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Hindi Newsधर्मांतरण नहीं, दिल जीतने निकले हैं, वीएचपी नेता अशोक सिंघल का बयान

धर्मांतरण नहीं, दिल जीतने निकले हैं, वीएचपी नेता अशोक सिंघल का बयान

देश में हिन्दू मूल्यों को पुन:स्थापित करने पर जोर देते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने आज कहा कि वह विश्व का धर्मान्तरण नहीं चाहते, बल्कि केवल उसका दिल जीतना चाहते हैं। विहिप के संरक्षक अशोक सिंघल ने एक...

धर्मांतरण नहीं, दिल जीतने निकले हैं, वीएचपी नेता अशोक सिंघल का बयान
एजेंसीMon, 22 Dec 2014 01:09 AM
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देश में हिन्दू मूल्यों को पुन:स्थापित करने पर जोर देते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने आज कहा कि वह विश्व का धर्मान्तरण नहीं चाहते, बल्कि केवल उसका दिल जीतना चाहते हैं। विहिप के संरक्षक अशोक सिंघल ने एक पुस्तक का लोकार्पण करने के अवसर पर कहा कि यह उनके 50 वर्ष के संघर्ष का परिणाम है कि हिन्दुओं ने 800 वर्ष से खोया साम्राज्य वापस पाया है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और धर्म को कुचला गया और हमें संघर्ष करना पड़ा। 800 वर्ष बाद, अब यह दिन आया कि हम कह सकते हैं कि हमारी एक ऐसी सरकार है, जो हिन्दुत्व की रक्षा के प्रति कटिबद्ध है। देश में शनै: शनै: हमारे मूल्य स्थापित होंगे।

सिंघल ने कहा कि हम एक अजेय हिन्दू समाज चाहते हैं, जो इन मूल्यों के अनुसार विश्व कल्याण के लिए काम कऱे, हम कभी विश्व के धर्मान्तरण के लिए बाहर नहीं गए, बल्कि उनका दिल जीतने आए हैं। केन्द्र में भाजपा सरकार की ओर इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में 12वीं शताब्दी में राजपूत राजाओं और पथ्वीराज चौहान की पराजय के बाद हिन्दू एक बार फिर सत्ता में आए हैं। उन्होंने दावा किया कि विश्व पर कब्जा करने के कई शक्तियों के प्रयासों के चलते दुनिया विश्व युद्ध के समीप आई।

उनके अनुसार, आप इसे ऑस्ट्रेलिया और पश्चिम एशिया में देख सकते हैं। हम इस्लामी आतंकवाद का खतरा यूरोप में देख रहे हैं। यह युद्ध समाप्त किया जा सकता है लेकिन विभिन्न शक्तियां जिस तरह से अपना प्रभुत्व स्थापित करने की होड़ में लगी हैं, इससे लगता है कि विश्व युद्ध सुनिश्चित है। विहिप नेता ने हालांकि कहा कि हिन्दू ऐसे किसी युद्ध में शामिल नहीं होंगे क्योंकि उन्होंने हमेशा ही प्रेम से विश्व को जीतने का प्रयास किया है और वे आध्यात्मिक विजय में विश्वास रखते हैं, भौतिक विजय में नहीं।

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