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डिजिटल इंडिया वीक की शुरुआत आज, 6 लाख गांवों तक पहुंचेगा इंटरनेट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित समारोह में डिजिटल इंडिया वीक का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान पीएम भारत नेट जैसी महात्वाकांक्षी योजना की शुरुआत करेंगे। इसके तहत देश की...

डिजिटल इंडिया वीक की शुरुआत आज, 6 लाख गांवों तक पहुंचेगा इंटरनेट
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 01 Jul 2015 10:31 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित समारोह में डिजिटल इंडिया वीक का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान पीएम भारत नेट जैसी महात्वाकांक्षी योजना की शुरुआत करेंगे। इसके तहत देश की ढाई लाख ग्राम पंचायतों के तहत छह लाख से ज्यादा गांवों में ब्रॉडबैंड पहुंचाना है। अभी तक 30 हजार ग्राम पंचायतों को इस नेटवर्क से जोड़ा जा चुका है।

प्रधानमंत्री बीएसएनएल के 53 वाई-फाई हाट-स्पॉट का भी शुभारंभ करेंगे। बीएसएनएल की योजना देश के पर्यटक, धार्मिक एवं व्यावसायिक स्थलों पर इस साल के अंत तक 2500 वाई फाई हॉट स्पॉट स्थापित करने की है। प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया पर एक प्रतीक चिह्न का अनावरण करेंगे।

कार्यक्रम के दौरान स्टेडियम में उद्योग जगत की हस्तियों समेत आईटी, संचार क्षेत्र से जुड़े करीब दस हजार लोगों के मौजूद रहेंगे। इस मौके पर पीएम करीब 40 मिनट तक बोलेंगे। इसलिए निगाहें इस बात पर भी रहेंगी कि वे डिजिटल इंडिया सप्ताह के अलावा क्या किसी अन्य विवादास्पद मुद्दे पर भी बोलते हैं या नहीं। विपक्ष लगातार सरकार पर हमला कर रहा है इसलिए संभावना है पीएम भी विपक्ष पर पलटवार कर सकते हैं।

डिजिटल इंडिया: तकनीक से सरल होगी जिंदगी
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का सबसे अहम उद्देश्य तकनीक के माध्यम से आम लोगों का जीवन को सरल करना है। डिजिटल इंडिया सप्ताह में सरकार की अहम योजनाओं से संबंधित मोबाइल ऐप भी जारी किए जाएंगे।

डिजिटल इंडिया के उद्देश्य
1. ब्रॉडबैंड हाइवे : सड़क हाइवे की तर्ज पर ब्रॉडबैंड हाइवे से शहरों को जोड़ा जाएगा।
2. सभी नागरिकों की टेलीफोन सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।
3. सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम के तहत इंटरनेट सेवाएं।
4. ई-गवर्नेंस : तकनीक के माध्यम से शासन प्रशासन में सुधार लाया जाएगा।
5. ई-क्रांति : विभिन्न सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप में लोगों को मुहैया कराया जाएगा।
6. इन्फोर्मेशन फॉर ऑल : सभी को जानकारियां मुहैया कराई जाएंगी
7. इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद : इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए कल-पुर्जों के आयात को शून्य करना है।
8. आईटी फॉर जॉब्स : सूचना प्राद्योगिकी के जरिए अधिक नौकरियां पैदा की जाएंगी।
9. अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम : इसका संबंध स्कूल-कॉलेजों में विद्यार्थियों और शिक्षकों की हाजिरी से है।

डिजिटल इंडिया की चुनौतियां
- 01 अरब लोग भारत में भी अब भी इंटरनेट की पहुंच से दूर हैं। ये संख्या यूरोप और अमरीका की कुल आबादी से भी ज्यादा है।
- 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य है दिसंबर 2016 तक
- इंटरनेट की पहुंच में सबसे बड़ी बाधा है इसकी लागत। भावी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जो छोटे या मझोले वर्ग के हैं।
- अगर किसी परिवार की मासिक आय लगभग 12 हजार रुपये हो और उसे हर महीने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, तो सवाल उठता है कि क्या ऐसा परिवार इंटरनेट का खर्च वहन कर सकता है?

महफूज रहेगा हर दस्तावेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया सप्ताह के मौके पर बुधवार को जिन सेवाओं का शुभारंभ करेंगे उनमें एक सेवा है डिजिटल लॉकर। कोई भी व्यक्ति इस पर अपने दस्तावेज सुरक्षित रख सकता है।

क्या है डिजिटल लॉकर
यह एक पोर्टल है जिसमें दस्तावेज डिजिटल फार्मेट में रखे जाते हैं। भारत सरकार का सूचना प्रौद्यौगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग आम जनता के लिए यह सेवा शुरू कर रहा है।

पासवर्ड भूल जाएं तो
एकाउंट को तीन तरीके से खोला जा सकता है। यूजर आईडी और पासवर्ड के जरिये, वन टाइम पासवर्ड तथा गूगल या फेसबुक एकाउंट से।

कौन-कौन से दस्तावेज
कोई भी दस्तावेज खासकर सरकार की तरफ से जारी हुए। मसलन, प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट आदि। आप चाहें तो अपने फिक्स डिपॉजिट, एलआईसी या अन्य जमा योजनाओं के दस्तावेज भी जमा करा सकते हैं। जो भी दस्तावेज आपका कीमती हो यहां रखा जा सकता है।

विदेश यात्रा में सहायक
यदि आप विदेश जा रहे हैं तो अपने पासपोर्ट, वीजा आदि, स्वास्थ्य बीमा आदि की प्रति डिजिटल लॉकर पर सुरक्षित करा लें। उनके खो जाने की स्थिति में आप डुप्लीकेट कॉपी प्रिंट कराकर वहां स्थित भारतीय दूतावास में संपर्क कर सकते हैं। जिससे आपको नए दस्तावेज बनाने में मदद मिलेगी।

डिजिटल लॉकर के फायदे
छात्रों को इंटरव्यू नौकरी आदि के लिए एक शहर से दूसरे शहर जाना पड़ता है। भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उन्हें सभी दस्तावेज लगाने की जरूरत नहीं होगी। वे डिजिटल लॉकर से दस्तावेजों को देखने की अनुमति परीक्षा लेने वाली एजेंसी को दे सकते हैं। जिस दस्तावेज को दर्ज किया जाएगा उसी को एजेंसी देख सकेगी।

क्या इस सेवा का शुल्क है?
नहीं। यह पूरी तरह से मुफ्त है।

कितने लोग ले रहे हैं फायदा
करीब छह महीने पहले पायलट योजना शुरू हुई थी। तब से अब तक एक लाख से भी अधिक लोग अपने दस्तावेज डिजिटल लॉकर में सुरक्षित करा चुके हैं।

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