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भाजपा ने वीरभद्र सिंह पर लगाया रिश्वत लेने का आरोप, हिमाचल के CM ने आरोपों को किया खारिज

कांग्रेस के खिलाफ हमला तेज करते हुए भाजपा ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर महरौली में एक फॉर्म हाउस खरीदने के लिए एक निजी कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया। वीरभद्र सिंह ने इस आरोप को...

भाजपा ने वीरभद्र सिंह पर लगाया रिश्वत लेने का आरोप, हिमाचल के CM ने आरोपों को किया खारिज
एजेंसीThu, 23 Jul 2015 07:16 PM
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कांग्रेस के खिलाफ हमला तेज करते हुए भाजपा ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर महरौली में एक फॉर्म हाउस खरीदने के लिए एक निजी कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया। वीरभद्र सिंह ने इस आरोप को खारिज कर दिया।

भाजपा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए एक स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जारी की थी और आज अपना निशाना वीरभद्र सिंह की ओर साधते हुए कहा कि वह विपक्षी पार्टी के नेताओं के खिलाफ अपने हमलों का सिलसिला जारी रखेगी।

भाजपा ने जो आरोप लगाये हैं, वो पहली बार 2012 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान उठाये गये थे और पार्टी नेताओं ने आज जांच दस्तावेज के हवाले से दावा किया कि सिंह के खिलाफ आरोप प्रमाणित हैं और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे तथा पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से कुछ भाजपा नेताओं के खिलाफ लगाये गये आरोपों पर चुटकी ली और सिंह तथा रावत पर लगे आरोपों पर उनका जवाब मांगा। वीरभद्र सिंह ने शिमला में कहा कि उनके खिलाफ भाजपा के सभी आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और झूठे हैं।

उन्होंने कहा, मैं पिछले दो साल से इन आरोपों को सुन रहा हूं, सारे मामले अदालत में हैं। पहले मेरे खिलाफ सीबीआई जांच की गयी और एजेंसी ने क्लीन चिट दे दी और कोई आपराधिकता नहीं मिली। अब मेरे खिलाफ एक दूसरी सीबीआई जांच कराई जा रही है।

वीरभद्र सिंह ने कहा, मैं इसके लिए तैयार हूं और किसी भी जांच के लिए तैयार हूं। सारे मामले अधिकतर मेरे और मेरे परिवार द्वारा चैक से आयकर रिटर्न फाइल करने के हैं। मैंने इसकी एक एक पाई सूद समेत अदा की है।

रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि सिंह ने जलविद्युत कंपनी वेंचर एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड की राज्य में निरस्त हो गयी परियोजना को फिर से अनुमति देने के लिए उससे रिश्वत ली थी और कंपनी ने वीरभद्र सिंह के बेटे और बेटी के स्वामित्व वाली एक कंपनी द्वारा 6.61 करोड़ रपये का फॉर्म हाउस खरीदने में घुमावदार प्रक्रिया के जरिये धन दिया।

पार्टी प्रवक्ता एम जे अकबर और हिमाचल प्रदेश के पार्टी प्रभारी श्रीकांत शर्मा के साथ संवाददाताओं को संबोधित कर रहे प्रसाद ने कहा, राहुल गांधी जी, सोनिया गांधी जी कपया बताएं। यह भ्रष्टाचार का स्पष्ट मामला है। क्या आप सिंह से इस्तीफे के लिए कहेंगे?

वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह और बेटी अपराजिता ने अपनी कंपनी मैपल डेस्टिनेशन एंड ड्रीम बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 6.61 करोड़ रुपये में महरौली में संपत्ति खरीदी थी। आरोपों को खारिज करते हुए सिंह ने बाद में टवीट किया कि भाजपा उनके खिलाफ पुराने और अप्रामाणिक आरोपों को उठा रही है और केंद्र सरकार राजनीतिक निशाना साध रही है।

उन्होंने कहा, भाजपा निराशा में अपने नेताओं के संदिग्ध कदाचारों से मीडिया और जनता का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है और इन कदाचारों के लिए उसके पास कोई जवाब नहीं है। मामले में सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच भी चल रही है।

हिमाचल के मुख्यमंत्री ने भाजपा पर पार्टी के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ आरोपों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए अपरिपक्व कोशिश करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, मैं बेगुनाह हूं और सारे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। यह मेरी छवि को खराब करने की व भाजपाई मुख्यमंत्रियों तथा मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से ध्यान हटाने की अपरिपक्व कोशिश हैं।

वीरभद्र सिंह ने कहा, मैं सारे आरोपों को पूरी तरह खारिज करता हूं। मैं आरोपों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि मामला विचाराधीन है और मामले दिल्ली और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालयों में, आयकर न्यायाधिकरण में तथा अन्य फोरम पर लंबित हैं और सीबीआई ने भी आरोपों के मामले में जांच की है।    उन्होंने कहा, समस्त आरोपों की जांच की गयी है और मुक्षे किसी जांच से कोई डर नहीं है।

सिंह की इस दलील को चुनौती देते हुए प्रसाद ने आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा, अभी तक की जांच से मजबूती से पता चलता है कि वीरभद्र सिंह की बेहिसाब नगदी और आय नियमित खातों में वापस लाई गयी और उनके परिजन के लिए संपत्तियों को खरीदने में इस्तेमाल की गई और वक्कामुल्ला चंद्रशेखर ने एजेंट तथा सूत्रधार के तौर पर काम किया।

उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने यह पता लगाने के लिए मामले को प्रवर्तन निदेशालय को भेजा कि क्या धन शोधन रोकथाम अधिनियम और फेमा कानून के उल्लंघनों का मामला बनता है।

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