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Hindi Newsतीन महीने में बढ़ीं सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं: कांग्रेस

तीन महीने में बढ़ीं सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं: कांग्रेस

देश के विभिन्न हिस्सों में हाल के दिनों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए आज लोकसभा में इनकी जांच कराने की मांग की गई। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश में सांप्रदायिक...

तीन महीने में बढ़ीं सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं: कांग्रेस
एजेंसीThu, 14 Aug 2014 01:33 AM
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देश के विभिन्न हिस्सों में हाल के दिनों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए आज लोकसभा में इनकी जांच कराने की मांग की गई। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं से निपटने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किए जाने की आवश्यकता के बारे में चर्चा शुरू करते हुए कहा कि पिछले दो तीन महीने में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में तेजी आई है। देश के लोकतंत्र के लिए यह अच्छा लक्षण नहीं है। इससे समाज में विभाजन होता है। उन्होंने कहा कि सरकार को साप्रदायिक हिंसा की जांच करनी चाहिए और इसे रोकने के पुख्ता उपाय करने चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी ने आदित्यनाथ योगी ने कहा कि राज्य सरकारों की नीतियां इस तरह की होती है जिससे समाज में संप्रदाय के आधार पर विभाजन होता है और ध्रुवीकरण होता है। उन्होने कहा कि असम, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारें इस तरह की नीतियां अपना रही है जिससे एक संप्रदाय में अविश्वास पैदा हो रहा है। उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की जांच कराने के लिए उन्होंने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश कराने का सुझाव दिया।

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपध्याय ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसासे निपटने के लिए प्रभावी तंत्र की स्थापना की जानी चाहिए और देश में एकता बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि दंगें नहीं हो और इसी दिशा में प्रयास करने चाहिए।

बीजू जनता दल के तथागत सतपति ने कहा कि देश में साम्प्रदायिक हिंसा रोकने के लिए चुनाव आयोग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण की तरह साम्प्रदायिक सौहार्द प्राधिकरण होने चाहिए और उसे सभी अधिकार दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्राधिकरण में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधियों को शामिल किया जा सकता है।

तेलुगु देशम पार्टी के एसएस राव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारत को पुण्यभूमि, कर्मभूमि और वेदभूमि बताया था और सही मायनों में उनके आदर्शों पर चलना है तो वोट बैंक की राजनीति से किनारा करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आज एक वैश्विक गांव बन चुकी है और शिक्षा और जागरूकता से देश को साम्प्रदायिक हिंसा से छुटकारा दिलाया जा सकता है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद सलीम ने कहा कि देश में साम्प्रदायिक हिंसा के साथ-साथ असहिष्णुता की भावना भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यह देश विविधतापूर्ण है और सभी को एक खांचे में ढालने की कोशिश की जाएगी तो उससे समस्या पैदा होगी। यूपीए सरकार दस साल में साम्प्रदायिक हिंसा रोकने के लिए विधेयक नहीं ला पाई और राजग सरकार से तो इसकी उम्मीद भी नहीं की जा सकती कि वह इस विधेयक को लाएगी।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तारिक अनवर ने कहा किसी भी सभ्य समाज की पहचान इस बात से होती है उस समाज में पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की क्या स्थिति है। मुस्लिम तुष्टिकरण की बात सही नहीं है और सच्चर समिति से यह बात साबित होती है। समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने से ही सबका साथ सबका विकास का मूलमंत्र पूरा किया जा सकेगा।
     
राष्ट्रीय जनता दल के राजेश रंजन ने कहा कि मोदी सरकार केसत्ता में आने के बाद 600 से अधिक दंगे हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों की स्थिति बहुत खराब है। धर्म की राजनीति करने वालों पर लगाम लगाने की जरूरत है।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की मेहबूबा मुफ्ती ने कहा कि दंगों में सिर्फ बेगुनाहों की ही जान जाती है। पीड़ित जन समुदाय को प्रशासन से मदद नहीं मिलती है इसलिए दंगा जैसी समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दंगों में शामिल लोगों को पता होता है कि उनका कुछ अहित नहीं होगा इसलिए वे डरते नहीं हैं। उन्होंने दंगों के समाधान के लिए व्यवस्था को जनोन्मुखी बनाये जाने की मांग की।

आल इंडिया मजलिस ए एहत्तेहादुल मुसलमीन के असद्दुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सांप्रदायिक दंगे सबसे खतरनाक हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि पुलिस दंगों के दौरान निष्पक्षता से काम नहीं करती है। उनका कहना था कि दंगों की जांच होती है लेकिन इसकी रिपोर्ट सामने नहीं आती है इसलिए यह रिर्पाट सामने आनी चाहिए और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। 

तेलंगाना राष्ट्र समिति के विश्वेसर रेड्डी ने कहा कि सांप्रदायिक दंगे राजनीति से प्रेरित होते है इसलिए ये सांप्रदायिक नहीं बल्कि राजनीतिक दंगे होते है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में कभी दंगे नही हुए। आजादी से पहले भी वहां सांप्रदायिक सद्भाव था। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव सबकी जिम्मेदारी है और भाजपा को यह जिम्मेदारी निभानी है।

आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फंट के बरूद्दीन अजमल नेकहा कि हमारा गंगा जमुनी तहजीब का मुल्क है जिसकी पूरी दुनिया तारीफ करती है। उन्होंने कहा कि यहां हिन्दू मुस्लिम का मामला नहीं है बल्कि यहां देश को दंगों से बचाने का सवाल है जिसमें हिन्दू ओर मुस्लिम दोनों तबाह होते हैं। हिन्दुस्तान को सर्वधर्म समभाव की मिसाल लगातार कायम करते रहना है।

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