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टाट्रा मामला: तेजिंदर सिंह जेल भेजे गए

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजिंदर सिंह को आज दिल्ली की एक अदालत ने जेल भेज दिया। अदालत ने टाट्रा वाहनों से संबंधित फाइल को मंजूरी देने के लिए तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को कथित तौर पर...

टाट्रा मामला: तेजिंदर सिंह जेल भेजे गए
एजेंसीMon, 01 Sep 2014 08:56 PM
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लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजिंदर सिंह को आज दिल्ली की एक अदालत ने जेल भेज दिया। अदालत ने टाट्रा वाहनों से संबंधित फाइल को मंजूरी देने के लिए तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को कथित तौर पर रिश्वत की पेशकश करने के मामले में तेजिंदर सिंह को जमानत देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि सिर्फ इसलिए रहम नहीं दिखायी जानी चाहिए कि उन्हें जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया था।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश मधु जैन ने 64 वर्षीय तेजिंदर सिंह की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज दी कि देश का कानून सबके लिए समान होना चाहिए। तेजिंदर अदालत की ओर से जारी सम्मन का पालन करते हुए उपस्थित हुए थे।

न्यायाधीश ने कहा कि देश का कानून सबके लिए समान होना चाहिए और अगर कोई व्यक्ति 1000 रुपये की चोरी करने पर बिना किसी रहम के कानून के प्रावधानों के तहत जेल भेजा जाता है तो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल का पद संभाल चुके और उस पद से सेवानिवत्त हुए व्यक्ति के साथ तत्कालीन सेना प्रमुख को 14 करोड़ रपये की रिश्वत की पेशकश करने के लिए अदालत द्वारा सिर्र्फ इस कारण से कोई रहम नहीं दिखाई जानी चाहिए कि जांच एजेंसी ने पूरी जांच के दौरान उसे गिरफ्तार नहीं किया।

जैसे ही अपराह्न दो बजकर 20 मिनट पर आदेश सुनाया गया न्यायाधीश ने तेजिंदर को हिरासत में लेने का आदेश दिया। इसके बाद वहां मौजूद सीबीआई अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार किया। जांच ब्यूरो के अधिकारी उन्हें अदालत परिसर के भीतर बने हवालात में ले गए। उन्हें 20 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

न्यायाधीश ने अपने दो पन्नों के आदेश में संसद की रिकार्डेड कार्यवाही का भी उल्लेख किया जिसमें तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने इस मुददे को उठाया था। न्यायाधीश ने कहा कि न सिर्फ तत्कालीन जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह का बयान है बल्कि भारत की संसद की रिकॉर्डेड कार्यवाही भी जिसमें इस मुद्दे को उठाया गया था। इसलिए, आवेदक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजिंदर सिंह को जमानत देने का कोई आधार नहीं है। उनका आवेदन खारिज किया जाता है।

सीबीआई ने तेजिंदर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने तत्कालीन सेना प्रमुख (सीओएएस) वीके सिंह को टाट्रा वाहनों की खरीद से संबंधित फाइल को मंजूरी देने के लिए 14 करोड़ रुपये के रिश्वत की पेशकश की थी।
   
अदालत ने एके एंटनी, वीके सिंह और अन्य गवाहों के बयान पर भरोसा करते हुए सीबीआई के आरोप पत्र का 28 अगस्त को संज्ञान लिया था। उनकी गवाही को जांच के दौरान एजेंसी ने दर्ज किया था। दिन में तेजिंदर अदालत के समक्ष उपस्थित हुए और जमानत याचिका पेश की जिसमें दलील दी गई थी कि उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार नहीं किया था और जांच के दौरान उन्होंने पूरा सहयोग किया था।

उनके वकील ने अदालत से कहा कि मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की कोई आशंका नहीं है और राजनैतिक दबावों के कारण तेजिंदर को फंसाया गया है। बचाव पक्ष के वकील की दलीलों का विरोध करते हुए सीबीआई के वरिष्ठ अभियोजक वी के शर्मा ने कहा कि जमानत देते वक्त अदालत को अपराध की प्रकति और गंभीरता पर गौर करना चाहिए और तत्कालीन सेना प्रमुख को 14 करोड़ रुपये की कथित तौर पर पेशकश छोटा अपराध नहीं है।

 

 

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