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2जी पर सभी फैसलों की जानकारी पीएम को दी थी: राजा

पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने आज दिल्ली की एक अदालत में सीबीआई के इस दावे से इनकार किया कि उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंसों के आवंटन के संबंध में दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा लिये गये फैसलों...

2जी पर सभी फैसलों की जानकारी पीएम को दी थी: राजा
एजेंसीThu, 17 Jul 2014 08:25 PM
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पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने आज दिल्ली की एक अदालत में सीबीआई के इस दावे से इनकार किया कि उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंसों के आवंटन के संबंध में दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा लिये गये फैसलों के बारे में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अंधेरे में रखा था।
   
2जी मामले में खुद के बचाव में गवाह की तौर पर बयान दर्ज कराते हुए राजा ने अदालत में कहा कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री सिंह से मुलाकात की थी और उन्हें इस मुद्दे पर दूरसंचार विभाग द्वारा लिये गये फैसलों के बारे में बताया था। राजा ने सीबीआई अभियोजक द्वारा जिरह के दौरान विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी से कहा, पत्रों के आदान-प्रदान के बाद मैंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें पत्रों में उल्लेखित सभी फैसलों के बारे में अवगत कराया और मैंने उन्हें एक फोल्डर भी सौंपा था।
   
राजा ने सीबीआई के इस तर्क को भी अस्वीकार कर दिया कि उन्होंने 2जी लाइसेंसों के आवंटन के संबंध में मामले को अधिकारप्राप्त मंत्रिसमूह (ईजीओएम) को भेजे जाने से बचाने के लिए 2 नवंबर, 2007 को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा, यह कहना गलत है कि मैंने मामले को दबाने के लिए और ईजीओएम को मामला भेजे जाने से बचाने के लिए 2 नवंबर, 2007 को पत्र लिखा था।
   
राजा द्वारा प्रधानमंत्री को 2 नवंबर, 2007 को लिखे एक और पत्र के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मंत्री ने कहा, उन्हें (प्रधानमंत्री को) निहित स्वार्थों के चलते गुमराह किया गया, इसलिए मैंने इस संबंध में और ज्यादा संशय से बचने के लिए तत्काल पत्र भेजा।

जिरह के दौरान सीबीआई के अभियोजक ने राजा से पूछा, आपने 2 नवंबर, 2007 को जो दो पत्र प्रधानमंत्री को लिखे थे, क्या उन्हें किसी भी फाइल में दूरसंचार विभाग के रिकॉर्ड में रखा गया था
   
इस पर राजा ने कहा, यह जरूरी नहीं है कि किसी मंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गये सभी पत्र विभाग की फाइल नोटिंग में हों। महत्वपूर्ण और उपयुक्त बात यह है कि प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में विभाग की मौजूदा स्थिति झलकनी चाहिए। उन्होंने कहा, हालांकि मुझे फिलहाल याद नहीं आ रहा कि इन दोनों पत्रों की प्रतियां फाइलों में रखे जाने के लिए विभाग को भेजी गयीं थीं या नहीं।
   
राजा के साथ जिरह जारी रहेगी। मामले में उन पर पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, द्रमुक सांसद कनिमोई, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा, रिलायंस एडीएजी के अधिकारियों गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा तथा हरि नायर के साथ मुकदमा चल रहा है।
   
इनके अलावा हिंदी फिल्मों के निर्माता करीम मोरानी, कलईंगर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार और कुसेगांव फूट्रस एंड वेजिटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों आसिफ बलवा तथा राजीव अग्रवाल पर भी मुकदमा चल रहा है। इन 14 आरोपियों के अलावा तीन दूरसंचार कंपनियां भी आरोपी हैं।
   
अदालत ने 22 अक्टूबर, 2011 को भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण कानून के अनेक प्रावधानों के तहत इनके खिलाफ आरोप तय किये थे।

 

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