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कई देशों के लिए खतरनाक हो सकते हैं सीरिया से लौटे लड़ाके

सीरियाई सरकार के खिलाफ सक्रिय आतंकी संगठनों के लिए लड़ने वाले विदेशी जेहादी अब स्वदेश लौट रहे हैं और अपने वतन के लिए टाइम बम बन गए हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के...

कई देशों के लिए खतरनाक हो सकते हैं सीरिया से लौटे लड़ाके
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 16 Dec 2014 10:10 AM
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सीरियाई सरकार के खिलाफ सक्रिय आतंकी संगठनों के लिए लड़ने वाले विदेशी जेहादी अब स्वदेश लौट रहे हैं और अपने वतन के लिए टाइम बम बन गए हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के लिए गुरिल्ला लड़ाई लड़कर, हथियारों का प्रशिक्षण पाने के साथ ये लड़ाके और कट्टर हो गए हैं। अब ये देश के भीतर छोटी-बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं या जेहादी मानसिकता वाले लोगों या संगठनों को एकजुट कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्राथमिक आतंकवाद विरोधी संस्था, कांउटर टेरेरिज्म एक्जिक्यूटिव डाइयरेक्टोरेट (सीटीईडी) के कानूनी ग्रुप के प्रमुख डेविड चेरिया के मुताबिक वापस लौट रहे ये आतंकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके हैं। चेरिया कहते हैं कि आईएस के पतन के बाद विदेशी लड़ाकों की वापसी की रफ्तार और बढ़ेगी। चिंता की बात यह है कि ये युवा पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं और धार्मिक रूप से कट्टर। उन्हें लड़ने का अनुभव है। तकनीकी रूप से सबल और शिक्षित होने की वजह से यह अपने मुल्कों के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।

चेरिया के मुताबिक खासतौर पर उन मुल्कों को ज्यादा खतरा है, जहां पर पहले से कट्टरपंथी संगठन सक्रिय हैं। अधिकतर लड़ाके 20 साल से कम उम्र के हैं और इससे खतरा और भी बढ़ जाता है, क्योंकि इस उम्र में ऊर्जा अपने चरम पर होती है।

कई देशों ने सख्त किए नियम
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम जैसे कई यूरोपीय देशों ने अपने कानूनों में बदलाव कर सीरिया से लौटने वाले जेहादियों को जेल भेजने की योजना बनाई है। इसके साथ ही ये मुल्क संदिग्धों को देश से बाहर जाने से रोकने के भी उपाय कर रहे हैं। इस वर्ष अकेले ब्रिटेन ने 218 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। साथ ही जिन लोगों की सीरिया में आईएस की ओर से लड़ने की पुष्टि हो गई है, उनके पासपोर्ट रद्द कर दिए गए हैं।

ऑस्ट्रेलिया वापस लौटे 20 जेहादी
ऑस्ट्रेलिया खुफिया एजेंसी के मुताबिक उसके करीब 110 लड़ाके सीरिया और इराक में आईएस की ओर से लड़ने गए थे। इनमें से 20 की मौत हो गई है, जबकि इतने ही वापस लौटे हैं।

भारत का आरिफ भी इसी की कड़ी
मुंबई के कल्याण से सीरिया में आईएस के लिए लड़ने गया आरिफ माजिद भी पिछले महीने वापस लौट आया था। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि पूछताछ से साबित होता है कि उसे अपने कृत्य पर कोई अफसोस नहीं है।

डेनमार्क की अनूठी पहल
दुनिया के सबसे खुशहाल देशों में से एक डेनमार्क ने सीरिया से लौट रहे जेहादियों के लिए दूसरे सबसे बड़े शहर अरहस में पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किया है। लौटने वाले जेहादियों को मनोचिकित्सकों की सलाह, आवास और रोजगार हासिल करने में सरकार की जा रही है। हालांकि, अदालत से अपराध साबित होने की स्थिति में उन्हें जेल की सजा सुनाई जाती है।

इन जेहादियों की वापसी से आने वाले दिनों में पश्चिम सहित दुनिया के कई देशों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए उसके जड़ में जाना होगा।
- डेविड शेरिया, सीटीईडी के कानूनी ग्रुप के प्रमुख

