Hindi Newsजयललिता फिर मुख्यमंत्री बनी, पन्नीरसेल्वम फिर नंबर 2
जयललिता फिर मुख्यमंत्री बनी, पन्नीरसेल्वम फिर नंबर 2
तमिलनाडु में एआईएडीएमके की महासचिव जे. जयललिता ने शनिवार को पांचवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल के. रोसैया ने मद्रास यूनिवर्सिटी सेंटीनरी ऑडिटोरियम में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह...
एजेंसीSat, 23 May 2015 07:04 PM
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तमिलनाडु में एआईएडीएमके की महासचिव जे. जयललिता ने शनिवार को पांचवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
राज्यपाल के. रोसैया ने मद्रास यूनिवर्सिटी सेंटीनरी ऑडिटोरियम में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह में 67 वर्षीया जयललिता को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राज्यपाल ने मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को भी पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। तमिलनाडु की 14वीं विधानसभा में जयललिता बतौर मुख्यमंत्री 29 सदस्यीय मंत्रिमंडल का नेतृत्व करेंगी।
शपथ ग्रहण के लिए मंच तक पहुंचने से पहले और शपथ-ग्रहण के बाद जयललिता का तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया गया। समारोह स्थल खचाखच भरा था।
जयललिता के समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। जिस मार्ग से जयललिता शपथ-ग्रहण समारोह स्थल तक पहुंचीं, वहां सड़क के दोनों ओर लोगों की लंबी कतार देखी गई।
एआईएडीएमके ने वर्ष 2011 में विधानसभा चुनाव जीता था और तब जयललिता मुख्यमंत्री बनी थीं। लेकिन पिछले साल सितंबर में बेंगलुरू की एक अदालत ने उन्हें 18 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने उन्हें चार साल कैद की सजा सुनाई थी और उन पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी किया था।
बाद में हालांकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ जयललिता की अपील स्वीकार करते हुए उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। न्यायालय के आदेश के 15 दिन के भीतर उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली।
एआईएडीएमके के विधायकों ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें अपना नेता चुना था, जिसके बाद ओ.पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए जयललिता को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया था।
जयललिता ने 'हरियाली' के बीच ली शपथ
जे. जयललिता ने शनिवार को जब तमिलनाडु की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो वह हरे रंग की साड़ी पहनी हुई थीं। उनके आसपास भी हरे रंग का माहौल था। दरअसल, शपथ-ग्रहण समारोह में मंच की सज्जा हरे रंग से की गई थी।
जयललिता ने गहरे हरे रंग की साड़ी के साथ हरे रंग की रत्न वाली अंगूठी भी पहन रखी थी। यहां तक कि शपथ लेने के बाद उन्होंने हस्ताक्षर भी हरे रंग की कलम से किया।
जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला भी समारोह में हरे रंग की साड़ी पहन कर आई थीं। हालांकि यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है कि शपथ-ग्रहण समारोह में हर तरफ हरा-हरा ही क्यों था?
तमिलनाडु सरकार में फिर नंबर 2 पर पहुंचे पन्नीरसेल्वम
ओ. पन्नीरसेल्वम तमिलनाडु सरकार में एक बार फिर दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय से पार्टी महासचिव जे. जयललिता के बरी होने और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पन्नीरसेल्वम अब फिर राज्य के वित्त मंत्री हो गए हैं।
पन्नीरसेल्वम (64) पिछले साल सितंबर में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे, जब बेंगलुरू की एक अदालत ने जयललिता को 18 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल कैद की सजा सुनाई थी और उन पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी किया था। अदालत के इस फैसले के बाद जयललिता को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उस वक्त जयललिता के भरोसेमंद पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया था।
जयललिता को निचली अदालत से सजा होने और कर्नाटक उच्च न्यायालय से उनके बरी होने तक पन्नीरसेल्वम राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इस दौरान जयललिता के प्रति अपनी निष्ठा दर्शाने के लिए उन्होंने अपने वित्त मंत्रालय के कार्यालय से ही मुख्यमंत्री के कामकाज को भी अंजाम दिया। हालांकि इसके लिए उन्हें विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी और उन्हें 'कठपुतली मुख्यमंत्री' भी कहा गया। लेकिन इसकी परवाह न करते हुए उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह अपनी सरकार का संचालन जयललिता के निर्देशानुसार कर रहे हैं।
पन्नीरसेल्वम ने 1996 में राजनीति में कदम रखा था। वह 2001 में पेरियाकुलम विधानसभा सीट से जीते थे और लोक निर्माण विभाग के मंत्री बने थे। वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके की जीत के बाद गठित सरकार में जयललिता ने उन्हें वित्त मंत्री बनाया था।
