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नटवर सिंह की आत्मकथा पर मचा सियासी तूफान

पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह की आत्मकथा को लेकर सियासी तूफान जारी है। नटवर सिंह पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज पलटवार किया कि वह अपनी किताब के साथ सामने आएंगी, जिसमें सच का...

नटवर सिंह की आत्मकथा पर मचा सियासी तूफान
एजेंसीFri, 01 Aug 2014 01:33 AM
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पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह की आत्मकथा को लेकर सियासी तूफान जारी है। नटवर सिंह पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज पलटवार किया कि वह अपनी किताब के साथ सामने आएंगी, जिसमें सच का खुलासा होगा।
    
सोनिया को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी समर्थन मिला। मनमोहन ने सोनिया का प्रधानमंत्री पद स्वीकार करने से इनकार और कई मुद्दों पर नटवर सिंह की टिप्पणियों को मार्केटिंग का तरीका करार दिया। सोनिया ने संसद भवन में संवाददाताओं से कहा कि मैं खुद अपनी किताब लिखूंगी और तब आपको सब कुछ पता चल जाएगा, सच्चाई तभी सामने आएगी जब मैं लिखूंगी, मैं इस बारे में गंभीर हूं और मैं किताब लिखूंगी।
    
सोनिया नटवर सिंह की आत्मकथा से पैदा हुए विवाद के बारे में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया जाहिर कर रही थीं। आत्मकथा में नटवर सिंह ने दावा किया है कि राहुल गांधी को डर था कि प्रधानमंत्री बनने पर सोनिया की जान को खतरा हो सकता है, इसलिए उन्होंने उन्हें प्रधानमंत्री पद स्वीकार करने से मना कर दिया। नटवर के इस दावे से सोनिया के उस बयान पर विरोधाभास पैदा होता है कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर शीर्ष पद हासिल करने से इनकार कर दिया।
    
सोनिया ने कहा कि नटवर सिंह के खुलासों से उन्हें कोई दुख नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने अपने पति राजीव गांधी की हत्या और अपनी सास इंदिरा गांधी को गोलियों से छलनी देखा है। उन्होंने कहा, मैं इन चीजों से बिल्कुल दुखी नहीं होती। इन चीजों से मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता। नटवर सिंह (83) किसी जमाने में गांधी परिवार के नजदीकी हुआ करते थे पर 2008 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। इराकी तेल के बदले अनाज घोटाले के मद्देनजर उन्हें 2005 में यूपीए-1 सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

नटवर सिंह की आत्मकथा वन लाइफ इज नॉट इनफ: ऐन ऑटोबायोग्राफी कल बाजार में आएगी। नटवर सिंह ने आज सोनिया गांधी के इतालवी मूल का मुद्दा भी उछाल दिया और कहा कि सोनिया के क्रूर बर्ताव की यही वजह थी क्योंकि किसी भारतीय ने मुझसे ऐसा बर्ताव नहीं किया होता जैसा उन्होंने मेरे साथ किया।
   
पूर्व विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि स्पष्ट विवरण उददेश्यों के बगैर ही तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1987 में भारतीय शांति रक्षा बल को श्रीलंका भेजा था और उनकी श्रीलंकाई नीति की वजह से ही उनकी हत्या हुई। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सोनिया की तुलना में राजीव के ज्यादा करीबी थे, इस पर नटवर सिंह ने तपाक से कहा कि ऐसा इसलिए था क्योंकि उन्होंने ऐसा बर्ताव नहीं किया जैसा उनकी पत्नी ने किया।
   
उन्होंने कहा कि कोई भी भारतीय किसी ऐसे शख्स से ऐसा बर्ताव नहीं करेगा जो 45 साल तक परिवार का वफादार रहा है, उनका बहुत करीबी रहा है और उनसे 30 साल उम्र में बड़ा रहा है, ऐसा भारत में नहीं किया जाता। (सोनिया का) एक हिस्सा है, जो क्रूर है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह उनका इतालवी हिस्सा था, इस पर नटवर सिंह ने कहा कि और क्या हो सकता है, इसका कुछ हिस्सा भारतीय नहीं है।
   
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी ऐसे नहीं होते। नटवर के दावों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, यह अपने उत्पाद की मार्केटिंग का उनका तरीका है। उन्होंने कहा कि पूंजीगत फायदों के लिए निजी बातचीत को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए।

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