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बिहार गंगा के पानी में केंद्र से मांगेगा अपना हक

नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी की बैठक में गुरुवार को बिहार फरक्का बराज के निर्माण और बांग्लादेश से जल समझौते के कारण राज्य को हुए नुकसान का मुद्दा उठाएगा। फरक्का बराज बना पश्चिम बंगाल में, पानी देने...

बिहार गंगा के पानी में केंद्र से मांगेगा अपना हक
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 26 Mar 2015 12:06 PM
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नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी की बैठक में गुरुवार को बिहार फरक्का बराज के निर्माण और बांग्लादेश से जल समझौते के कारण राज्य को हुए नुकसान का मुद्दा उठाएगा। फरक्का बराज बना पश्चिम बंगाल में, पानी देने का समझौता बांग्लादेश से हुआ, लेकिन इन दोनों का नुकसान बिहार को हो रहा है। बिहार में नदियों का जाल है, लेकिन इस राज्य को खुद पानी के लिए तरसना पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुरुवार को नई दिल्ली में बुलाई गई बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद शामिल होंगे।

बिहार का 1500 घनसेक पानी जाता है बांग्लादेश: 1996 में हुए भारत- बांग्लादेश समझौते के अनुसार फरक्का बराज पर 1500 क्यूमेक (घनसेक) पानी बिहार को देना है। जबकि बिहार में प्रवेश करते समय गंगा का पानी बमुश्किल एक तिहाई रहता है। यूपी, उत्तराखंड में कई बिजली परियोजनाओं में गंगा का पानी उपयोग हो रहा है। बांग्लादेश को पानी देने की बाध्यता के कारण बिहार की सिंचाई और बिजली परियोजनाओं को मंजूर नहीं मिल पाती है। 1995 से बिहार सरकार अनुरोध कर रही है कि गंगा के पानी के बंटवारे में राज्यों का हिस्सा तय हो। 2012 में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री ने चौसा से फरक्का तक गंगा का हवाई सर्वे कराने के बाद आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिया था। उस समय से अब तक कई बार पत्राचार हो चुका है। गंगा व इसकी सहायक नदियों की आकृति, गाद जमा होने की दर, गाद प्रवाह की क्षमता, नदियों के किनारों काक्षरण, जलजमाव वाले क्षेत्र व पानी की गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन केंद्र सरकार से कराने की मांग होगी।

गाद नीति की मांग होगी
उत्तर बिहार में बाढ़ का प्रमुख कारण नेपाल से आने वाली नदियां हैं। फरक्का बराज से भी गंगा नदी में गाद की समस्या उत्पन्न हो गई है। अंतरराष्ट्रीय कारणों से हो रही इस समस्या के निदान के लिए बिहार केन्द्र से राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनाने की मांग करेगा ताकि गंगा, कोसी सहित अन्य नदियों में गाद का उचित प्रबंधन हो। 

जल परिवहन सेवा मुश्किल
हल्दिया से इलाहाबाद के बीच जलमार्ग सेवा शुरू करने का प्रस्ताव है। बिहार की मांग है कि बराज बनाने के बजाय नदी से गाद की निकासी हो ताकि जहाज चलाने के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके। बंगाल में गंगा पर फरक्का बराज बनने का खामियाजा बिहार भुगत रहा है। अगर और बराज बना तो गंगा की धारा प्रभावित होगी।

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