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बजट: निवेश, बुनियादी संरचना, सामाजिक क्षेत्र पर बल, लोकलुभावन घोषणाएं नहीं

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में तो कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन देश में निवेश आकर्षित करने के लिए कंपनी कर की दर अगले चार साल के दौरान पांच प्रतिशत घटाकर 25 प्रतिशत...

बजट: निवेश, बुनियादी संरचना, सामाजिक क्षेत्र पर बल, लोकलुभावन घोषणाएं नहीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 01 Mar 2015 09:26 AM
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में तो कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन देश में निवेश आकर्षित करने के लिए कंपनी कर की दर अगले चार साल के दौरान पांच प्रतिशत घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा की है। कंपनियों की आय पर कर की दर अभी 30 प्रतिशत है। सरकार ने संपत्ति कर समाप्त करने का प्रस्ताव किया है और इसकी जगह एक करोड़ से अधिक की सालाना आय वाले अमीरों पर दो प्रतिशत अतिरिक्त अधिभार लगा दिया गया है। बजट में सेवाकर की दर दो प्रतिशत बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दी गई है जिससे कई तरह की सेवायें महंगी हो जायेंगी।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले पूर्ण बजट में लोकलुभावन घोषणाओं से बचा गया है। वर्ष 2015-16 के लिये आयकर की दरों में और उनके स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कंपनी कर भी अगले वित्त वर्ष में यथावत रहेगा, लेकिन इसे चार साल में मौजूदा 30 से घटाकर 25 प्रतिशत पर लाने की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मध्यम आयवर्ग को कुछ राहत देते हुये स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर मिलने वाली आयकर छूट को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया है। स्वास्थ्य बीमा योजना में कवर नहीं होने वाले 80 साल से बड़े बुजुर्गों के मामले में सालाना 20,000 के बजाय 30,000 रुपये के चिकित्सा खर्च पर आयकर छूट दी जायेगी।photo1

वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न आयकर रियायतों को मिलाकर अब आयकर दाताओं को 4.44 लाख रुपये तक की छूट उपलब्ध होगी। आयकर दाताओं को विभिन्न प्रावधानों के तहत सालाना 4.44 लाख रुपये की आय पर कर छूट है। इसमें बीमा और बचत योजनाओं सहित 80सी और 80सीसीडी के तहत बिभन्न योजनाओं में 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर राहत भी शामिल है। कर्मचारियों को परिवहन भत्ते पर कर कटौती का लाभ भी बढा दिया गया है। अब उन्हें मासिक 800 रुपये तक की जगह 1,600 रुपये के भत्ते पर कटौती मिल सकेगी।photo2

एक करोड़ रुपये से अधिक सालाना कमाई करने वाले अमीरों पर आयकर अधिभार को मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार एक करोड़ से 10 करोड़ रुपये के बीच कमाई करने वाली घरेलू कंपनियों को सात प्रतिशत की दर से अधिभार देना होगा, जबकि दस करोड़ रुपये से अधिक सालाना आय वाली कंपनियों पर अब 12 प्रतिशत की दर से कर अधिभार लगेगा। फर्मों, सहकारी समितियों और स्थानीय प्राधिकरणों को भी एक करोड़ रुपये से अधिक कमाई पर 12 प्रतिशत की बढ़ी दर से आयकर अधिभार लगेगा।photo3

वित्त मंत्री ने लोकसभा में आज पेश बजट में कालेधन की समस्या से निपटने के लिये नये उपायों की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि इसके लिये एक व्यापक विधेयक लाया जायेगा जिसमें विदेशों में रखी गई आय और संपत्ति के बारे में जानकारी छुपाने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा। विदेशों में रखी गई संपत्ति को अपराध माना जायेगा और इस तरह की छुपाई गई आय और संपत्ति पर 300 प्रतिशत तक का जुर्माना देना होगा तथा इसमें समाधान की छूट नहीं होगी। इस तरह की संपत्ति और आय पर अधिकतम दर से कर लगाया जायेगा तथा किसी तरह की कटौती और छूट नहीं दी जायेगी। विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से जेटली ने विवादित सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियमों (गार) के क्रियान्वयन को दो साल के लिये टाल दिया।photo4

