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स्मृति ईरानी के घर के बाहर NSUI ने किया प्रदर्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले ग्रुप को आईआईटी मद्रास ने बैन कर दिया। यह मुद्दा अब तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस के सहयोगी संगठन एनएसयूआई ने दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री...

स्मृति ईरानी के घर के बाहर NSUI ने किया प्रदर्शन
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 29 May 2015 04:50 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले ग्रुप को आईआईटी मद्रास ने बैन कर दिया। यह मुद्दा अब तूल पकड़ता जा रहा है।

कांग्रेस के सहयोगी संगठन एनएसयूआई ने दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के घर के बाहर प्रदर्शन किया।

इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद ने भी कहा कि आईआईटी में छात्र संगठन पर बैन लगाकर केंद्र ने दलितों का अपमान किया है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना को लेकर आईआईटी मद्रास ने दलित स्टूडेंट्स संगठन के एक फोरम पर बैन लगा दिया। छात्र समूह के खिलाफ मिली एक अज्ञात शिकायत के बाद संस्थान ने यह फैसला किया है। शिकायत में कहा गया है कि यह छात्र समूह हिंदी के इस्तेमाल और गोमांस को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर एससी-एसटी छात्रों को बरगला रहा था।

आईआईटी कैंपस में आंबेडकर-पेरियार स्टूडेंट सर्कल (एपीएससी) की गतिविधियों के बारे में मिली शिकायत के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जांच कराई। इस जांच के बाद आईआईटी ने स्टूडेंट सर्कल पर प्रतिबंध लगाया। एचआरडी मंत्रालय को मिली शिकायत में एपीएससी के पैंफलेट को संग्लन किया गया था, जिसमें मोदी सरकार और उसकी नीतियों की आलोचना की गई थी।

15 मई को आईआईटी डायरेक्टर को भेजे एक लेटर में अंडर सेक्रटरी प्रिस्का मैथ्यू ने लिखा कि कुछ अज्ञात छात्रों द्वारा मिली शिकायत और इसके साथ संग्लन एक पैंफलेट भेज रहा हूं। इस मामले में बारे में जितना जल्दी हो सके, एचआरडी मिनिस्ट्री को संस्थान का पक्ष भेजें। एक सप्ताह बाद 24 मई को आईआईटी डीन (छात्र) एसएम श्रीनिवासन ने आंबेडकर-पेरियार स्टूडेंट सर्कल के कोऑर्डिनेटर को भेजे मेल में उन्हें सूचित किया कि सर्कल को अमान्य घोषित किया जाता है।

वहीं एपीएससी के सदस्यों का कहना कि एचआरडी मिनिस्ट्री और आईआईटी का फैसला दक्षिणपंथी समूहों की शिकायत के आधार पर किया गया है। एपीएससी सदस्यों का कहना है कि अज्ञात पत्र में की गई शिकायत के आधार पर भला कैसे बहुसंख्यक छात्रों की आवाज को दबाया जा सकता है। एपीएससी के एक सदस्य का कहना है, हम इस पर आपत्ति दर्ज कराते हैं कि हमें अपनी सफाई का मौका तक दिए बिना ही सर्कल को अमान्य घोषित कर दिया गया।

समूह का कहना है कि हम डीन से मिले तो उनका कहना था कि सर्कल विवादास्पद गतिविधियों में शामिल है। हमारा रुख साफ है, हमने संस्थान द्वारा मिली सुविधाओं का दुरुपयोग नहीं किया है।

शिकायत में एपीएससी के जिस पैंफलेट को भेजा गया था, उसमें मोदी सरकार को उद्योपतियों की सरकार बताया था और केंद्र सरकार के कई बिलों की आलोचना की थी। पैंफलेट में घर वापसी कार्यक्रम और गोमांस पर प्रतिबंध जैसे मसलों का भी जिक्र है।

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