अफजल को फांसी पर भाजपा और शिवसेना का हंगामा
लोकसभा में गुरुवार को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व शिवसेना सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और कार्यवाही बाधित की। ग्यारह साल पहले आज ही के दिन संसद पर...
लोकसभा में गुरुवार को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व शिवसेना सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और कार्यवाही बाधित की। ग्यारह साल पहले आज ही के दिन संसद पर हुए आतंकवादी हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।
सदन में 13 दिसम्बर, 2001 के हमले में मारे गए नौ लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन रखा गया। इसके तुरंत बाद ही हंगामा शुरू हो गया। भाजपा व शिवसेना सांसद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के आसन के नजदीक इकट्ठे हो गए। वे नारे लगाकर अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की मांग कर रहे थे।
मीरा कुमार ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने के लिए बार-बार अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने सख्ती के साथ कहा कि मैं आज सदन स्थगित नहीं करूंगी। हमने अभी केवल उन लोगों को श्रद्धांजलि दी है जिन्होंने संसद की सुरक्षा में अपनी जान दे दी। क्या उन्होंने इसलिए अपनी जान दी थी।
इसके बाद भी सदस्यों का हंगामा और नारेबाजी जारी रही और स्पीकर को पहले सुबह 11.30 बजे तक और फिर दोपहर तक के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर ने सदस्यों के कार्यवाही में बार-बार व्यवधान पहुंचाने पर अफसोस व्यक्त किया।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि यह दुखद है कि हमने संसद की सुरक्षा में अपनी जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी और फिर हम रोज इसके काम में व्यवधान पहुंचा रहे हैं। लश्कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था। हमले में नौ लोग मारे गए थे और 15 से ज्यादा घायल हुए थे।
मामले में चार लोगों अफजल गुरु, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसएआर जिलानी, नवजोत संधु उर्फ अफसान गुरु व उसके पति शौकत हुसैन गुरु को गिरफ्तार किया गया था। जिलानी व अफसान को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। शौकत हुसैन गुरु की मौत की सजा को 10 साल की कैद में तब्दील कर दिया गया और अब वह जेल से बाहर है।
अफजल गुरु को एक निचली अदालत ने 18 दिसम्बर, 2002 को फांसी की सजा सुनाई। दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर, 2003 को यह सजा बरकरार रखी। सुप्रीम कोर्ट ने चार अगस्त, 2005 को उसकी अपील खारिज कर दी। उसकी दया याचिका लम्बित है और केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि वह 22 दिसम्बर को संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद उसकी फाइल पढ़ेंगे।