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भारत-चीन साझेदारी से बनेगी एशिया की 21वीं सदीः जिनपिंग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि विश्व की दो महत्वपूर्ण ताकतों भारत और चीन के बीच विकास की वैश्विक साझेदारी के बिना 21वीं सदी एशिया की सदी नहीं बन सकती है। भारत की यात्रा पर आने से पहले शी...

भारत-चीन साझेदारी से बनेगी एशिया की 21वीं सदीः जिनपिंग
एजेंसीWed, 17 Sep 2014 03:36 PM
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि विश्व की दो महत्वपूर्ण ताकतों भारत और चीन के बीच विकास की वैश्विक साझेदारी के बिना 21वीं सदी एशिया की सदी नहीं बन सकती है। भारत की यात्रा पर आने से पहले शी जिनपिंग ने अंग्रेजी के एक प्रतिष्ठित दैनिक में एक लेख में लिखा है कि एशिया की अर्थव्यवस्था के इन दोनों इंजनों के बीच तरक्की और समृद्धि के लिए सहयोग साझेदारी बढ़ाना आवश्यक है।
 
उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि चीन की ऊर्जा और भारत की बुद्धिमत्ता का योग जबरदस्त क्षमता का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि विश्व का कारखाना और विश्व का बैंक ऑफिस मिल जाएं तो यह दुनिया का सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी उत्पादक आधार तथा सर्वाधिक आकर्षक उपभोक्ता बाजार बन सकता है। उन्होंने विश्व व्यवस्था को बहुध्रुवीय बनाने के लिए भी भारत चीन के बीच वैश्विक साझेदारी की वकालत की।

चीनी राष्ट्रपति भारत की तीन दिन की यात्रा पर बुधवार अपराह्न गुजरात के अहमदाबाद पहुंच रहे हैं। उनकी पत्नी पेंग लियुआन के अलावा पोलित ब्यूरो के वरिष्ठ सदस्य तथा स्टेट काउंसिलर यांग जिची भी उनके साथ आ रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति ने बांग्लादेश चीन भारत म्यांमार (बीसीआईएम) आर्थिक गलियारे के संयुक्त रूप से विकास करने तथा रेशम मार्ग आर्थिक बेल्ट और रेशम समुद्री मर्ग विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण की प्रशंसा की और कहा भारत और चीन के विकास के सपने एक दूसरे से जुड़े हैं। हमारी रणनीति भी जुड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह मोदी के भारत और चीन को 'दो शरीर एक आत्मा' कहे जाने की सराहना करते हैं। चीनी ड्रेगन और भारतीय हाथी के जुमलों के इतर दोनों देश शांति, समानता और न्याय के लिए प्रतिबद्ध हैं।
 
चीन के राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का उल्लेख किया और कहा कि इस मसले के समाधान के लिए बातचीत में प्रगति हो रही है हालांकि दोनों पक्ष सीमा क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। शी जिनपिंग ने कहा कि वह अपनी इस यात्रा के दौरान भारतीय नेतृत्व से गहन विचार विमर्श तथा भारत चीन रणनीतिक एवं सहयोग की साझेदारी में नई ऊर्जा के संचार की आशा रखते हैं।

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