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तबाही का जायजा लेने नरेंद्र मोदी पहुंचे विशाखापत्तनम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवात हुदहुद से पैदा हुई स्थिति का जायजा लेने आज विशाखापत्तनम पहुंच गए हैं। चक्रवाती तूफान में 21 लोगों की जान गई है और यह तटीय आंध्र प्रदेश में अपने पीछे भारी तबाही के...

तबाही का जायजा लेने नरेंद्र मोदी पहुंचे विशाखापत्तनम
एजेंसीTue, 14 Oct 2014 05:47 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवात हुदहुद से पैदा हुई स्थिति का जायजा लेने आज विशाखापत्तनम पहुंच गए हैं। चक्रवाती तूफान में 21 लोगों की जान गई है और यह तटीय आंध्र प्रदेश में अपने पीछे भारी तबाही के निशान छोड़ गया है। आंध्र प्रदेश सरकार के सलाहकार (संचार) परकला प्रभाकर के अनुसार मोदी विशाखापत्तनम का दौरा करेंगे और दोपहर बाद शहर का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। राहत अभियान पर नजर रखने के लिए बंदरगाह शहर में पहले से ही डेरा डाले मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा भारी तबाही के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराए जाने की उम्मीद है।

नायडू ने केंद्र से आग्रह किया है कि वह भीषण चक्रवाती तूफान से हुए नुकसान को राष्ट्रीय आपदा के रूप में माने। आंध्र प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने आज सुबह एक बयान में कहा कि चक्रवात से मरने वालों की संख्या 21 हो गई है। प्रभाकर ने कल कहा था कि अधिकतर मौतें लोगों के उपर पेड़ गिरने की घटनाओं में हुईं।

विभाग ने बताया कि 1.35 लाख लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं और 5,62,000 लोगों को भोजन मुहैया कराया जा रहा है। देश के पूर्वी तटीय क्षेत्र में बसे खूबसूरत शहर विशाखापत्तनम में हर ओर तबाही के निशान नजर आते हैं। इस बड़े औद्योगिक, शैक्षिक और पर्यटन केंद्र के निवासियों को चक्रवात में विद्युत एवं संचार प्रणाली नष्ट हो जाने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बहुत से लोगों ने दूध, भोजन और पेट्रोल जैसी अत्यावश्यक चीजों की किल्लत की शिकायत की। स्थिति का लाभ उठकार कुछ व्यापारी अत्यावश्यक चीजों को काफी उंचे दामों पर बेच रहे हैं।

कल कुछ सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले नायडू एक पेट्रोल पंप पहुंचे और लोगों की समस्याओं के बारे में जाना। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचल बल (एनडीआरएफ) और सेना की मदद से कल युद्धस्तर पर राहत अभियान शुरू किया और मलबा हटाकर कुछ बड़े मार्गों को वाहनों के आवागमन के लिए खोला। उत्तर तटीय आंध्र में विशाखापत्तनम के अतिरिक्त श्रीकाकुलम, विजियानगरम और पूर्वी गोदावरी जिलों में भी काफी नुकसान हुआ है। गत रविवार को चक्रवात जब टकराया और तट को पार किया तो 170-180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली भीषण हवाओं से पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए तथा समूचे शहर में कच्चे मकानों की छतें उड़ गईं।

50 रुपये में मिल रही है पानी की बोतल

चक्रवात हुदहुद के कारण विशाखापत्तनम में मची तबाही के बाद लोगों को दूध, पेयजल, सब्जियों और पेट्रोल जैसी जरूरी वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। यहां बिजली आपूर्ति भी अब तक बहाल नहीं हो सकी है। कुछ निवासियों ने शिकायत की है कि उन्हें पीने का पानी और दूध नहीं मिल रहा है। पेट्रोल भरवाने के लिए पेट्रोल स्टेशनों पर लोग लंबी-लंबी कतारों में इंतजार करते देखे गए।

एक निवासी ने हाथ जोड़कर गुहार लगाते हुए कहा, कृपया विशाखापत्तनम के लोगों के लिए पीने का पानी और अन्य जरूरी वस्तुएं दे दीजिए। मैंने अब तक अपने जीवन में ऐसी बुरी स्थिति नहीं देखी है। एक गुस्साए निवासी ने कहा, पीने के पानी और दूध दोनों की ही कीमतें 20-20 रुपये है, लेकिन उन्हें 50 रूपए में बेचा जा रहा है और कालाबाजारी करने वाले इस मुश्किल स्थिति का भी फायदा उठा रहे हैं। विशाखापत्तनम की तस्वीर यहां आए चक्रवात के कारण मची तबाही की दास्तां कहती है। सड़कों पर जड़ों के साथ उखड़े पेड़ और उनकी शाखाएं, बिजली के खंभे और तारें आदि पड़ी हैं। बाकी के काफी मलबे को साफ किया जा चुका है। इस चक्रवात के कारण जिले में 15 मौतें हो गईं और जिले में स्थितियों के वापस सामान्य होने के लिए संघर्ष जारी है।

