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बिहार में भूकंप के झटके, लोग घरों से निकले

मिथिलांचल, कोसी, पूर्व और उत्तर बिहार के कई जिलों में गुरुवार की रात भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भयवश लोग घरों से बाहर खुले स्थान पर आ गए। यह झटके 15 से 20 सेकेंड तक महसूस किए गए। मौसम विज्ञान...

बिहार में भूकंप के झटके, लोग घरों से निकले
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 18 Dec 2014 10:28 PM
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मिथिलांचल, कोसी, पूर्व और उत्तर बिहार के कई जिलों में गुरुवार की रात भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भयवश लोग घरों से बाहर खुले स्थान पर आ गए। यह झटके 15 से 20 सेकेंड तक महसूस किए गए। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के मुताबिक शाम 5.44 बजे रिक्टर पैमाने पर 5.0 की तीव्रता से भूकंप आया, जिसका केंद्र अफगानिस्तान था।

इसके बाद रात 9.02 बजे 5.2 की तीव्रता वाला भूकंप आया। इसका केंद्र नेपाल था जिसकी वजह से नेपाल सीमा से लगे बिहार के जनपदों में लोगों ने झटकों को महसूस किया। भूकंप के इन झटकों की पुनरावृत्ति की आशंका कम है, मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यदि फिर भूकंप आया तो उसकी तीव्रता महज तीन, चार की होगी।

हालांकि कोलकाता स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार, इस भूकंप का केन्द्र बिन्दु अफगानिस्तान का हिन्दुकुश क्षेत्र है जिसका प्रभाव बिहार-नेपाल और बंगाल की सीमा तक रहा जहां इसकी तीव्रता 5.0 थी। अफगानिस्तान में गुरुवार की शाम 5 बजकर 44 मिनट 29 सेकेंड में यह भूकंप आया था। बिहार में यह भूकंप करीब तीन घंटे के बाद महसूस लगभग नौ बजकर पांच मिनट किया गया।

हमारे भागलपुर और मुजफ्फरपुर कार्यालय के मुताबिक भूकंप के झटके रात लगभग नौ बजकर दो मिनट पर महसूस किए गए। ये झटके दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पटना, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर आदि जिलों में महसूस किए गए। अचानक सबकुछ हिलने-डुलने लगा। जब तक लोग समझ पाते झटके समाप्त हो गए। लेकिन इन झटकों से लोग भयभीत हो गए।

आनन-फानन में लोग अपने परिजनों समेत घर से निकलकर सड़क पर आ गए, और अपनों के बारे में मोबाइल फोन से जानकारी एकत्र करने लगे। काफी देर चहलकदमी के बाद लोग सामान्य हुए। इन झटकों का सर्वाधिक खौफ मुंगेर और दरभंगा में देखा गया। चूंकि मुंगेर 1934 में और दरभंगा 1988 की त्रासदी देख चुका है। वहां जैसे ही लोगों के घरों के पंखे और फर्नीचर अचानक हिलने लगे। लोग शोर करते हुए अपने घरों से बाहर आ गए। कमोबेश हर जिले में यही स्थिति रही।

जिन लोगों ने झटके नहीं महसूस किए वे भी शोर और भगदड़ का हिस्सा बनकर सड़क या खुले स्थानों पर आ गए। नतीजतन सवा नौ बजे तक भूकंप आने का शोर हर जिले में हो गया। हमारे मुजफ्फरपुर कार्यालय से बातचीत में पूसा मौसम विज्ञान केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. आईबी पांडेय ने कहा कि उत्तर और पूर्व बिहार में झटके महसूस किए गए।

भूकंप की तीव्रता काफी कम है इसलिए फिर से झटके आने की संभावना नहीं के बराबर है। यदि भूकंप की पुनरावृत्ति होती है तो उसकी तीव्रता अधिकतम तीन से चार रहेगी, जिससे कोई खतरा नहीं है। भूज में जब भूकंप आया था उसकी तीव्रता 7.9 थी जिसकी वजह से भारी तबाही मची थी।
आरके गिरि, निदेशक मौसम विज्ञान केंद्र पटना

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