रक्षा मंत्रालय ने 21,000 करोड़ के खरीद प्रस्तावों को दी मंजूरी
घरेलू सैन्य उद्योग को बढ़ावा देने की अपनी नीति पर जोर देते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार को 21,000 करोड़ रुपए के रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी। सरकार ने साथ ही परिवहन विमान के निर्माण की एक परियोजना...
घरेलू सैन्य उद्योग को बढ़ावा देने की अपनी नीति पर जोर देते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार को 21,000 करोड़ रुपए के रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी। सरकार ने साथ ही परिवहन विमान के निर्माण की एक परियोजना को मंजूरी दी जिसमें केवल निजी क्षेत्र की भारतीय कंपनियां हिस्सा ले सकती हैं।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि बड़े प्रस्ताव जिन्हें मंजूरी मिली, उनमें नौसेना के लिए पांच बेड़ा सहायक पोतों की खरीद के लिए 9,000 करोड़ रुपए की एक निविदा शामिल है जिसके लिए सभी सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की गोदियों को प्रस्ताव अनुरोध जारी किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि मंजूरी मिलने वाले अधिकतर प्रस्तावों में केवल सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की भारतीय कंपनियां शामिल होंगी और इनका उद्देश्य सैन्य सामानों का स्वदेशीकरण बढ़ाना है।
रक्षा अधिग्रहण परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि रक्षा बलों के लिए कई प्रस्ताव विचाराधीन हैं और हमने उनमें से कुछ में तेजी लाने की कोशिश की है।
अधिकारियों ने कहा कि इसलिए तटरक्षक बल और नौसेना को एचएएल (हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) द्वारा निर्मित 32 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर धुव्र की आपूर्ति के लिए 7,000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को भी मंजूर दे दी गयी।
प्रस्ताव के तहत सरकारी कंपनी एचएएल तटरक्षक बल और नौसेना दोनों को 16-16 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति करेगी और साथ ही इनके रखरखाव की सेवा भी उपलब्ध कराएगी ताकि सबसे अच्छे स्तर का संचालन रखरखाव और कुशलता सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने कहा कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने साथ ही वायुसेना के एवरो विमान के बेड़े की जगह लेने के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा 56 परिवहन विमानों के निर्माण की निविदा जारी करने के लिए वायुसेना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
जेटली ने इस निविदा को लेकर कहा कि यह एक महत्वपूर्ण परियोजना होगी जिसमें निजी क्षेत्र एकमात्र हिस्सेदार होगा और निजी क्षेत्र के क्षमता निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। प्रस्ताव के तहत टाटा और महिन्द्रा जैसी रक्षा क्षेत्र की निजी भारतीय कंपनियों को निविदा जारी की जाएगी और वह विदेशी कंपनियों के साथ भागीदारी में विमान का निर्माण करेंगे।