पन्नीरसेल्वम थेवर समुदाय से राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले व्यक्ति थे। वर्ष 2001 में भी वह कुछ समय के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। तब भी हालात ऐसे ही थे, जब जयललिता को कानूनी वजहों से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जयललिता ने तब भी अपने विश्वासपात्र के रूप में पन्नीरसेल्वम को चुना था। जयललिता के प्रति निष्ठावान पन्नीरसेल्वम ने शुरुआत में बतौर मुख्यमंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर करने से ही मना कर दिया। उन्होंने तब भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने से इंकार किया।
साल 2006 में जब एआईएडीएमके हार गई थी, तब वह विपक्ष के नेता था।
पन्नीरसेल्वम का जन्म 1951 में थेनी के पेरियाकुलम में हुआ था। स्नातक के बाद उन्होंने कृषि क्षेत्र में किस्मत आजमाई, लेकिन इसके बाद राजनीतिक में प्रवेश कर लिया। उन्हें पहली सफलता 1996 में मिली, जब वह पेरियाकुलम नगरपालिका के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
जयललिता के खास होने के बावजूद वह राजनीतिक चकाचौंध से दूर रहते हैं। उन्हें हमेशा मस्तक पर भभूत और लाल रंग का टीका लगाए देखा जा सकता है। वह तीन बच्चों के पिता हैं।
उनकी सरलता की प्रशंसा विपक्षी भी करते हैं। विपक्षी दल के एक विधायक ने कहा, 'वह बेहद सरल एवं मिलनसार तथा मृदुभाषी हैं। सरकार में वरिष्ठ मंत्री होने के बावजूद उन्हें किसी तरह का घमंड नहीं है।'
जयललिता के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए रजनीकांत
जयललिता के मुख्यमंत्री पद के शपथ-ग्रहण समारोह में शनिवार को सुपरस्टार रजनीकांत सहित फिल्म जगत की कई जानी मानी हस्तियां मौजूद रहीं।
जयललिता पांचवी बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनी हैं। उन्होंने शनिवार को मद्रास यूनिवर्सिटी सेंटिनरी ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कार्यक्रम में सुपरस्टार रजनीकांत के अलावा शिव कुमार, कार्ती, शरत कुमार, विवेक, अर्जुन, प्रभु, विक्रम और रामाराजन जैसे फिल्म कलाकार शामिल हुए।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हाल ही में जयललिता और तीन अन्य को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बरी किया था, जिसके बाद दो सप्ताह से भी कम समय में जयललिता ने राज्य की मुख्यमंत्री का पदभार एक बार फिर संभाल लिया।
राज्यपाल के. रोसैया ने मद्रास यूनिवर्सिटी सेंटीनरी ऑडिटोरियम में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह में 67 वर्षीया जयललिता को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राज्यपाल ने मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को भी पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। तमिलनाडु की 14वीं विधानसभा में जयललिता बतौर मुख्यमंत्री 29 सदस्यीय मंत्रिमंडल का नेतृत्व करेंगी।
शपथ ग्रहण के लिए मंच तक पहुंचने से पहले और शपथ-ग्रहण के बाद जयललिता का तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया गया। समारोह स्थल खचाखच भरा था।
जयललिता के समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। जिस मार्ग से जयललिता शपथ-ग्रहण समारोह स्थल तक पहुंचीं, वहां सड़क के दोनों ओर लोगों की लंबी कतार देखी गई।
एआईएडीएमके ने वर्ष 2011 में विधानसभा चुनाव जीता था और तब जयललिता मुख्यमंत्री बनी थीं। लेकिन पिछले साल सितंबर में बेंगलुरू की एक अदालत ने उन्हें 18 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने उन्हें चार साल कैद की सजा सुनाई थी और उन पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी किया था।
बाद में हालांकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ जयललिता की अपील स्वीकार करते हुए उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। न्यायालय के आदेश के 15 दिन के भीतर उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली।
एआईएडीएमके के विधायकों ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें अपना नेता चुना था, जिसके बाद ओ.पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए जयललिता को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया था।
जयललिता ने 'हरियाली' के बीच ली शपथ
जे. जयललिता ने शनिवार को जब तमिलनाडु की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो वह हरे रंग की साड़ी पहनी हुई थीं। उनके आसपास भी हरे रंग का माहौल था। दरअसल, शपथ-ग्रहण समारोह में मंच की सज्जा हरे रंग से की गई थी।
जयललिता ने गहरे हरे रंग की साड़ी के साथ हरे रंग की रत्न वाली अंगूठी भी पहन रखी थी। यहां तक कि शपथ लेने के बाद उन्होंने हस्ताक्षर भी हरे रंग की कलम से किया।
जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला भी समारोह में हरे रंग की साड़ी पहन कर आई थीं। हालांकि यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है कि शपथ-ग्रहण समारोह में हर तरफ हरा-हरा ही क्यों था?