बजट में सामाजिक क्षेत्र की योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के लिये आवंटन बढ़ाने के साथ साथ ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं के लिये 70,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। वित्त मंत्री ने लोगों को सोना खरीदने से दूर करने के प्रयासस्वरूप कर मुक्त ढांचागत बॉंड फिर से जारी करने और सावरेन स्वर्ण बांड शुरू करने की भी घोषणा की है। इस पर निर्धारित दर पर ब्याज देय होगा। विमोचन के समय बांड़ के अंकित मूल्य पर नकदी में राशि का भुगतान किया जायेगा। गरीब और वंचित तबके से जुड़ी सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं में शिक्षा के लिये 68,968 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये 33,152 करोड़ रुपये, मनरेगा सहित ग्रामीण विकास के लिये 77,526 करोड़ रुपये और आवास एवं शहरी विकास के लिये 22,407 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।photo5

रक्षा क्षेत्र का बजट 11 प्रतिशत बढ़ाकर 2,46,727 करोड़ रुपये रखा गया है। चालू वित्त वर्ष के दौरान रक्षा क्षेत्र के लिये 2,22,370 करोड़ रुपये बजट आबंटन किया गया था। वित्त मंत्री ने 2015-16 के लिये कुल 17,77,477 करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया है, जिसमें 13,12,200 करोड रुपये गैर-योजनागत खर्च और 4,65,277 करोड़ रुपये योजना खर्च है। वित्त वर्ष 2014-15 के संशोधित अनुमानों में कुल बजट व्यय 16,81,158 करोड़ रुपये, गैर-योजना व्यय 12,13,224 करोड़ रुपये और योजना व्यय 4,67,934 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। वर्ष 2015-16 में सकल कर प्राप्तियां 14,49,490 करोड़ रुपये। केन्द्रीय करों में राज्यों का हिस्सा 5,23,958 करोड़ तथा राज्यों को मिलने वाली कुल राशि 9,19,842 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वर्ष के दौरान गैर-कर राजस्व 2,21,733 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।photo6

वर्ष 2015-16 के लिये राजकोषीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.9 प्रतिशत और राजस्व घाटा 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इस वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 4.1 प्रतिशत और राजस्व घाटा 2.9 प्रतिशत रहने का संशोधित अनुमान है। वित्त मंत्री ने राजकोषीय घाटे को अगले तीन साल के दौरान घटाकर तीन प्रतिशत पर लाने की घोषणा की है। अप्रत्यक्ष करों में कच्चे माल पर मूल सीमा शुल्क दर और चमड़े के जूते, चप्पलों पर उत्पाद शुल्क कम किया गया है। दूसरी तरफ 65 मिमी से लंबी सिगरेट पर उत्पाद शुल्क में 25 प्रतिशत, अन्य सिगरेटों पर 15 प्रतिशत वृद्धि की गई है। स्मार्ट कार्ड के इंटरनल सर्किट (आईसी), मोबाइल फोन, एलईडी ड्राइवर्स और एलईडी लाइट में इस्तेमाल होने वाले सामान सहित कई तरह के इलेक्ट्रानिक्स सामान और हार्डवेयर सामानों पर उत्पाद शुल्क में कमी की गई है।photo7

वित्त मंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान और स्वच्छ गंगा कोष में कारपोरेट सामाजिक जवाबदेही :सीएसआर: के तहत योगदान पर शतप्रतिशत कर कटौती उपलब्ध होगी। जेटली ने कहा कि उनके प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों से जहां 8,315 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा, वहीं अप्रत्यक्ष कर प्रस्तावों से उन्हें 23,383 करोड़ रुपये की आय होगी। कर प्रस्तावों से कुल मिलाकर अगले वित्त वर्ष में 15,068 करोड़ रपये की अतिरिक्त राजस्व प्राप्ति का अनुमान है। दो प्रतिशत के शिक्षा उपकर और एक प्रतिशत के उच्च शिक्षा उपकर को 2015-16 में जारी रखा गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि राजग सरकार के पिछले नौ महीने के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था में नाटकीय ढंग से बदलाव आया है और चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो कि जीडीपी गणना के नये आधार वर्ष के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में 6.9 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि 8 से 8.5 प्रतिशत और जल्द ही दहाई अंक तक पहुंचने की उम्मीद है। जेटली ने कहा कि वृहद आर्थिक स्थायित्व के साथ साथ गरीबी उन्मूलन, रोजगार सजन और टिकाउ द्विअंकीय आर्थिक वृद्धि की स्थिति को बहाल किया गया है।photo8

