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पहले पुलिस मुठभेड़ की जांच, क्लीनचीट मिले तो दें पदक

बढ़ती पुलिस मुठभेड़ और उनमें मारे जा रहे निर्दोष लोगों की चिंता व्यक्त करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस एंकाउंटर पर विस्तृत दिशानिर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि मुठभेड़ होते ही पुलिस के...

पहले पुलिस मुठभेड़ की जांच, क्लीनचीट मिले तो दें पदक
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 24 Sep 2014 01:35 AM
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बढ़ती पुलिस मुठभेड़ और उनमें मारे जा रहे निर्दोष लोगों की चिंता व्यक्त करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस एंकाउंटर पर विस्तृत दिशानिर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि मुठभेड़ होते ही पुलिस के हथियारों की फॉरेंसिक और बैलिस्टक जांच करवाई जाए। साथ ही तुरंत सीआईडी जांच हो। पुलिस वालों को तब तक बहादुरी का पुरस्कार न दिया जाए, जब तक जांच टीम मुठभेड़ को क्लीन चिट न दे दे।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आरएम लोढ़ा और आरएफ नारीमन की पीठ ने पीयूसीएल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। पीठ ने कहा कि ये दिशानिर्देश संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत कानून की तरह होंगे। इनका पूरी तरह से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

यदि पुलिस दिशानिर्देशों का पालन नहीं करती तो इस मामले में एंकाउंटर में मारे गए, गंभीर रूप से घायल व्यक्ति के परिजन सेशन अदालत जा सकेंगे। अदालत उस पर उचित कार्रवाई करेगी। पुलिस कार्रवाई पर कोर्ट के ये दिशानिर्देश 17 साल बाद आए हैं। इससे पूर्व 1997 में सुप्रीम कोर्ट ने डीके बसु केस में गिरफ्तारी पर व्यापक नियम बनाए थे।

सुप्रीम कोर्ट के एंकाउंटर पर दिशानिर्देशः-
-अपराधियों की खुफिया जानकारी मिलने की सूचना पुलिस पार्टी केस डायरी में दर्ज करेगी।
-मुठभेड़ में यदि कोई मौत होती है तो एफआईआर दर्ज होगी। इसकी रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को दी जाएगी।
-मामले में स्वतंत्र जांच होगी जो वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में सीआईडी करेगी। जांच टीम दूसरे थाने की होगी।
-जांच टीम मारे गए व्यक्ति की पहचान, उसका कलर फोटो, बरामद सामग्री, गवाहों के बयान लेगी।
-मुठभेड़ के कारण, उसके तरीके का निर्धारण किया जाएगा। जांच टीम मृतक के फिंगर प्रिंट लेगी।
-टीम हथियारों के प्रकार और चली गोलियों का हिसाब करेगी, गोली के निशानों, उनके बचे टुकड़ों आदि का परीक्षण करेगी।

-मौत का कारण निश्चित करेगी।
-मरने वाले का पोस्टमार्टम दो डाक्टरों की टीम करेगी। उसकी वीडियोग्राफी होगी।
-घायल अपराधी/पीड़ित को मेडिकल सहायता दी जाएगी और उसका बयान मेडिकल अधिकारी दर्ज करेंगे।

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