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स्मृति को भी बच्चों के दाखिले के लिए देना पड़ा इंटरव्यू

देश की शिक्षा मंत्री होने के बावजूद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को स्कूल में अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए किसी आम माता पिता की तरह स्कूल में जाकर इंटरव्यू का सामना करना पड़ा।...

स्मृति को भी बच्चों के दाखिले के लिए देना पड़ा इंटरव्यू
एजेंसीSun, 23 Nov 2014 02:48 PM
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देश की शिक्षा मंत्री होने के बावजूद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को स्कूल में अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए किसी आम माता पिता की तरह स्कूल में जाकर इंटरव्यू का सामना करना पड़ा।
   
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस संबंध में किए गए एक सवाल पर कहा, हां बिल्कुल। सही में, मुझे इंटरव्यू देना पड़ा। जब मैं मुंबई से दिल्ली आयी, तो पहले एक महीने में मैंने दफ्तर और घर में तालमेल बिठाने का प्रयास किया। लेकिन मैं कर नहीं सकी क्योंकि मेरे पास मुंबई जाने के लिए केवल छह घंटे होते थे। मेरे दो छोटे बच्चे हैं। एक 11 साल का और दूसरा 13 साल का।
   
उन्होंने बताया, मेरे लिए यह मुश्किल था और मैंने कहा कि दिल्ली आ जाओ। और उन्होंने मेरी बात सुनी। यह बदलाव काफी मुश्किल था क्योंकि मेरा परिवार कभी यहां नहीं रहा था और यहां आने पर सबसे पहली चीज जो करनी पड़ी वह यह, कि माता-पिता के तौर पर इंटरव्यू देना पड़ा। टीचरों और प्रिंसीपल ने इंटरव्यू लिया और उसके बाद बच्चों का इंटरव्यू हुआ।
   
संवाददाताओं से बातचीत में मानव संसाधन विकास मंत्री ने राजनीति में आने और मात्र 38 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने से पहले एक सफल टीवी अभिनेत्री और बेहद छोटे स्तर से अपनी शुरुआत की शानदार यात्रा को विस्तार से साझा किया।
   
उन्होंने स्कूल में अपने बच्चों के दाखिले के लिए इस सारी भागदौड़ और प्रक्रिया का बुरा नहीं माना। वह कहती हैं, मैं समझती हूं कि प्रक्रियाओं को केवल इसलिए दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए कि आप एक मंत्री हैं। यह एक काम है, एक जिम्मेदारी है, उस प्रक्रिया को ध्वस्त करने का अधिकार नहीं है जिससे हर नागरिक गुजरता है। इसलिए मैंने अपने पति के साथ इंटरव्यू दिया।

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