 15 सालों से लड़ाई लड़ रहा है और अब जब केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार...

दिल्ली को पूर्ण दर्जा देने के वादे पर फंसी भाजपा
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 28 Jan 2015 10:53 PM
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दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल सके। इसके लिए भाजपा में ही अंदरूनी घमासान शुरू हो गया है। इस दर्जे के लिए पार्टी का नेतृत्व 15 सालों से लड़ाई लड़ रहा है और अब जब केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है तो इस मुद्दे पर ठन गई है। पार्टी  के नेता अब हालत देखने के बाद ही इस पर आखिरी निर्णय लेने की बात कर रहे हैं। पार्टी के घोषणा पत्र में इसे जगह दी जाए या नहीं इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि  सांसद  मीनाक्षी लेखी  ने जब यह मामला सामने आएगा तब इसे देखा जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के कार्यकाल से ही यह मामला दिल्ली के लिए केवल एक चुनावी  मुद्दा बना हुआ है। 2013 में तैयार किए गए घोषणापत्र में भी भाजपा ने अपने संकल्प में पूर्ण राज्य के दर्जे पर पहली प्राथमिकता पर रखा था। उस समय केंद्र में भाजपा की सरकार नहीं थी और भाजपा ने इस पर कांग्रेस पर जवाबी हमला बोला था।

इस मामले में जब सांसद मीनाक्षी लेखी और प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय से जवाब मांगा गया तो इस मामले में चुप्पी साध गए और समय आने पर ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। ज्ञात हो कि इस मामले में भाजपा से मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी किरन बेदी पहले ही तालमेल से व्यवस्थाओं को ठीक करने का ऐलान कर चुकी हैं। बुधवार को  भाजपा प्रदेश कार्यालय पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल के लिए भाजपा की पहल की जानकारी देने के लिए एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई थी। जहां पार्टी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई अहम योजनाओं पर काम किया जा रहा है। इसमें सुरक्षा के लिए  कई मोबाइल ऐप भी तैयार किए गए हैं। इसका काफी प्रयोग किया जा रहा है।

पूर्ण राज्य मिलेगा तो क्या होगा लाभ
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलता है तो इससे जमीन और कानून व्यवस्था के मामले भी राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आ जाएंगे। वर्तमान में ये दोनों ही अधिकार उपराज्यपाल के दायरे में हैं और सीधे केंद्र सरकार के माध्यम से संचालित होते हैं। राजनीतिक दलों का मानना है कि जब ये शक्तियां राज्य सरकार के पास आ जाएंगी तो तालमेल बढ़ेगा और कामकाज की शैली में भी सुधार होगा। इससे पुलिस व्यवस्था भी सीधेतौर पर राज्य सरकार को जवाब देह होगी।

जिन्हें कुछ नहीं देना, वे कुछ भी कह सकते हैं : 15 सालों  तक  दिल्ली में कांग्रेस का राज रहा है। इन सालों में  कांग्रेस ने सिर्फ वादे  किए हैं और यदि किसी को कुछ नहीं  देना नहीं होता है। तो  वे कोई भी वादा कर सकते हैं। यह बयान सांसद मीनाक्षी लेखी ने दिया। उन्होंने कहा कि कच्ची कॉलोनियों  को पक्का करने के लिए कांग्रेस पहले भी प्रमाणपत्र बांट चुकी है और अब फर्जी वादों की सरकार नहीं चलेगी।

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