निर्भया डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण के विरोध में भाजपा, कांग्रेस समर्थन में
विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर राजनीतिक दलों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं। भाजपा ने जहां इसकी आलोचना की है, वहीं कांग्रेस ने इसका समर्थन किया है। भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव...
विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर राजनीतिक दलों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं। भाजपा ने जहां इसकी आलोचना की है, वहीं कांग्रेस ने इसका समर्थन किया है।
भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने कहा, फिल्म को समय से भी पहले प्रसारित करके बीबीसी ने देश में अपनी नैतिकता और विश्वसनीयता खो दी है। सरकार पहले ही निर्णय कर चुकी है कि वह उन लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करेगी जिन्होंने नियमों और मानदंडों का उल्लंघन किया। सरकार इस बारे में आवश्यक कदम उठाएगी कि यह डॉक्यूमेंट्री आगे प्रसारित नहीं हो।
हालांकि कांग्रेस की नेता प्रिया दत्त ने डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण का समर्थन करते हुए कहा कि यह बलात्कारियों की मानसिकता का पर्दाफाश करती है न कि उसका बचाव करती है।
उन्होंने कहा, मैं डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय से स्तब्ध हूं। हर रोज बलात्कार हो रहे हैं और इसका पर्दाफाश हुआ है। डॉक्यूमेंट्री बलात्कार का बचाव नहीं करती, वास्तविकता में इसने बलात्कारी की मानसिकता को दर्शाया है।
दत्त ने कहा, बलात्कारियों को मंच नहीं दिया गया है। मैं उनके माता-पिता को लेकर दुखी हूं कि उन्हें एक बार फिर इस तरह की तकलीफ से गुजरना पड़ रहा है। न्याय में देरी, न्याय से इनकार है। इस कहानी को बताए जाने की जरूरत है।
सोशल मीडिया प्रसारण के समर्थन में
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने डाक्यूमेंट्री के प्रसारण का समर्थन किया है। अभिनेता रणवीर शौरी ने कहा, वही गलतियां नहीं दोहराई जानी चाहिए जो यूपीए सरकार ने की। मशहूर लेखक चेतन भगत ने भी डॉक्यूमेंट्री का समर्थन करते हुए सभी से इस इंटरव्यू को देखने को कहा। बोल्डमांक नाम से एक अन्य ने ट्वीट किया, डॉक्यूमेंट्री के लिए बलात्कारी का इंटरव्यू करने से कहीं अधिक घिनौना यह है, उस इंटरव्यू का व्यापार करना।
बीबीसी ने इसका प्रसारण करके देश की छवि को खराब करने का प्रयास किया है। सरकार को इस पर उचित कदम उठाने चाहिए।
-मीनाक्षी लेखी, भाजपा सांसद
सवाल यह है कि सरकार उसे फांसी के फंदे पर क्यों नहीं लटका रही है। कई लोगों को बारी के बिना पहले दंड दिया गया है।
-अनवर अली, जदयू नेता
मैंने अभी अभी इंडियाज डॉटर देखी, इसे देखना अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। इसे प्रतिबंधित करने का मतलब बालू में सिर घुसाने जैसा है।
-अनुराग बसु, फिल्म निर्देशक
हमें यह फिल्म देखकर समझने की जरूरत है कि कैसे इस बुराई को खत्म किया जा सके। प्रतिबंध लगाना कोई हल नहीं है।
-जेनेलिया डिसूजा
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा रहा भारत : लेस्ली
बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री इंडियाज डॉटर की फिल्मकार लेस्ले उडविन ने आरोप लगाया है कि भारत इस डाक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगाकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, यह हमारे समय की सबसे बड़ी लड़ाई है और वह इस फिल्म के साथ हो रहे अपराध को लेकर भारतीयों की प्रतिक्रिया की सराहना करना चाहती हूं। हमने हमेशा जोर दिया है कि यह सिर्फ भारत की समस्या नहीं है, यह एक वैश्विक समस्या है। मैं इस भरोसे पर कायम हूं कि यह फिल्म बदलाव के लिए शक्तिशाली उपकरण साबित होगी।