विशाखापत्तनम हवाई अड्डा क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां यात्री टर्मिनल उजड़ गए हैं और छत उड़ गई है। अधिकारियों ने कहा कि मत्स्य पत्तन पर भी चक्रवात का कहर बरपा है। कई नौकाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं और डूब रही हैं। जरूरी वस्तुओं की कमी से जुड़ी शिकायतों के बारे में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से पूछा गया तो उन्हें इसे कृत्रिम अभाव बताया। उन्होंने विशाखापत्तनम में संवाददाताओं को बताया कि शाम तक मैं स्थिति सामान्य कर देना चाहता हूं। कल सुबह तक हर किसी के पास दूध, पानी समेत मूल जरूरत की सभी वस्तुएं होनी चाहिए। चक्रवाती तूफान के कारण हुई तबाही पर उन्होंने कहा कि लोग मुश्किल में हैं, वे विपत्ति में हैं। हमारा कर्तव्य अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना है। मुख्यमंत्री ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि वे जिस भी तरीके से चाहें, राहत एवं पुर्नवास कार्यों में मदद करें। उन्होंने कहा कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी है।

मप्र: भारी बारिश से तीन लोगों की मौत

चक्रवात हुदहुद के दौरान हुई तेज बारिश के कारण मध्यप्रदेश के रीवा जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर गोविन्दगढ़ कस्बे के निकट एक मकान के ढहने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की आज तड़के मौत हो गई और एक बालिका घायल हो गई। गोविन्दगढ़ पुलिस थाना प्रभारी एस एस राजपूत ने आज बताया कि यह घटना सोमवार एवं मंगलवार की रात एक से दो बजे के बीच गोविन्दगढ़ कस्बे के निकट उस समय हुई, जब भगवानदास सोनी का घर तेज बारिश के कारण अचानक ढ़ह गया। उन्होंने कहा कि रीवा जिले में कल शाम से चक्रवात हुदहुद आने से तूफान और भारी वर्षा लगातार हो रही है।

राजपूत ने बताया कि मृतकों की पहचान भगवान दास सोनी (70), उसकी पत्नी शान्ति (65) और चांदनी (चार वर्ष) के रूप में की गई है। उन्होंने कहा कि इस घटना में एक अन्य बालिका ज्योति (10) गंभीर रूप से घायल हुई है, जिसे एक सरकारी अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती किया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चक्रवाद हुदहुद से मध्यप्रदेश के पूर्वी भागों में कल से तूफान एवं भारी वर्षा हो रही है और देश के तटीय क्षेत्रों से आए इस चक्रवात के प्रभाव से मध्यप्रदेश के जिलों में प्रशासन को अत्याधिक वर्षा की स्थिति से निपटने के निर्देश राज्य सरकार ने जारी किए हैं। चक्रवात के प्रभाव से मौसम विभाग द्वारा जबलपुर, रीवा और शहडोल संभाग में अचानक भारी वर्षा की दी गई चेतावनी के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन को समुचित तैयारी रखने को कहा गया है।

नायडू ने दिया अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को पुलिस को निर्देश दिया कि विशाखापत्तनम में दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के अधिकारी यदि संचार सेवाओं की बहाली करने में असफल रहते हैं उन्हें गिरफ्तार कर उनके समक्ष पेश किया जाए। नायडू सोमवार से ही चक्रवाती तूफान हुदहुद के चपेट में आकर उजड़े बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम के दौरे पर हैं। उन्होंने दूरसंचार कंपनियों के ढुलमुल रवैये और लापरवाही पर नाराजगी जताई है। नायडू ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि मैंने पुलिस से उन्हें (दूरसंचार अधिकारी) गिरफ्तार करने और स्थिति की समीक्षा पर बैठक के लिए मेरे पास लाने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि वह चाहते हैं बुधवार तक संचार सेवाएं बहाल कर दी जाएं, वरना वह दूरसंचार सेवा से जुड़ी सभी एजेंसियों के प्रति सख्त रवैया अपनाएंगे। नायडू ने कहा, ''लोग परेशानी में हैं। इन कंपनियों को उन्हें बचाने के लिए आगे आना होगा। वे ऐसा बिल्कुल नहीं कर सकते कि खुशी की घड़ी में मुनाफा कमाएं और तकलीफ में उन्हें अकेला नहीं छोड़ दें।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि अधिकारी उन्हें शाम तक सेवाओं की बहाली और टॉवरों की मरम्मत में देरी की वजह संक्षिप्त में बताएं।

 

 

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