तमिलनाडु सरकार में फिर नंबर 2 पर पहुंचे पन्नीरसेल्वम
ओ. पन्नीरसेल्वम तमिलनाडु सरकार में एक बार फिर दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय से पार्टी महासचिव जे. जयललिता के बरी होने और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पन्नीरसेल्वम अब फिर राज्य के वित्त मंत्री हो गए हैं।
पन्नीरसेल्वम (64) पिछले साल सितंबर में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे, जब बेंगलुरू की एक अदालत ने जयललिता को 18 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल कैद की सजा सुनाई थी और उन पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी किया था। अदालत के इस फैसले के बाद जयललिता को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उस वक्त जयललिता के भरोसेमंद पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया था।
जयललिता को निचली अदालत से सजा होने और कर्नाटक उच्च न्यायालय से उनके बरी होने तक पन्नीरसेल्वम राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इस दौरान जयललिता के प्रति अपनी निष्ठा दर्शाने के लिए उन्होंने अपने वित्त मंत्रालय के कार्यालय से ही मुख्यमंत्री के कामकाज को भी अंजाम दिया। हालांकि इसके लिए उन्हें विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी और उन्हें 'कठपुतली मुख्यमंत्री' भी कहा गया। लेकिन इसकी परवाह न करते हुए उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह अपनी सरकार का संचालन जयललिता के निर्देशानुसार कर रहे हैं।
पन्नीरसेल्वम ने 1996 में राजनीति में कदम रखा था। वह 2001 में पेरियाकुलम विधानसभा सीट से जीते थे और लोक निर्माण विभाग के मंत्री बने थे। वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके की जीत के बाद गठित सरकार में जयललिता ने उन्हें वित्त मंत्री बनाया था।
पन्नीरसेल्वम थेवर समुदाय से राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले व्यक्ति थे। वर्ष 2001 में भी वह कुछ समय के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। तब भी हालात ऐसे ही थे, जब जयललिता को कानूनी वजहों से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जयललिता ने तब भी अपने विश्वासपात्र के रूप में पन्नीरसेल्वम को चुना था। जयललिता के प्रति निष्ठावान पन्नीरसेल्वम ने शुरुआत में बतौर मुख्यमंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर करने से ही मना कर दिया। उन्होंने तब भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने से इंकार किया।
साल 2006 में जब एआईएडीएमके हार गई थी, तब वह विपक्ष के नेता था।
पन्नीरसेल्वम का जन्म 1951 में थेनी के पेरियाकुलम में हुआ था। स्नातक के बाद उन्होंने कृषि क्षेत्र में किस्मत आजमाई, लेकिन इसके बाद राजनीतिक में प्रवेश कर लिया। उन्हें पहली सफलता 1996 में मिली, जब वह पेरियाकुलम नगरपालिका के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
जयललिता के खास होने के बावजूद वह राजनीतिक चकाचौंध से दूर रहते हैं। उन्हें हमेशा मस्तक पर भभूत और लाल रंग का टीका लगाए देखा जा सकता है। वह तीन बच्चों के पिता हैं।
उनकी सरलता की प्रशंसा विपक्षी भी करते हैं। विपक्षी दल के एक विधायक ने कहा, 'वह बेहद सरल एवं मिलनसार तथा मृदुभाषी हैं। सरकार में वरिष्ठ मंत्री होने के बावजूद उन्हें किसी तरह का घमंड नहीं है।'
जयललिता के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए रजनीकांत
जयललिता के मुख्यमंत्री पद के शपथ-ग्रहण समारोह में शनिवार को सुपरस्टार रजनीकांत सहित फिल्म जगत की कई जानी मानी हस्तियां मौजूद रहीं।
जयललिता पांचवी बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनी हैं। उन्होंने शनिवार को मद्रास यूनिवर्सिटी सेंटिनरी ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कार्यक्रम में सुपरस्टार रजनीकांत के अलावा शिव कुमार, कार्ती, शरत कुमार, विवेक, अर्जुन, प्रभु, विक्रम और रामाराजन जैसे फिल्म कलाकार शामिल हुए।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हाल ही में जयललिता और तीन अन्य को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बरी किया था, जिसके बाद दो सप्ताह से भी कम समय में जयललिता ने राज्य की मुख्यमंत्री का पदभार एक बार फिर संभाल लिया।