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बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ है संप्रग सरकार: डी राजा

डी राजा ने शुक्रवार को कहा कि संप्रग ने अपने आर्थिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए बहुब्रांड खुदरा में एफडीआई को रोजगार सृजन के साथ ही किसानों और उपभोक्ताओं के लिए अच्छा होने का मिथ खड़ा किया...

बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ है संप्रग सरकार: डी राजा
Fri, 07 Dec 2012 03:22 PM
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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता डी राजा ने शुक्रवार को कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने अपने आर्थिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए बहुब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को रोजगार सृजन के साथ ही किसानों और उपभोक्ताओं के लिए अच्छा होने का मिथ खड़ा किया है।

खुदरा में एफडीआई को अनुमति देने के मुद्दे पर राज्यसभा में बहस में हिस्सा लेते हुए राजा ने कहा कि संप्रग सरकार ने बेशर्मी के साथ खुद को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ खड़ा कर लिया है और फिर भी वह दावा करती है कि वह आम आदमी के साथ है।

राजा ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार की नव उदारवादी आर्थिक नीतियों के खिलाफ है। राजा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि रुपये पेड़ों पर नहीं लगते.. लिहाजा उनकी सरकार एफडीआई के लिए बेताब हो उठी है।

राजा ने कहा कि सरकार ने खुदरा में एफडीआई को बढ़ावा देने के लिए जानबूझकर तीन मिथ खड़े किए हैं। सरकार ने मिथ खड़े किए हैं कि यह रोजगार को बढ़ावा देगा, किसानों और उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी होगा। राजा ने उपभोक्ताओं के मुद्दे पर कहा कि तमाम लोग 20 रुपये प्रतिदिन से कम कमा रहे हैं.. वे किन उपभोक्ताओं की बात कर रहे हैं? राजा ने कहा कि सदन की भावना एफडीआई के खिलाफ है।

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