कन्नड़ साहित्यकार कालबुर्गी की हत्या
कन्नड़ विद्वान एमएम कालबुर्गी की रविवार को कर्नाटक के धारवाड़ जिले में उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसमें मामले में कट्टरपंथी हिंदू संगठनों पर संदेह जताया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक, दो...
कन्नड़ विद्वान एमएम कालबुर्गी की रविवार को कर्नाटक के धारवाड़ जिले में उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसमें मामले में कट्टरपंथी हिंदू संगठनों पर संदेह जताया जा रहा है।
पुलिस के मुताबिक, दो हमलावरों ने सुबह कालबुर्गी के घर का दरवाजा खटखटाया और उनके बाहर निकलते ही सिर और छाती पर गोली मार दी। पुणे में दो साल पहले इसी तरह सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की हत्या कर दी गई थी, जिसका अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। कन्नड़ यूनिवर्सिटी के पूर्व उप कुलपति कालबुर्गी हिंदू धर्म में अंधविश्वास और रूढि़यों के खिलाफ लंबे समय से अभियान चला रहे थे।
राष्ट्रीय साहित्य अकादमी अवार्ड समेत उन्हें साहित्य जगत के शीर्ष पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। पिछले साल जून में कालबुर्गी ने कर्नाटक के अंधविश्वास विरोधी बिल का समर्थन करते हुए हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। कालबुर्गी ने 1989 में मार्ग नाम से एक लेख संग्रह प्रकाशित किया था, जिसमें वीरशैव संत बासव, उनकी पत्नी और बहन के कन्नड़ समाज की लोककथाओं और भ्रांतियों का उल्लेख किया गया है।
बजरंग दल नेता के ट्वीट ने खड़ा किया विवाद
बजरंग दल की बंटवाल सेल के सह संयोजक भुविथ शेट्टी ने वारदात के कुछ घंटों में ही ट्वीट कर कालबुर्गी की हत्या का समर्थन कर विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने लिखा, पहले यूआर अनंतमूर्ति थे और अब एमएम कालबुर्गी। हिंदूवाद का मजाक उड़ाने वाले कुत्ते की मौत मरो। उन्होंने यह भी लिखा कि केएस भगवान अगला निशाना होंगे। भगवान भी मैसूर यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं। वामपंथी और प्रगतिवादी विचारधारा के समूहों ने शेट्टी के ट्वीट का हवाला देते हुए कहा है कि हिंदूवादी संगठनों का ही इसके पीछे हाथ है। हालांकि शेट्टी ने कहा कि उन्होंने सिर्फ अपना गुस्सा व्यक्त किया था, इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने या उनके संगठन का हत्या में कोई हाथ है। विवादास्पद ट्वीट के बाद उनका ट्विटर अकाउंट भी बंद है।