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Hindi Newsप्रशांत भूषण की चिट्ठी और योगेंद्र यादव की सफाई के मायने क्या है?

प्रशांत भूषण की चिट्ठी और योगेंद्र यादव की सफाई के मायने क्या है?

आम आदमी पार्टी में चल रही खींचतान के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने आज कहा कि पार्टी में संकट से जुड़ी सभी खबरें काल्पनिक हैं और यह समय चुनावों में मिली बड़ी जीत के बाद काम करने का है न कि...

प्रशांत भूषण की चिट्ठी और योगेंद्र यादव की सफाई के मायने क्या है?
एजेंसीMon, 02 Mar 2015 12:57 PM
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आम आदमी पार्टी में चल रही खींचतान के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने आज कहा कि पार्टी में संकट से जुड़ी सभी खबरें काल्पनिक हैं और यह समय चुनावों में मिली बड़ी जीत के बाद काम करने का है न कि छोटी हरकतों में उलझने का।

उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने पार्टी को एक भारी जनादेश दिया है और किसी को इन छोटी हरकतों में नहीं उलझना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से मैं अपने और प्रशांत जी के बारे में बातें सुन रहा हूं।

यादव ने कहा कि खबरें गढ़ी जा रही हैं, हमारे खिलाफ आरोप मढ़े जा रहे हैं और साजिशें रची जा रही हैं।

यादव ने फेसबुक पर डाली गई एक पोस्ट में कहा, मैं दुखी हूं लेकिन मुझे इसपर हंसी भी आ रही है। हंसी इसलिए आ रही है क्योंकि इसका कोई आधार ही नहीं है। जो लोग इन कहानियों को गढ़ रहे हैं, उनके पास वक्त कम है लेकिन कल्पना ज्यादा। लेकिन मुझे इन कहानियों के पीछे की नीयत को देखकर बहुत दुख होता है।

यादव ने कहा, दिल्ली की जनता ने हमें बहुत बड़ी जीत दी है। यह समय एक बड़ी जीत के बाद बड़े काम करने का है। देश को हमसे बहुत सी उम्मीदें हैं। मैं यही उम्मीद कर सकता हूं कि हम अपनी छोटी हरकतों के जरिए उम्मीद की इस किरण को छोटा न पड़ने दें।

इससे पहले आम आदमी पार्टी पर वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण ने दिल्ली चुनावों के दौरान अरविंद केजरीवाल के इर्द-गिर्द एक व्यक्ति केंद्रित अभियान चलाने का आरोप लगाया, जो उसके सिद्धांतों के विपरीत है।

भूषण ने कहा कि एक व्यक्ति केंद्रित प्रचार अभियान के कारण पार्टी अन्य पारंपरिक पार्टियों की तरह हो गयी है। उन्होंने संगठन के भीतर और स्वराज की हिमायत की।

भूषण ने आप की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्यों को एक पत्र में लिखा है, एक व्यक्ति केंद्रित प्रचार से हमारी पार्टी अन्य दूसरी पारंपरिक पार्टियों की तरह बनती जा रही है जो एक व्यक्ति पर केंद्रित है। भिन्नता इतनी है जिसके बारे में हम दावा कर सकते हैं कि स्वराज का सिद्धांत जो उनके पास नहीं है।

उन्होंने कहा है, एक व्यक्ति केंद्रित अभियान असरदार हो सकता है लेकिन तब क्या अपने सिद्धांतों को उचित ठहराया जा सकता है अगर हम सुप्रीमो नियंत्रित पार्टी से आगे जाना चाहते हैं तो हमें इसमें सुधार पर सहमति बनानी होगी।

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