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हालात से टूटे एक इंसान का सुसाइड नोट पढ़िए

हालात से टूटे उत्तर प्रदेश में डीरेका के सीनियर सेक्शन इंजीनियर संतोष कुमार सिंह (47) ने ऐसा आत्मघाती कदम उठाया कि सुनकर लोगों की रूह कांप गई। आठ महीने में पत्नी, पिता और बेटे की मौत से आहत संतोष ने...

हालात से टूटे एक इंसान का सुसाइड नोट पढ़िए
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 28 Aug 2015 03:05 PM
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हालात से टूटे उत्तर प्रदेश में डीरेका के सीनियर सेक्शन इंजीनियर संतोष कुमार सिंह (47) ने ऐसा आत्मघाती कदम उठाया कि सुनकर लोगों की रूह कांप गई। आठ महीने में पत्नी, पिता और बेटे की मौत से आहत संतोष ने शुक्रवार की भोर में पहले 11 वर्ष की बेटी की गला घोंटा, फिर खुद भी फांसी पर झूल गया। दो पेज के सुसाइड नोट में उसने अपनी बेबसी कही है। मंडुवाडीह पुलिस ने परिवार को सूचना देने के साथ ही दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

डीरेका में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर तैनात संतोष कुमार सिंह जलालीपट्टी स्थित आवास संख्या-488(ए) में रहते थे। पिछले आठ महीनों में कैंसर पीडि़त पत्नी कुमुद, अज्ञात बीमारी से ग्रस्त बेटे विवेक और पिता गोवर्धन सिंह की मौत के बाद वह टूट से गए थे।

बड़ा बेटा अभिषेक दिल्ली में बीटेक की पढ़ाई कर रहा है, जबकि छोटी बेटी साक्षी (11) पिता के साथ रहकर कक्षा-6 में पढ़ रही थी। शुक्रवार की भोर में घर में रखी रस्सी से संतोष ने कमरे में सो रही साक्षी का गला दबा दिया। बेटी की मौत के बाद उसने घर के आंगन में लगे आम के पेड़ में फंदा डाला और खुद भी फांसी से झूल गया। आसपास के लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में ले लिया।

संतोष ने अपने सुसाइड नोट में पत्नी, बेटे और पिता की मौत का जिक्र करते हुए अपनी बेबसी बयां की है। उसने लिखा कि पत्नी लगभग ठीक हो चुकी थी कि अचानक उसकी मौत हो गई। जान से प्यारे बेटे का भी तमाम इलाज कराया मगर उसे बचा नहीं सका। संतोष ने भाई कमलेश और बेटे अभिषेक से माफी मांगी है और यह भी लिखा कि साक्षी अगर लड़का होती तो वह उसे परिवार के आसरे छोड़ देता मगर बेटी को वह किसी पर बोझ नहीं बनाना चाहता, इसलिए उसकी भी जान ले रहा है। भाई और भतीजी की मौत की सूचना पर छोटा भाई कमलेश डीरेका पहुंचा था।

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