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कांगेस ने साधा धूमल और अनुराग ठाकुर पर निशाना

आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी मामले में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और उनके बेटे दुष्यंत सिंह पर घोटाले का आरोप लगाने के बाद कांग्रेस ने अब हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री...

कांगेस ने साधा धूमल और अनुराग ठाकुर पर निशाना
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 02 Aug 2015 07:47 PM
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आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी मामले में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और उनके बेटे दुष्यंत सिंह पर घोटाले का आरोप लगाने के बाद कांग्रेस ने अब हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके बेटे अनुराग ठाकुर पर हमला बोला है। पार्टी ने लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल पर धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) क्रिकेट स्टेडियम बनाने में सौ करोड़ की धांधली का आरोप लगाया है।

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि राजस्थान के मां-बेटे की कहानी के बाद अब हिमाचल प्रदेश के बाप बेटे की कहानी का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि 2002 से क्रिकेट के नाम पर प्रेम कुमार धूमल और अनुराग ठाकुर ने सत्ता का दुरुपयोग किया है। प्रेम कुमार धूमल ने अपने बेटे के कहने पर धर्मशाला में सौ करोड़ रुपए की कीमत वाली 16 एकड़ जमीन हिमाचल क्रिकेट एसोसिएशन को स्टेडियम बनाने के लिए एक रुपए किराए पर 99 वर्ष के लिए दी थी। पर इस जमीन पर एक होटल, रिसोर्ट और ऑफिस बना लिया।

जयराम रमेश का आरोप है कि यह जमीन हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को कुछ शर्तो पर दी गई थी, जिसमें भूमि का कामर्शियल इस्तेमाल न करना शामिल था। पर उस जमीन पर एक रिवॉल्विंग रेस्त्रां और एक होटल बनाया जाता है। यह होटल निजी कंपनी बनाती है। निजी कंपनी को होटल और रेस्त्रां से सालाना एक करोड़ रुपए की आमदनी हो रही है। उन्होंने कहा कि पिता और पुत्र ने सत्ता का दुरुपयोग कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया है। रमेश ने कहा कि वह सिर्फ आरोप नहीं लगा रहे हैं, बल्कि तथ्यों के आधार पर मामला रख रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार की आंखो में धूल झोंकने के लिए अनुराग ठाकुर ने कानपुर (उप्र) में हिमालियन प्लेयर्स एसोसिएशन मतलब एचपीसीए के नाम से कंपनी खोली। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को भी एचपीसीए कहा जाता है। दोनों कंपनियों का लघुरुप एचपीसीए था। इतना ही नहीं दोनों के ऑफिस धारक और सदस्य भी एक थे। जयराम रमेश ने संकेत दिए कि राज्य सरकार इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई कर सकती है।

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