फोटो गैलरी

Hindi Newsजयापुर से झौवां पहुंचा बेटी के जन्म की खुशी का कारवां

जयापुर से झौवां पहुंचा बेटी के जन्म की खुशी का कारवां

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सांसद आदर्श गांव जयापुर में आठ दिन पहले एक बेटी ने जन्म लिया। गांव में खुशियां मनीं। पौधे लगाए गए। लोगों ने संकल्प लिया। बेटी जन्मने पर जयापुर की खुशी जब...

जयापुर से झौवां पहुंचा बेटी के जन्म की खुशी का कारवां
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 19 Dec 2014 03:48 PM
ऐप पर पढ़ें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सांसद आदर्श गांव जयापुर में आठ दिन पहले एक बेटी ने जन्म लिया। गांव में खुशियां मनीं। पौधे लगाए गए। लोगों ने संकल्प लिया। बेटी जन्मने पर जयापुर की खुशी जब ‘हिन्दुस्तान’ के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंची तो उन्होंने ट्वीट कर बधाई दी। मोदी की बधाई से जयापुर की खुशियों को पंख लग गये।

ठीक आठ दिन बाद जयापुर में फिर बेटी जन्मी है। इस बार जश्न मनाने वाले नाना-नानी हैं और जयापुर से शुरू हुआ खुशी का यह कारवां 42 किमी दूर औराई (भदोही) के झौवां गांव तक जा पहुंचा है। बिटिया के जन्म की खुशी में जयापुर में नाना-नानी ने पांच पौधे रोपे तो झौवां में दादी ने पड़ोसियों का मुंह मीठा कराया और सोहर गाए। बेटी के जन्म पर मनायी जा रही इन खुशियों में पूरे समाज के लिए कई संदेश हैं।

गुरुवार को जयापुर के बुद्धिराम पटेल की बेटी ललिता ने बेटी को जन्म दिया। ललिता की शादी भदोही के झौवां गांव निवासी मनोज पटेल के साथ हुई है। ललिता की यह दूसरी संतान है। ससुर मूलचंद पटेल सामान्य किसान हैं। फोन पर पता चला कि बहू ने बिटिया को जन्म दिया है तो बोले, ‘इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है। बिटिया जन्मी वह भी जयापुर में।’

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जब जयापुर गये थे, बहू मायके (जयापुर) में ही थी। प्रधानमंत्री ने बेटी जन्मने पर खुशियां मनाने, पेड़ लगाने को कहा था। आज वह वक्त आ गया है। जयापुर नतिनी के जन्म की खुशी मना रहा है। नाना बनने की खुशी में बुद्धिराम मिठाई का डिब्बा लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जक्खिनी पहुंच गए। बिटिया के साथ ही डाक्टर-नर्स को मिठाई खिलाई।

बोले, घर में लक्ष्मी आई है। अस्पताल में भर्ती ललिता ने अपने पिता से बच्ची के जन्म के कुछ घंटे बाद ही पांच पौधे लगाने की इच्छा जतायी। उसने कहा कि सात नवम्बर को मोदी का भाषण सुनने के बाद ही उसने निर्णय लिया था कि चाहे बेटी हो या बेटा पौधा जरूर रोपेंगे। यह पेड़ दोनों के भविष्य को संवारेगा।

जक्खिनी सीएचसी भी इस बिटिया के जन्म पर उत्साह से लबरेज दिखा। सामान्य प्रसव से हुई बच्ची की देखरेख में डाक्टरों की टीम लगी रही। उधर बहू के बेटी जन्मने पर झौवां में दादा-दादी भी खुश हैं। वहां लड्डू बंटे और सोहर गाये गये।

मोदी का भाषण सुन लिया था निर्णय
दो महीने पहले मायके आयी ललिता ने सात नवम्बर को जयापुर में मोदी का भाषण सुना था। ललिता ने बताया कि बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित अभिभावकों के लिए पांच पौधे लगाने का मोदी का मंत्र, उनके दिलोदिमाग में बैठ गया था। भाषण सुनने के दौरान ही उसने तय किया था कि लड़की हो या लड़का, उसके भविष्य के लिए सागौन के पौधे जरूर रोपेंगे। वह यह भी चाहती थीं कि उनकी डिलेवरी जयापुर में ही हो। बच्ची को जन्म देते ही ललिता ने पिता को पौधे लगाने का संदेश याद दिलाया।

मामा जक्खिनी बाजार से लेकर आए पौधा
मोबाइल की दुकान चलाने वाले नवजात के मामा जयहिन्द ने जब भांजी होने की खबर सुनी तो पहले अस्पताल पहुंचे। बहन की इच्छा जानकर पास के जक्खिनी बाजार स्थित नर्सरी से सागौन के पांच पौधे लेकर घर पहुंचे। मामी सीमा व नाना बुद्धिराम ने घर के पास वाले खेत के एक कोने में पांचों पौधे रोप दिये हैं। सीमा ने बताया कि ललिता का पहला बच्चा भी जयापुर में ही हुआ था। मगर इस बार पूरे गांव को जश्न मनाता देख बहुत खुशी हो रही है।

जक्खिनी सीएचसी दिखा अपडेट
जयापुर गांव से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित जक्खिनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पिछली बार की तुलना में गुरुवार को ज्यादा अपडेट दिखा। अस्पताल के सभी बेड पर साफ सुथरी चादर। मरीज न होने के बावजूद हर बेड पर कम्बल भी रखा था।

अभी हफ्तेभर पूर्व जयापुर के प्रभु की बच्ची के जन्म के समय इन सभी चीजों की कमियां देखने को मिलीं थीं। उस बार प्रसव के बाद रात को ही प्रसूता को घर भेज दिया गया था लेकिन इस बार डाक्टरों ने 48 घंटे तक अस्पताल में ही अपनी देखरेख में रखने का निर्णय लिया है। घरवाले भी इससे खुश हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें