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भूटान से उप्र को 5,000 मेगावाट बिजली मिलेगी

नोएडा-ग्रेटर नोएडा समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मार्च 2015 से 24 घंटे बिजली मिलेगी। दरअसल, भूटान से 5,000 मेगवॉट बिजली का आयात शुरू हो जाएगा। इसके लिए ग्रेटर नोएडा समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में...

भूटान से उप्र को 5,000 मेगावाट बिजली मिलेगी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 22 Nov 2014 03:50 PM
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नोएडा-ग्रेटर नोएडा समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मार्च 2015 से 24 घंटे बिजली मिलेगी। दरअसल, भूटान से 5,000 मेगवॉट बिजली का आयात शुरू हो जाएगा। इसके लिए ग्रेटर नोएडा समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सात जगहों पर बिजलीघरों का निर्माण तेजी से चल रहा है।

मुलायम सिंह सरकार ने वर्ष 2006 में बीओटी (बिल्ट, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) योजना के तहत बिजली आयात और आपूर्ति करने की योजना बनाई थी। योजना वर्ष 2009 में पूरी होनी थी। लेकिन प्रोजेक्ट पर काम ही शुरू नहीं हो सका। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने तो योजना पर फिर काम शुरू हो गया। करीब एक साल पहले सरकार दो कंपनियों को निर्माण की जिम्मेदारी सौंप दी।

दोनों कंपनियां ग्रेटर नोएडा समेत वेस्ट यूपी में सात जगहों पर पावर स्टेशन का निर्माण कर रही हैं। सातों बिजलीघर एक साथ मार्च 2015 में शुरू होंगे।

ग्रिड के माध्यम 5,000 मेगावॉट बिजली इन सात बिजलीघरों को भेजी जाएगी। प्रोजेक्ट हेड रोहित सिंह ने बताया कि निर्धारित अवधि में कंपनी अपना काम पूरा कर लेगी। मार्च 2015 से आम उपभोक्ताओं के लिए आपूर्ति शुरू हो जाएगी। मैनपुरी को ग्रिड प्वाइंट बनाया गया है।

पावर कॉम्पलैक्स
ग्रेटर नोएडा के जंहागीरपुर कसबे में 280 एकड़ क्षेत्रफल में पावर स्टेशन बनाया जा रहा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र और बुलंदशर जिले को यहीं से बिजली की आपूर्ति की जाएगी।

इन स्थानों पर बन रहे हैंमैनपुरी, शिकोहाबाद, जंहागीरपुर, चोला, हापुड़, इंदिरापुरम् और बिजनौर। मैनपुरी से लेकर खुर्जा तक मेन लाइन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है।


35 वर्ष बिजली आपूर्ति
गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़, अलीगढ़, हाथरस, फिरोजाबाद, बागपत, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर को कंपनियां 24 घंटे बिजली आपूर्ति करेंगी। कंपनी 35 वर्षों तक बिल वसूल करेंगी।

दर सरकार तय करेगी
बिजली का उत्पादन, वितरण और वसूली निजी क्षेत्र के हाथों में होगी लेकिन दरें प्रदेश सरकार ही निर्धारित करेगी। परियोजना पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन, ट्रांसमिशन कारपोरेशन और बिजली नियामक आयोग का नियंत्रण होगा।

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