वित्त मंत्री ने कहा कि देश में पासा पलटने वाले दो सुधारों को शुरू किया जा रहा है। पहला- वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) जिसे एक अप्रैल 2016 से अमल में लाया जायेगा। यह अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में बड़ा बदलाव होगा। दूसरा- जनधन खाता, आधार और मोबाइल की तीन तकनीक आधारित योजनाओं का इस्तेमाल सरकारी सहायता के नकद हस्तांतरण में किया जा रहा है। इससे सहायता के दुरपयोग और लक्षित व्यक्ति तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष पांच चुनौतियां गिनाई। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में आय दबाव में है। ढांचागत परियोजनाओं में निजी क्षेत्र का निवेश कमजोर है। विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट, राज्यों को केन्द्रीय करों में अधिक हिस्सा मिलने से संसाधनों की तंगी और राजकोषीय अनुशासन को बनाये रखना ये पांच चुनौतियां हैं।photo9

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में तमाम चुनौतियों के बावजूद 4.1 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा। राजकोषीय घाटे को दो साल के बजाय अगले तीन साल के दौरान जीडीपी के तीन प्रतिशत पर लाने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने पर जोर दिया। सब्सिडी को सीधे लक्ष्य तक पहुंचाने और दुरुपयोग रोकने के लिये शुरू में वजीफे के तौर पर दी जाने वाली सहायता को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना के तहत लाया गया। अब दूसरे लाभ भी इसमें शामिल किये जा रहे हैं। एलपीजी सब्सिडी सहित विभिन्न सहायता योजनाओं का लाभ इसके तहत आने से कुल 10.3 करोड़ लोग इसके दायरे में आ चुके हैं।photo10

जेटली ने प्रधानमंत्री कषि सिंचाई योजना के लिये 5,300 करोड़ रुपये आवंटित किये है। इसमें जल संभरण और लघु सिंचाई योजनाओं को समर्थन दिया जायेगा। लघु और सीमांत किसानों पर विशेष ध्यान देते हुये वित्त मंत्री ने ग्रामीण ढांचागत विकास कोष (आईआईडीएफ) में 25,000 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव किया है। यह कोष नाबार्ड के तहत गठित किया गया है। इसके अलावा दीर्घकालिक ग्रामीण ऋण कोष के लिये 15,000 करोड़ रुपये, अल्पकालिक सहकारी ग्रामीण ऋण पुनर्वित कोष के लिये 45,000 करोड़ रुपये और अल्पकालिक आरआरबी पुनर्वित्त कोष के लिये 15,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि 2015-16 के दौरान कृषि ऋण वितरण का 8.5 लाख करोड़ रुपये का महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने सूक्ष्म एवं लघु इकाइयों और छोटे कारोबारियों की वित्त संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिये 20,000 करोड़ रुपये की राशि से सूक्ष्म इकाई विकास पुनर्वित एजेंसी यानी मुद्रा बैंक बनाने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लघु वित्त संस्थानों को पुनर्वित सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 3,000 करोड़ रुपये का ऋण गारंटी कोष बनाने की भी घोषणा की है।photo11

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना नाम से एक नई बीमा योजना की घोषणा की गई है। इस योजना में मात्र 12 रुपये सालाना प्रीमियम पर दो लाख रपये तक का दुर्घटना बीमा किया जा सकेगा। इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से अटल पेंशन योजना की घोषणा की गई है जिसमें योगदान के अनुसार पेंशन की सुविधा दी जायेगी। बजट में 18 से 50 वर्ष के आयु वर्ग में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की भी घोषणा की गई है। इसमें स्वाभाविक और दुर्घटना दोनों तरह से होने वाली मौत पर दो लाख रुपये की बीमा राशि मिलेगी और 330 रुपये का प्रीमियम होगा।photo12

जेटली ने कहा कि सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) दोनों तरह के कोष में पड़ी कुल 9,000 करोड़ रुपये की राशि को एक अलग कोष में डाला जायेगा, जिसका इस्तेमाल वरिष्ठ नागरिकों के लिये चलाई जाने वाली सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के प्रीमियम पर दी जाने वाली सहायता में किया जायेगा। उन्होंने 20,000 करोड़ रुपये सालाना प्रवाह के साथ राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) बनाने की भी घोषणा की। ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुये वित्त मंत्री ने सड़कों के लिये 14,031 करोड़ रुपये और रेलवे को दी जाने वाली सकल बजटीय सहायता 10,050 करोड़ रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि 2015-16 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां 80,844 करोड़ रुपये अधिक खर्च कर कुल 3,17,889 करोड़ रुपये का पूंजीव्यय करेंगी।photo13

