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संविधान सर्वोपरि है, धार्मिक भेदभाव नहीं होगा: मोदी

साम्प्रदायिकता को सिरे से खारिज करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि किसी को भी धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करने या कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है और देश संविधान के...

संविधान सर्वोपरि है, धार्मिक भेदभाव नहीं होगा: मोदी
एजेंसीFri, 27 Feb 2015 05:51 PM
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साम्प्रदायिकता को सिरे से खारिज करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि किसी को भी धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करने या कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है और देश संविधान के दायरे में चलेगा।

प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा कि किसी को भी धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करने का अधिकार नहीं है। हमारा संविधान हजारों सालों के चिंतन की अभिव्यक्ति है। देश संविधान के दायरे में चलेगा और किसी को कानून अपने हाथों में लेने का अधिकार नहीं है। मेरी जिम्मेदारी है कि सरकार कैसे चले।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिकता के नाम पर अनाप़़-शनाप बोलने वालों  कहना चाहता हूं कि मेरी सरकार का एक ही धर्म है, भारत सबसे पहले, एक ही धर्मग्रंथ है, भारत का संविधान, एक ही भक्ति है, भारत भक्ति, एक ही पूजा है, सवा सौ करोड़ देशवासियों का कल्याण।

मोदी ने अपनी भूमिका के बारे में विपक्ष द्वारा पूछे जा रहे सवालों पर पलटवार करते हुए कहा कि 27 अक्टूबर 2013 की पटना की गांधी मैदान की रैली में बम धमाकों के बीच तब मैंने क्या कहा था़, हिन्दुओं को किससे लड़ना है़, मुसलमानों से या गरीबी से। और मुसलमानों को किससे लड़ना है, हिन्दुओं से या गरीबी से। बहुत हो गया, आइए हम सब मिलकर गरीबी से लड़े।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह यह नहीं कहते कि पुराने भूमि अधिग्रहण कानून में गलतियां हैं, लेकिन कुछ कमियां रह गई हैं जिन्हें दूर करना जरूरी है। भूमि अधिग्रहण विधेयक में कुछ नये प्रावधान जोड़े जाने को जरूरी बताते हुए मोदी ने कहा कि डिफेंस वाले कहते हैं कि कोई प्रतिष्ठान लगाना है तब इसके लिखकर सहमति लेनी होगी। उन्होंने व्यंग्य किया क्या हम पाकिस्तान को लिखकर दें कि हम कहां क्या करने जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संप्रग ने जो किया, हम उसे नकार नहीं रहे हैं। लेकिन जो कमी या गलती रह गई है, उसे  ठीक करना चाहते हैं। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह दावा कर रही है कि वह भूमि अधिग्रहण पर अच्छा कानून लेकर आई। लेकिन 1894 के कानून के बाद इस 120 वर्ष पुराने कानून को बदलने और उसे किसानों के बारे में सोचने के लिए 60 वर्ष से ज्याद लग गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के विकास के लिए भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा संकट बताते हुए सभी राजनीतिक दलों से इस समस्या से मिलकर लड़ने के लिए रास्ता निकालने आज आहवान किया। मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार ने देश को तबाह करके रख दिया है। यह भयंकर समस्या बन गई है और राजनीतिक दलों को एक दूसरे पर आरोप लगाने की बजाए, राजनीतिक दायरे से उपर उठकर इस पर चर्चा करनी चाहिए और एकजुट होकर इसके समाधान के रास्ते निकालने चाहिए।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल यदि एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते रहे और सारा समय 'तू-तू मैं-मैं' करते हुए बिताएंगे, तो हम आपस में इस पर लड़ते ही रहेंगे और भ्रष्टाचारी तब तक सबकुछ खा जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह जटिल समस्या है और इसके लिए सभी को मिलकर उपाय निकालने होंगे। उनका कहना था कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने की जिम्मेदारी शासन में बैठे सभी लोगों की है इसलिए हम सबको एक होकर इससे निजात पाने का रास्ता निकालने के लिए काम करना चाहिए।

मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार किस कदर बढ़ गया है, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि कोयला आवंटन पर नियत्रंक एवं महालेखा परीक्षक-कैग की रिपोर्ट में जब कहा गया कि इसमें 1.86 लाख करोड रुपए का घोटाला हुआ है तो एकाएक विश्वास नहीं हुआ। इतनी बड़ी रकम का घोटाला पहली बार सामने आया था, लेकिन भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं और इसे मिलकर ही तोड़ा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि यह इससे भी बड़ा घोटाला हो सकता है। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 214 कोयला ब्लाकों के आवंटन को रद्द किया गया तो माननीय न्यायालय के आदेश पर 204 ब्लाकों के आवंटन की पारदर्शी प्रक्रिया फिर शुरू की गई है। इसमें अब तक 18 ब्लॉक की नीलामी हुई है और इससे एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की आय सरकार को हुई है। उनका कहना था कि जब 18 ब्लॉक के आवंटन से इतनी बड़ी राशि मिल रही है, तो 204 ब्लॉक से कितना मिलेगा इसका अनुमान लगाया जा सकता है। अब लगता है कि कैग की रिपोर्ट सही थी और हो सकता है इससे भी अधिक का घोटाला हुआ होगा।

मोदी ने कहा कि काला धन आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। हमको काला धन वापस लाने के बारे में घेरा जा रहा है लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि जिस काले धन पर कभी बात करना भी संभव नहीं था, उस काले धन पर आज खुलकार चर्चा हो रही है। उन्होंन कहा कि उनकी सरकार काले धन पर गंभीर है और सरकार के गठन के तत्काल बाद हुई पहली कैबिनेट बैठक में इसके लिए विशेष जांच दल एसआईटी का गठन किया गया था।

मोदी के भाषण की प्रमुख बातें-
-विदेश दौरों के दौरान भी गरीबों का ख्याल रखा और उनकी बेहतरी के उपायों का पता लगाया।
-मेरा एक ही धर्म है- इंडिया फर्स्ट और एक ही धर्म ग्रंथ है- भारत का संविधान।
-हिन्दू मुस्लिम एक होकर गरीबी के खिलाफ लड़ें, न कि एक-दूसरे के खिलाफ।
-मेरा नारा रहा है- सबका साथ सबका विकास।
-मनरेगा को खत्म नहीं करेंगे, इसे मजबूत करेंगे।
-स्वच्छता अभियान से वास्तव में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
-जनधन योजना के तहत उन लोगों के खाते हुए, जिन्होंने अभी तक सपना भी नहीं देखा था।
-कालाधन के लिए सरकार प्रयासरत है और हमें स्विस बैंक से इस संबंध में जानकारियां मिल रही हैं।
-सवा चार लाख शौचालय देश के स्कूलों में चाहिए, सवा लाख शौचालय बनाने हैं और बाकी बने हुए हैं। जून से पहले स्कूलों में इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
-भूमि अधिग्रहण बिल में अगर अभी भी सुधार की गुंजाइश है तो अभी भी कम उसके लिए तैयार हैं।
-कश्मीर में आपदा के दौरान खुद उपस्थित होकर सहायता कार्य को गति प्रदान की।
-कॉपरेटिव फेडरेलिज्म वक्त का तकाजा, देश तब मजबूत होगा, जब राज्य मजबूत होंगे।

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