कोर्ट ने केंद्र पर लगाया 50 हजार का जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने गुमशुदा बच्चों के मामले में लापरवाह रवैये पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। कोर्ट ने गुमशुदा बच्चों की स्थिति का विवरण उपलब्ध कराने जैसे निर्देशों पर अमल न करने के लिए सरकार पर 50...
सुप्रीम कोर्ट ने गुमशुदा बच्चों के मामले में लापरवाह रवैये पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। कोर्ट ने गुमशुदा बच्चों की स्थिति का विवरण उपलब्ध कराने जैसे निर्देशों पर अमल न करने के लिए सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
जस्टिस मदन बी लोकुर और यूयू ललित की सामाजिक मामलों की पीठ ने कहा, देश में बच्चे लापता हो रहे हैं और आप इतने लापरवाह हैं। आपके सचिव सिर्फ पत्र ही लिख रहे हैं। हम रवैये से इससे असंतुष्ट हैं। पीठ ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों के रिक्त स्थानों पर नियुक्तियां न करने और राज्यों में एडवाइजरी बोर्ड गठित नहीं करने पर भी नाराजगी जताई।
पीठ ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से कहा कि वह गुमशुदा बच्चों की स्थिति के बारे में हलफनामे पर सूचना दें और इसमें 31 मार्च, 2015 की स्थिति के अनुसार बरामद हुए बच्चों का विवरण भी दिया जाए।
बाल अधिकार संरक्षण कानून का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा कि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति 90 दिन के अंदर करनी होती है लेकिन अब छह महीने से भी अधिक समय बीत गया है। यह बहुत परेशान करने वाली बात है।