कुछ अहम देशों से गए लड़ाकों की संख्या

ब्रिटेन: 366
बेल्जियम: 266
फ्रांस: 412   
नीदरलैंड: 152   
डेनमार्क: 100   
स्पेन: 95    
स्वीडन: 87   
ऑस्ट्रिया: 60   

एबॉट ने कुछ माह में जेहादियों के खिलाफ दिखाई थी सख्ती
सीरिया और इराक की सरकारों के खिलाफ हथियार उठाए आईएसआईएस, अल नुसरा और अन्य आतंकी संगठनों के लिए ऑस्ट्रेलिया के सैकड़ों लड़ाके भी पिछले दो सालों में हिंसाग्रस्त इलाकों में पहुंचने में कामयाब रहे। ऐसी खबरों के बाद प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने देश में जेहाद समर्थित संगठनों और कट्टरपंथियों पर सख्ती बरतनी शुरू की। ताजा बंधक प्रकरण को भी एबॉट की ऐसी सख्ती का जवाब माना जा रहा है।

27 अगस्त: ऑस्ट्रेलिया ने कानून बनाकर आतंकरोधी यूनिट बनाकर सख्ती शुरू की।
12 सिंतबर: ऑस्ट्रेलिया ने आतंकी हमलों की आशंका के अलर्ट को मीडियम से हाई किया।
18 सितंबर: 600 सैनिक भेजे ऑस्ट्रेलिया ने आईएसआईएस के खिलाफ अमेरिकी अभियान में।
03 अक्तूबर: ऑस्ट्रेलिया ने आईएसआईएस के खिलाफ हवाई हमलों की इजाजत दी।
04 दिसंबर: ऑस्ट्रेलिया ने नागरिकों पर सीरियाई शहर रक्का जाने पर रोक लगाई गई।

आतंकरोधी कानून ने कसा शिकंजा
05 साल तक जेल, युवकों को जिहाद के लिए भड़काने वाले नागरिकों को।
14 दिन तक पासपोर्ट निलंबित करने का हक हिरासत मे लिए गए संदिग्ध का।
05 साल तक जेल संभव, विशेष खुफिया अभियानों का खुलासा करने पर।
तलाशी अभियान के लिए पुलिस को सख्ती करने के कठोर अधिकार दिए गए।
इराक और सीरिया के हिंसाग्रस्त घोषित इलाकों में जाना गैरकानूनी किया गया।
सीरिया जैसे क्षेत्रों में आतंकियों का साथ देने वाले नागरिकों की वापसी पर रोक।
आतंकरोधी अभियानों के दौरान किसी नागरिक या आपराधिक कार्रवाई से सुरक्षाकर्मियों को छूट।
किसी आतंकी संगठन में शामिल होने गए नागरिक को परिवार की ओर से पैसा भेजने पर रोक।

113 ऑस्ट्रेलियाई मारे जा चुके हैं आतंकवाद में 36 सालों में
(ये सभी मौतें ऑस्ट्रेलिया से बाहर आतंकी हमलों में हुईं)
2013 के नैरोबी में वेस्टगेट शॉपिंग सेंटर हमले में एक की मौत
2009 जकार्ता बम धमाकों में 02 ऑस्ट्रेलियाई मारे गए
2005 के बाली बम धमाकों में 04 ऑस्ट्रेलियाई मारे गए
12 अक्तबूर 2002 के कुटा धमाकों में 88 ऑस्ट्रेलियाई की मौत

भीड़भाड़ के वक्त कैफे में दाखिल हुआ हमलावर
तमाम कार्यालयों, दूतावास और बैंकों की जगह मार्टिन प्लेस इलाके के लिंट कैफे में हमलावर सुनियोजित तरीके से सुबह ऐसे वक्त पहुंचा, जब कर्मचारी कार्यालय पहुंच रहे थे। सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, उसे पता था दिन के वक्त कर्मचारियों को बंधक बनाना और कैफे के अंदर किलेबंदी करना आसान है।

