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तीन पूर्व प्रधान न्यायाधीशों ने किए अनुचित समझौतेः काटजू

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और वर्तमान में भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने आज यह आरोप लगाकर एक विवाद खड़ा कर दिया कि तीन पूर्व प्रधान न्यायाधीशों ने संप्रग सरकार के इशारे पर...

तीन पूर्व प्रधान न्यायाधीशों ने किए अनुचित समझौतेः काटजू
एजेंसीMon, 21 Jul 2014 01:07 PM
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उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और वर्तमान में भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने आज यह आरोप लगाकर एक विवाद खड़ा कर दिया कि तीन पूर्व प्रधान न्यायाधीशों ने संप्रग सरकार के इशारे पर मद्रास उच्च न्यायालय के एक अतिरिक्त न्यायाधीश को विस्तार देने के मामले में समझौता किया था और संप्रग ने ऐसा इसके एक सहयोगी, स्पष्टत: द्रमुक के दबाव में किया।

काटजू ने आरोप लगाया कि तीन पूर्व प्रधान न्यायाधीशों आरसी लाहोटी, वाईके सभरवाल और केजी बालकृष्णन ने न्यायाधीश, जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप थे, को सेवा में बने रहने देने की अनुमति देकर अनुचित समझौते किए। मद्रास उच्च न्यायालय में 2004 में मुख्य न्यायाधीश रहे और बाद में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बनने वाले काटजू ने कहा कि तीन पूर्व प्रधान न्यायाधीशों ने अनुचित समझौते किए। न्यायमूर्ति लाहोटी जिन्होंने इसे शुरू किया, फिर न्यायमूर्ति सभरवाल और न्यायमूर्ति बालकृष्णन। ये प्रधान न्यायाधीश हैं जिन्होंने यह समर्पण किया। क्या कोई प्रधान न्यायाधीश राजनीतिक दबाव के आगे समर्पण करने जा रहा है या राजनीतिक दबाव के सामने समर्पण करने नहीं जा रहा।

काटजू ने कहा कि उन्हें बहुत सी रिपोर्ट मिलीं कि संबंधित अतिरिक्त न्यायाधीश कथित तौर पर भ्रष्टाचार में लिप्त थे और उन्होंने तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश लाहोटी से संबंधित न्यायाधीश के बारे में खुफिया ब्यूरो से गोपनीय जांच कराए जाने का आग्रह किया था।

 

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