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केजरीवाल के सतीश पर आरोपों से सियासत गर्म

दिल्ली दंगल का बिगुल बजने के दो दिन बाद बुधवार को ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय पर ‘आरोप बम’ फोड़ा। उन्होंने कहा, सतीश और पार्टी उपाध्यक्ष...

केजरीवाल के सतीश पर आरोपों से सियासत गर्म
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 15 Jan 2015 10:20 AM
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दिल्ली दंगल का बिगुल बजने के दो दिन बाद बुधवार को ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय पर ‘आरोप बम’ फोड़ा। उन्होंने कहा, सतीश और पार्टी उपाध्यक्ष आशीष सूद की बिजली कंपनियों से साठगांठ है।

केजरीवाल ने कहा, इनकी कंपनियां बिजली आपूर्ति कंपनियों के लिए मीटर लगाने और बदलने का काम करती हैं। ये हितों का टकराव है, उपाध्याय इस पर सफाई दें। इन आरोपों के चलते एक बार फिर दिल्ली की सियासत गर्म गई है।

छह कंपनियों के मालिक हैं उपाध्याय: केजरीवाल ने कहा, उपाध्याय की दिल्ली में ऐसी छह कंपनियां हैं। इनमें से एक बीएसईएस के लिए मीटर लगाने और बदलने का काम करती रही है, जिसमें सूद भी निदेशक हैं। दिल्ली के उपभोक्ता बिजली मीटरों में गड़बड़ी की बात कहते आ रहे हैं। उनकी शिकायत है कि ये मीटर तेज चलते हैं, जिसके चलते बिजली का बिल भी ज्यादा आता है। इस सब के बीच खास बात यह है कि ये मीटर उपाध्याय की कंपनी द्वारा ही लगाए गए हैं।

भाजपा नेता ने ही दिए उपाध्याय के खिलाफ दस्तावेज : केजरीवाल ने कहा, ‘मेरे पास इससे संबंधित दस्तावेज भी हैं। ये भाजपा के ही एक नेता ने मुझे दिए हैं।’ उन्होंने यह कहकर उस नेता का नाम बताने से इनकार कर दिया कि अभी वह कुछ और नेताओं के ऐसे ही दस्तावेज देगा।

हिसाब दें दिल्ली अध्यक्ष
केजरीवाल ने पूछा, उपाध्याय और सूद की कंपनियों ने आज तक कितने मीटर सप्लाई किए हैं। ये मीटर उन्होंने किससे और कितने में खरीदे। यह भी बताएं कि आगे बीएसईएस को कितने में बेचे।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने सबूत पार्टी की वेबसाइट पर डाल दिए हैं। अगर मुझ पर मानहानि का केस हुआ तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं।

भाजपा से पूछे गए सवाल
*आखिर भाजपा बिजली कंपनियों की इतनी मदद क्यों कर रही है
*बिजली कंपनियों को मीटर देने वालों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष क्यों बनाया
*सरकार ने बिजली कंपनियों का ऑडिट कराने वाली फाइल ठंडे बस्ते में क्यों डाल दी
*उपाध्याय और सूद सदन में बिजली कंपनियों के ऑडिट में सहयोग करेंगे या नहीं

केजरीवाल को घेरने की तैयारी
नई दिल्ली सीट पर चुनावी घमासान इस बार भी दिलचस्प होने जा रहा है। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरिवद केजरीवाल को घेरने के लिए कांग्रेस और भाजपा रणनीति तैयार कर रही हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री किरण वालिया को उतारा जा सकता है। वहीं भाजपा इस सीट के लिए कई नामों पर विचार कर रही है। सबसे प्रमुख नाम शाजिया इल्मी का है। हालांकि शाजिया ने ट्वीट कर इस सीट से लड़ने से इनकार कर दिया है।

शाजिया आम आदमी पार्टी की सदस्य थीं और पार्टी की कार्यप्रणाली से नाराज होकर उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उनके एक-दो दिन में भाजपा में शामिल होने की अटकलें हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रचार करने संबंधी उनके ट्वीट के बाद इसे और बल मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के लिए उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के साथ झाड़ भी लगाई थी।

शाजिया ने इनकार किया : इस पर यह चर्चा चल रही थी कि भाजपा में शामिल होने के बाद शाजिया को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली से चुनाव लडमया जा सकता है। यह खबर आते ही शाजिया ने ट्वीट कर कहा कि मैं नई दिल्ली सीट से चुनाव नहीं लड़ने जा रही हूं। उधर, केजरीवाल ने इन अटकलों पर कहा कि शाजिया किसी भी पार्टी में जाने और कहीं से भी चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।

वहीं, कांग्रेस की ओर से किरण वालिया को टिकट देना करीब-करीब तय माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि पहले किरण वालिया भी यहां से चुनाव लड़ने की इच्छुक नहीं थी लेकिन पार्टी आलाकमान के निर्देश पर वह मान गईं। उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी हाईकमान का फैसला मंजूर है। उन्होंने कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री की बतौर उत्तराधिकारी चुनाव मैदान में हैं और 15 सालों में सरकार के कामकाज को पिछले चुनाव में नजरंदाज करने की भूल का क्षेत्र के लोगों को अब अहसास हो गया है। सरकारी कर्मचारियों की बहुलता वाली इस सीट पर हर तबके के लोग पिछले एक साल से बिजली, पानी और अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इसके मद्देनजर जनता अब कांग्रेस के साथ खड़ी है।

शीला को शिकस्त दी थी

केजरीवाल : 2013 के चुनाव में इस सीट पर 15 वर्ष से मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को जबरदस्त शिकस्त दी थी। केजरीवाल को 44269 वोट मिले थे, वहीं शीला दीक्षित को 8405 ही मिल पाए थे। भाजपा के विजेंद्र गुप्ता यहां तीसरे स्थान पर रहे थे।

फैसला होना अभी बाकी
किरण वालिया: शीला सरकार में मंत्री रही हैं। प्रो. किरण वालिया ने मालवीय नगर सीट से 1998, 2003 और 2008 में जीती थीं। पिछले चुनाव में आप के सोमनाथ भारती ने उन्हें मालवीय नगर हराया था। नई दिल्ली सीट से लड़ने को इच्छुक नहीं थी लेकिन बाद में मान गईं।

दो बार आजमाई थी किस्मत
शाजिया इल्मी: 2013 के विधानसभा चुनाव में आप के टिकट पर आरके पुरम से चुनाव लड़ा था। और भाजपा के अनिल कुमार शर्मा से मात्र 326 वोटों से हार गई थीं। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद से चुनाव लड़ा और पूर्व सेनाध्यक्ष वी.के. सिंह से चुनाव हारी थीं।

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