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स्वच्छ सरकार चलाने के भाजपा के दावे झूठे :शिवसेना

देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा विधानसभा में विश्वास मत जीते जाने के एक दिन बाद भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना ने आज महाराष्ट्र सरकार पर शोर-शराबे के बीच बहुमत साबित करके संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन...

स्वच्छ सरकार चलाने के भाजपा के दावे झूठे :शिवसेना
एजेंसीThu, 13 Nov 2014 11:38 AM
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देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा विधानसभा में विश्वास मत जीते जाने के एक दिन बाद भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना ने आज महाराष्ट्र सरकार पर शोर-शराबे के बीच बहुमत साबित करके संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने का और राज्य की सालों पुरानी परंपराओं का गला घोंटने का आरोप लगाया।
   
शिवसेना ने स्वच्छ सरकार चलाने के भाजपा के दावे को भी झूठ करार दिया। पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया है, भाजपा ने सत्ता में आने पर साफ सुथरी सरकार का वायदा किया था। जनता से किये गये सारे वायदे भूलकर उन्होंने विश्वास मत के दौरान संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया। इससे साबित होता है कि स्वच्छ सरकार चलाने के सारे दावे झूठे थे।
   
शिवसेना ने लिखा है कि विधानसभा के नियमों को तोड़कर और परंपराओं की अनदेखी करके उन्होंने राज्य की जनता के साथ धोखाधड़ी की है जिसके लिए उन्हें माफ नहीं किया जाएगा।
   
पार्टी ने कहा, अब क्या लोग उस पार्टी पर भरोसा करेंगे जिसने केवल विश्वास मत जीतने के लिए सभी नियमों का उल्लंघन किया और सालों पुरानी परंपराओं का गला घोंट दिया आपने उस जनता का विश्वास तोड़ा है जिसने आपको सबसे बड़ा जनादेश दिया। इसके लिए आपको कभी माफ नहीं किया जाएगा।
   
संपादकीय के अनुसार, अगर आपको बहुमत प्राप्त करने का इतना भरोसा था तो आप मत विभाजन की विपक्षी दलों की मांग मान सकते थे। आपको बिना विश्वास मत के सरकार चलाने के लिए जनता को जवाब देना होगा।

शिवसेना ने कहा कि भाजपा ने सदन में शोर-शराबे के बीच विश्वास मत जीतने में सफलता जरूर पाई है लेकिन विपक्षी दल इस बहुमत को तब तक स्वीकार नहीं करेंगे जब तक इसे सदन में संवैधानिक रूप से साबित नहीं किया जाए।
   
कल जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष हरिभाउ बागड़े ने सदन में विश्वास मत के भाजपा नेता आशीष शेलार के एक पंक्ति के प्रस्ताव के पारित होने की घोषणा की, सदन के अंदर और बाहर हंगामा शुरू हो गया। स्पीकर ने कांग्रेस के पांच विधायकों को राज्यपाल विद्यासागर राव को धक्का देने और उन्हें चोट पहुंचाने के आरोप में दो साल के लिए सदन से निलंबित कर दिया।
   
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष की व्यवस्था को लोकतंत्र की हत्या करार दिया वहीं शिवसेना ने इसे महाराष्ट्र के लिए काला दिन कहा।

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