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Hindi Newsधर्मातरण के मुद्दे पर राज्यसभा में पांचवे दिन भी हंगामा

धर्मातरण के मुद्दे पर राज्यसभा में पांचवे दिन भी हंगामा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में धर्मातरण के मुद्दे पर चर्चा कराने पर आमादा विपक्ष के रुख के चलते आज लगातार पांचवें दिन भी राज्यसभा में गतिरोध दूर नहीं हो सका जिससे शून्यकाल और प्रश्नकाल...

धर्मातरण के मुद्दे पर राज्यसभा में पांचवे दिन भी हंगामा
एजेंसीFri, 19 Dec 2014 01:41 PM
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में धर्मातरण के मुद्दे पर चर्चा कराने पर आमादा विपक्ष के रुख के चलते आज लगातार पांचवें दिन भी राज्यसभा में गतिरोध दूर नहीं हो सका जिससे शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हुआ तथा दो बार के स्थगन के बाद कार्यवाही ढाई बजे तक स्थगित करनी पड़ी। 
     
सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने सुबह के स्थगन के बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करना चाहा विपक्षी सदस्य अपनी जगह पर खड़े होकर धर्मातरण के मुद्दे पर चर्चा की मांग दोहराने लगे। 
     
माकर्सवादी पी.राजीव तथा तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि उन्होंने धर्मातरण के मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने का नोटिस दिया है। अंसारी ने कहा कि राजीव के नोटिस को गुरुवार को स्वीकार किया गया था लेकिन विपक्ष की शर्तों के चलते उस पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी। इस पर राजीव ने कहा कि उस नोटिस पर नये सिरे से विचार किया जा सकता है और उन्होंने नया नोटिस भी दिया है। 
     
राजीव ने कहा कि उनके नोटिस का विषय 'संविधान के धर्मनिरपेक्ष ताने बाने पर हमला है' यह किसी एक मंत्रालय के तहत नहीं आता और विभिन्न मंत्रालयों के तहत आता है इसलिए मंत्रिमंडल के मुखिया के नाते प्रधानमंत्री ही इसका जवाब दे सकते हैं। 
    
ब्रायन ने भी कहा कि प्रधानमंत्री सदन में आने से क्यों हिचकिचा रहे हैं।

कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि इस सत्र में इसी सदन में प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया था कि इस तरह के मामलों की पुनरावृति नहीं होगी लेकिन यह आश्वासन टूटा है। अब इसका जवाब प्रधानमंत्री ही दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि प्रधानमंत्री बाहर बोलते हैं लेकिन सदन में नहीं बोलते। कांग्रेस के सदस्य ने कहा कि विपक्ष ने प्रधानमंत्री से विनम्रता से आग्रह किया था कि वह इस बहस का जवाब दें लेकिन विपक्ष ने अहंकारपूर्ण रुख अपनाते हुए इसे खारिज कर दिया। 
     
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा ने कहा कि देश में गंभीर स्थिति को देखते हुए हम आसन से अपील करते हैं कि प्रधानमंत्री सरकार के मुखिया होने के नाते सदन में आकर अपनी बात रखें। उन्हें यहां आने से कौन रोक रहा है। 
      
संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार शुरू से ही इस मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है और हमने कहा है कि विपक्ष की बातों का जवाब सूद सहित दिया जायेगा लेकिन जवाब कौन देगा यह तय करने का काम विपक्ष का नहीं है। आप अपनी पार्टी के स्पीकर को चुन सकते हैं लेकिन सरकार को डिकटेशन नहीं दे सकते। सरकार आपकी मेहरबानी से नहीं जनता के जनादेश से चल रही है। 
      
सभापति ने कहा कि सदन की परंपरा है कि विभिन्न बहसों का जवाब संबंधित मंत्री देते हैं और यदि विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं होता तो वह आगे मांग कर सकता है लेकिन विपक्ष पहले ही अगले चरण पर जा रहा है। सत्ता और विपक्ष के अपने-अपने रुख पर अडे रहने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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