04.30 बजे : ऑस्ट्रेलियाई समयानुसार सुबह 09:30 बजे बंदूकधारी लिंट चॉकलेट कैफे में घुसा।
04.45 बजे: कैफे पहुंची एक महिला ने पुलिस को अनहोनी की सूचना दी। बंधक प्रकरण का पता चल पाया। अरबी भाषा में काले कपड़े में लिखे संदेश को लेकर बंधक को शीशे के सहारे खड़ा होने को मजबूर किया।
05.15 बजे: पुलिस ने 150 मीटर के इलाके को कब्जे में लिया, स्पेशल पुलिस और टैक्टिकल यूनिट तैनात।
5.17 बजे: पुलिस ने सिडनी के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट जाने के रास्ते बंद किए। रेलवे स्टेशन और हार्बर ब्रिज बंद किया गया।
05.27 बजे: इमारत के अंदर से कथित तौर पर अलकायदा समर्थित संगठन अल नुसरा का झंडा फहराया गया।
05: 45 बजे: अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया में रह रहे अपने नागरिकों को आपातकालीन संदेश भेजा।
05.55 बजे: एबॉट की अध्यक्षता में ऑस्ट्रेलियाई कैबिनेट की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक का फैसला।
06.00 बजे: प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने राष्ट्र के नाम संबोधन में घटना की जानकारी देशवासियों को दी।
06.10 बजे: चैनल 7 ने काले कपड़े पहने सफेद दाढ़ी वाले और सिर पर इस्लामिक संदेश लिखी पट्टी पहने संदिग्ध हमलावर की तस्वीर जारी की। झंडे पर लिखे शब्दों को पढ़ा गया, इस पर लिखा था कि अल्लाह के अलावा दुनिया में कोई और प्रार्थना के योग्य नहीं है।
06.21 बजे: न्यूसाउथ वेल्स पुलिस ने कैफे के अंदर मौजूद लोगों से फोन पर संपर्क का प्रयास किया। बंधकों को इमारतों के शीशों से दूर रहने को कहा गया।
06.30 बजे: हमलावर ने मार्टिन प्लेस की कई इमारतों में बम लगाने का दावा किया। उसने ऑस्ट्रेलियाई पीएम से बात करने की मांग रखी। चैनल 7 की इमारत, ओपेरा हाउस, न्यूसाउथ वेल्स की संसद के कार्यालय, सुप्रीम कोर्ट परिसर को खाली कराया गया।
06.40 बजे: घटनास्थल से 200 मीटर दूर एक शख्स को गिरफ्तार किया गया। उसके पास हैंडगन जैसी कोई वस्तु बरामद हुई।
07.25 बजे: ऑस्ट्रेलिया संसद के नेता विपक्ष बिल शार्टेन ने एबॉट सरकार को पूरे समर्थन का वादा किया और कहा कि संकट की घड़ी में हम एकजुट हैं।
08 बजे: न्यूसाउथ वेल्स पुलिस आयुक्त एंड्रयू सिपियोने ने बंधक प्रकरण के आतंकी कार्रवाई होने का ऐलान किया और बंधकों की सुरक्षित निकासी को अपनी प्राथमिकता बताया।
08.20 बजे: क्वींसलैंड के पुलिस आयुक्त इयान स्टीवार्ट ने कहा, उन्हें पता चला है कि इमारत में विस्फोटक उपकरण लगाए गए हैं।
08.47 बजे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण बताया और बंधकों की सुरक्षा की कामना की।
09.00 बजे: सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में सीबीए, वेस्टपैक, एनबीए और एएनजेड जैसे बड़े बैंकों ने अपने कार्यालयों को बंद किया। ऑस्ट्रेलिया के रिजर्व बैंक ने काम जारी रखा। हाइड पार्क भी बंद कराया गया।
10.07 बजे: तीन पुरुष कैफे से भाग निकले। इसमें दो लिंट कैफे में आए ग्राहक और वहां का कर्मचारी था।
10.20 बजे: न्यूसाउथ वेल्स पुलिस उपायुक्त कैथरीन बर्न ने कैफे में करीब 15 बंधक होने और उनके सकुशल होने की पुष्टि की।
10.47 बजे : राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की कैबिनेट बैठक हुई। प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने फिर जनता को संबोधित किया।
11.30 बजे: कैफे के अंदर से दो महिलाएं भी निकल भागीं। उन्हें सुरक्षित जगह पर ले जाया गया।
03.13 बजे: सिडनी में रात 08.43 बजे हमलावर ने कैफे की लाइटें बंद करवाईं।

 

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