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मेहदी को पूरा यकीन था, वह पुलिस के हाथों कभी नहीं आएगा

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के प्रचार-प्रसार के लिए ट्विटर अकाउंट चलाने के आरोपित बेंगलुरु के इंजीनियर मेहदी मसरूर बिस्वास को यकीन था कि वह कभी पकड़ा नहीं जाएगा। पुलिस ने...

मेहदी को पूरा यकीन था, वह पुलिस के हाथों कभी नहीं आएगा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 14 Dec 2014 07:33 PM
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आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के प्रचार-प्रसार के लिए ट्विटर अकाउंट चलाने के आरोपित बेंगलुरु के इंजीनियर मेहदी मसरूर बिस्वास को यकीन था कि वह कभी पकड़ा नहीं जाएगा। पुलिस ने बताया कि वह पिछले कई पांच साल से आईएसआईएस के लिए ट्विटर अकाउंट चला रहा था। बेंगलुरु पुलिस आयुक्त एमएन रेड्डी ने कहा कि जब पुलिस मेहदी को गिरफ्तार करने पहुंची तो उसने किसी तरह का प्रतिरोध नहीं किया। उसने पुलिस से पूछताछ में भी अब तक सहयोग किया है।

कर्नाटक पुलिस महानिदेशक डीजीपी एल पचाऊ ने शनिवार को उसकी गिरफ्तारी के बाद कहा कि आरोपी ने स्वीकार किया है कि वह लोगों को जिहाद के लिए भड़काने के लिए @ShamiWitness  नाम से ट्विटर अकाउंट चला रहा था। पचाऊ ने कहा है कि पुलिस इस बात की जांच करेगी कि क्या इस काम के लिए मेहदी को आईएसआईएस की ओर से कोई फंडिंग मिलती थी। क्या वह आतंकी संगठन से सीधे संपर्क में था या खुद यह काम कर रहा था।

देशद्रोह का मामला भी दर्ज
देशद्रोह और आईपीसी की अन्य तमाम धाराओं के साथ ही पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियों की धारा 18 और 19 के तहत मेहदी पर मामला दर्ज किया है। उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 66ए भी लगाई गई है।

ट्विटर से भी पुलिस मांग सकती है सूचनाएं
पुलिस मेहदी के द्वारा किए गए सभी ट्वीट, रिट्वीट और उसे भेजे गए संदेशों के बारे में ट्विटर से भी सूचनाएं मांग सकती हैं। मेहदी के फेसबुक अकाउंट से भी जानकारियां खंगाली जा रही हैं। पुलिस ने उसका मोबाइल, लैपटॉप आदि जब्त कर उसके रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है।

एनआईए की टीम बेंगलुरु पहुंची
खबरों के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) की टीम भी बेंगलुरु पहुंच चुकी है और वह भी मेहदी से पूछताछ कर सकती है। एनआईए मेहदी को अदालत में पेश किए जाने के बाद उसकी रिमांड भी मांग सकती है।

2003 से थी लेवांत क्षेत्र पर नजर
मेहदी 2003 से ही सीरिया, जार्डन, लेबनान, साइप्रस, इजरायल, फलस्तीन और तुर्की के दक्षिणी हिस्से को समेटने वाले लेवांत या पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र की गतिविधियों में रुचि रखता था। सोशल मीडिया के उसके संदेशों से पता चलता है कि मेहदी ने आईएसआईएस से एशियाई शक्तियों के खिलाफ जंग छेड़ने के आतंकी संगठन को उकसाया था।

परिवार बंगाल का रहने वाला
मेहदी का परिवार पश्चिम बंगाल में रहता है। उसकी दो बड़ी बहनें हैं। मेहदी के पिता एम बिस्वास पश्चिम बंगाल विद्युत बोर्ड के पूर्व कर्मचारी हैं।

कर्नाटक से पहले भी जुड़े आतंकी तार
लंदन में रहने वाले कफील अहमद का ग्लासगो इंटरनेशनल एयरपोर्ट विस्फोट कांड में सामने आया था। कफील ने बेंगलुरु के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की थी। हमले में वह भी मारा गया था। कर्नाटक के भटकल गांव का भी इंडियन मुजाहिदीन के सरगनाओं रियाज और इकबाल भटकल की वजह से सुर्खियों में आया ता। इंडियन मुजाहिदीन पर देश में 21 से ज्यादा आतंकी हमले करने के आरोप हैं।

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