एकतरफा रिपोर्ट पर एनजीओ को फटकार
धन प्राप्त करने के मामले में जांच के दायरे में आए गैरसरकारी संगठनों को सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में फटकार लगाई है। बाल विवाहों पर रोक लगाने के लिए निर्देश देने संबंधी एक जनहित याचिका पर कोर्ट ने...
धन प्राप्त करने के मामले में जांच के दायरे में आए गैरसरकारी संगठनों को सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में फटकार लगाई है। बाल विवाहों पर रोक लगाने के लिए निर्देश देने संबंधी एक जनहित याचिका पर कोर्ट ने पूछा कि वह सिर्फ बहुसंख्यक समुदाय में होने वाले बालविवाहों पर चिंतित क्यों हैं। कोर्ट ने पूछा कि क्या उसकी चिंता इसलिए है कि इस समुदाय में इसके बारे में उपयुक्त कानून है। वह अन्य समुदाय के आंकड़े क्यों नहीं लाया, क्या इसलिए कि उस समुदाय में बाल विवाह के बारे में कानून नहीं है और उसे धर्म की स्वीकृति मिली हुई है।
यह सवाल करते हुए कोर्ट ने गैरसरकारी संगठन ‘प्रज्जवला’ से कहा कि वह अन्य समुदायों में होने वाले बालविवाह के आंकड़े कोर्ट में पेश करे। संगठन के वकील ने कहना चाहा कि यूनीसेफ ने भी अपनी रिपोर्ट में भारत में बालविवाह के कारण होने वाली मातृ-शिशु मृत्यु दर का मामला बहुत शिद्दत से उठाया है। इस पर जस्टिस एआर दवे की तीन सदस्यीय पीठ ने अधिवक्ता कालिन गांसाल्विस से पूछा कि इस रिपोर्ट में भारत के अलावा किन एशियाई देशों का जिक्र है। उन्होंने कहा कि इसमें श्रीलंका का जिक्र है। लेकिन कोर्ट पूछा कि क्या इसमें मलेशिया, इंडोनेशिया और पड़ोसी देशों में होने वाली मातृ-शिशु मौतों से भारत की तुलना की गई है। इस पर उन्होंने जवाब नहीं दिया। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि भारत हर किसी की निंदा के निशाने पर रहता है।