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हिमाचल में ब्यास नदी में बहे 25 छात्र, 5 के शव बरामद

बचावकर्मियों ने हैदराबाद के इंजीनियरिंग कॉलेज के पांच छात्रों के शव आज (सोमवार) बरामद कर लिये, जो मंडी जिले में ब्यास नदी में कल बह गए थे, जबकि 20 अन्य छात्रों के बारे में अभी कुछ भी पता नहीं चला...

हिमाचल में ब्यास नदी में बहे 25 छात्र, 5 के शव बरामद
एजेंसीMon, 09 Jun 2014 11:05 PM
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बचावकर्मियों ने हैदराबाद के इंजीनियरिंग कॉलेज के पांच छात्रों के शव आज (सोमवार) बरामद कर लिये, जो मंडी जिले में ब्यास नदी में कल बह गए थे, जबकि 20 अन्य छात्रों के बारे में अभी कुछ भी पता नहीं चला है।

इस बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने और लारजी पनबिजली परियोजना के रेजीडेंट इंजीनियर के निलंबन के आदेश दिए हैं। ब्यास नदी के तट पर कल फोटो खींच रहे 25 छात्र शाम को उस समय बह गए थे, जब 126 मेगावाट की लारजी पनबिजली परियोजना के जलाशय से पानी छोड़े जाने के कारण नदी में जलस्तर अचानक बढ़ गया।

पुलिस, होमगार्ड और स्थानीय गोताखोरों तथा राफ्टर की मदद से एसएसबी के बचाव दल ने आज तड़के थलोट से पन्डोह बांध तक खोज अभियान शुरू किया। मंडी स्थित नियंत्रण कक्ष से एसएसबी के अधिकारियों ने बताया कि पांच शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से 3 शव लड़कों के और 2 लड़कियों के हैं।

अधिकारियों ने बताया कि बहुत ज्यादा पानी होने और नौकाओं की कमी से कुछ दिक्कत आई। उन्होंने कहा कि लेकिन हमारे पास लापता लोगों की सूची है और हमें उम्मीद है कि हम शव खोज लेंगे। हमारे जवान नौकाओं की मदद से खोज कर रहे हैं और ब्यास नदी के तटीय हिस्सों पर नजर रखी जा रही है। एनडीआरएफ के दल और बीबीएमबी के गोताखोर भी मौके पर पहुंच गए हैं।

गृह मंत्रालय ने इस घटना के बारे में राज्य से रिपोर्ट मांगी है। मामले पर गंभीर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने त्रासदी की जिम्मेदारी तय करने के लिए और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय करने के लिए मंडी के संभागीय आयुक्त द्वारा मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने रेजीडेंट इंजीनियर के निलंबन के भी आदेश दिए हैं और कर्मचारियों के खिलाफ लापरवाही और बांध से पानी छोड़ने के बारे में लोगों को पहले चेतावनी न देने का मामला दर्ज किया गया है। बचाव अभियानों के निरीक्षण के लिए मुख्यमंत्री बिजली मंत्री सुजान सिंह पठानिया के साथ घटनास्थल पर गए।

ऐसा प्रतीत होता है कि परियोजना के अधिकारियों ने बिना किसी चेतावनी के पानी छोड़ दिया था। छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा कल अचानक बढ़ गई और इसने इससे अनजान लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। कल की इस घटना के बाद गुस्साए लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया।

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