वित्त मंत्री ने ढांचागत विकास के लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) योजनाओं के मॉडल की समीक्षा और उसमें नई जान फूंकने की भी घोषणा की। उन्होंने रेल, सड़क और सिंचाई क्षेत्र की परियोजनाओं के लिये कर मुक्त ढांचागत क्षेत्र बॉंड जारी करने की अनुमति देने की मंशा भी जाहिर की। सभी को बिजली उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिये सरकार ने प्रत्येक 4,000 मेगावाट की पांच नई अल्ट्रा मेगा बिजली परियोजनायें स्थापित करने की भी घोषणा की है।photo14

देश को निवेश को बढ़ावा देने के लिये वित्त मंत्री ने एक लोक रिण प्रबंधन एजेंसी स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। देश के बाहरी ऋण और घरेलू ऋण दोनों की ही देखरेख इस एजेंसी के तहत लाई जायेगी। वित्त मंत्री ने उपभोक्ता जिंस बाजारों का नियमन करने वाले वायदा बाजार आयोग और शेयर बाजार नियामक सेबी दोनों का विलय करने का भी बजट में प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि इससे उपभोक्ता जिंस वायदा बाजार और बड़े पैमाने पर होने वाली सटटेबाजी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। जेटली ने अशोक चक्र के निशान के साथ देश में ही सोने के सिक्के बनाने की घोषणा की।photo15

कालेधन से जुड़े लेनदेन पर अंकुश लगाने के लिये उन्होंने एक नये और व्यापक बेनामी सौदा (निरोधक) विधेयक संसद के चालू सत्र में ही पेश करने की घोषणा की। इस कानून के तहत बेनामी सौदों के जरिये खरीदी गई संपत्ति खरीदने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी। इससे रीयल एस्टेट क्षेत्र में बेनामी संपत्ति के तौर पर रखे जाने वाले कालेधन पर अंकुश लगेगा। इस कड़ी में एक और कदम के तहत एक लाख रपये से अधिक के लेनदेन पर स्थायी खाता संख्या (पैन) का उल्लेख अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कर चोरी का असर कम से कम करने के लिये 22 वस्तुओं पर कई तरह के इनपुट, कच्चे माल, मध्यवर्ती और कलपुर्जों पर आयात शुल्क की मूल दर में कमी का प्रस्ताव है।photo16

बड़े अमीरों पर संपत्ति कर समाप्त करने से जहां 1,008 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा वहीं दो प्रतिशत के अतिरिक्त अधिभार से 9,000 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। विवेकाधीन अधिकारों के इस्तेमाल की गुंजाइश को दूर करते हुये जेटली ने इसके लिये पांच करोड़ रुपये की सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया है। जेटली ने सेवाकर पर लगने वाले तीन प्रतिशत के शिक्षा उपकर सहित सेवाकर की दर को मौजूदा 12.36 प्रतिशत से बढ़ाकर एकमुश्त 14 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी क्रियान्वयन की सुविधा को देखते हुये यह कदम उठाया गया है।photo17

वित्त मंत्री ने उत्पाद शुल्क पर लगने वाले शिक्षा और सैकंडरी तथा उच्च शिक्षा उपकर को उसमें समाहित करते हुये केन्द्रीय उत्पाद शुल्क की सामान्य दर को 12.36 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है। मूल्यानुसार लगने वाली उत्पाद शुल्क की 12 प्रतिशत से कम और 12 प्रतिशत से ऊंची दर में वृद्धि का कोई प्रस्ताव नहीं है। बजट में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) पर न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) प्रावधानों को भी तर्कसंगत बनाया गया है। एफआईआई को शेयरों की खरीद फरोख्त से होने वाले पूंजीगत लाभ पर जो निम्न दर से कर लगता है, उस पर अब मैट लागू नहीं होगा। आईटीए वस्तुओं के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाली, पापुलेटिड प्रिंटेड सर्किट बोडर्स, को छोड़कर सभी वस्तुओं को विशेष अतिरिक्त शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। हालांकि, यह छूट वास्तविक इस्तेमाल की शर्त पर होगी। कुछ अन्य आयातों और कच्चे माल पर भी विशेष अतिरिक्त ड्यूटी कम किया जायेगा।photo18

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