खाप पंचायतें न्याय और संविधान के खिलाफ: केंद्र
केंद्र सरकार ने खाप पंचायतों को कानून, न्याय और संविधान के खिलाफ बताया है। विधि एवं न्याय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने लोकसभा में आज कहा कि ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और कई अन्य राज्यों में खाप पंचायतें...
केंद्र सरकार ने खाप पंचायतों को कानून, न्याय और संविधान के खिलाफ बताया है। विधि एवं न्याय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने लोकसभा में आज कहा कि ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और कई अन्य राज्यों में खाप पंचायतें या उनके जैसी अन्य संस्थाएं न्याय के नियम तथा संविधान के विरुद्ध हैं।
बीजू जनता दल के रवीन्द्र कुमार जेना ने पश्चिम बंगाल में ऐसी ही एक संविधानेत्तर ईकाई शालिशी सभा द्वारा एक आदिवासी महिला से सामूहिक बलात्कार का फरमान जारी किए जाने का जिक्र करते हुए कंगारू कोर्ट और खाप पंचायतों के फैसलों की कानूनी स्वीकार्यता के संबंध में विधि मंत्री से सवाल किया था।
जेना ने इसी मामले की पष्ठभूमि में कहा कि राज्यों में असंवैधानिक ईकाइयां कानून को अपने हाथों में ले रही हैं, फिर चाहे वह कंगारू कोर्ट हों या खाप पंचायतें। इस पर गौड़ा ने कहा कि कुछ पारंपरिक कानून हैं। ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और कई अन्य राज्यों में पारंपरिक कानून जारी हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन ये पारंपरिक रीति रिवाज और इन्हें जारी करने वाली संस्थाएं न्याय के कानून और संविधान के खिलाफ हैं। उन्होंने इनके खिलाफ कार्रवाई संबंधी जेना के सवाल पर कहा कि यह गंभीर मामला है लेकिन कानून व्यवस्था राज्यों का विषय है और राज्यों को ही इसे देखना है।
यहां गौरतलब है कि भाजपा शासित हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में खाप पंचायतों का समर्थन करते हुए कहा था कि ये सामाजिक बुराइयों पर नियंत्रण रखती हैं।