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फेसबुक-ट्विटर से लेनदेन कितना सेफ है?

अब वह दिन दूर नहीं है जब फेसबुक और ट्विटर के जरिए आप अपने दोस्तों को रुपये भेज सकेंगे। सोशल मीडिया विशेषज्ञों का अनुमान है कि जल्द ही मनी ट्रांसफर की सेवाएं अमेरिका और दूसरे देशों के बाद भारत में भी...

फेसबुक-ट्विटर से लेनदेन कितना सेफ है?
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 23 Mar 2015 05:41 PM
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अब वह दिन दूर नहीं है जब फेसबुक और ट्विटर के जरिए आप अपने दोस्तों को रुपये भेज सकेंगे। सोशल मीडिया विशेषज्ञों का अनुमान है कि जल्द ही मनी ट्रांसफर की सेवाएं अमेरिका और दूसरे देशों के बाद भारत में भी दस्तक देंगी।

हालांकि भारत में सोशल नेटवर्किंग साइटों की मदद से मोबाइल रिचार्ज करने और पिछले तीन ट्रांजेक्शन की जानकारी हासिल करने जैसी सुविधाओं की शुरुआत हो चुकी है। कुछ प्राइवेट बैंकों ने फंड ट्रांसफर की सेवाएं भी लॉन्च की हैं। तो कुछ बैंकों ने अकाउंट लॉग-इन करने के लिए फेसबुक का विकल्प भी मुहैया कराया है।

अभी सीमित हैं सेवाएं

भारत में प्राइवेट क्षेत्र के दो बैंक फिलहाल सोशल मीडिया के जरिए बैंकिंग कर रहे हैं। बैंकों की सेवाओं का इस्तेमाल करने के कुछ नियम है। इसके तहत यूजर को पहले सोशल मीडिया पर या फिर ई-मेल पर खुद को रजिस्टर करना होता है।

रजिस्ट्रेशन के बाद वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की मदद से फेसबुक और ट्विटर पर रुपयों का लेनदेन किया जा सकता है। यूजर्स को यह भी सुविधा है कि वे अपना अकाउंट भी चेक कर सकते हैं। इसके साथ ही पिछले तीन ट्रांजेक्शन को भी जान सकते हैं।

सोशल मीडिया का अकाउंट ने होने पर यूजर अपने जीमेल अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें से अधिकतर सेवाएं फ्री हैं। कुछ सेवाओं में शुल्क लगता है।

हैकिंग का बडा खतरा

सोशल मीडिया बैंकिंग के बाद भले ही कोई बडी फ्रॉड या चूक की खबर अभी नहीं आई है लेकिन इसके वाबजूद सुरक्षा को लेकर चिंता बरकरार हैं। साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल के मुताबिक अकाउंट के हैक होने का खतरा है।

जब हैकर लिंक्डइन और गूगल समेत तमाम कंपनियों के सर्वर से यूजर के पासवर्ड चुरा लेते हैं तो किसी एक यूजर का अकाउंट भी हैक हो सकता है। दुग्गल के मुताबिक बैंक फिलहाल नियमों के मुताबिक ही इस सेवा को चला रहे है ,यह ठीक बात है। बता दें  कि बैंक अभी ऑनलाइन फ्रॉड की स्थिति में सिर्फ 10,000 रुपये का भुगतान करते हैं।

बरकरार हैं कई चुनौतियां

सोशल मीडिया बैंकिंग के क्षेत्र में सबसे बडी चुनौती कंपनियों का बाहरी होना है। इन कंपनियों के सर्वर बाहर हैं। साइबर विशेषज्ञ इसे बडा खतरा मानते हैं। क्योंकि ऐसी स्थिति में डाटा बाहर जाएगा। सर्वर बाहर होने से ये कंपनियां भारतीय कानूनों की पकड में नही आती। विशेषज्ञ मजबूत पासवर्ड और इसे निश्चित अतंराल पर बदलने की सलाह देते हैं। इन सभी खतरों के बाद भी बैंक सोशल मीडिया का उपयोग बैंकिंग में कर रहे हैं।

म्यूचुअल फंड के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल

व्हाट्स एप की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। रिटेल इंवेस्टर्स को लुभाने के लिए म्यूचुअल फंड कंपनियां इस माध्यम का उपयोग करना चाह रही हैं। कंपनियों के मुताबिक इस मैसेजिंग और कॉलिंग एप के जरिए म्यूचुअल फंड को खरीदना और बेचना आसान हो जाएगा।

म्यूचुअल फंड कंपनियां तेजी से डिजिटल हो रही हैं। इनमें एक्सिस म्यूचुअल फंड, रिलांयस म्यूचुअल फंड, यूटीआई म्यूचुअल फंड, आईसीआईसीआई प्रोडेशिंयल म्यूचुअल फंड शामिल हैं।

पैसे के लिए एक बार डालना होगा कार्ड नंबर

मैसेंजर में पैसे प्राप्त करने के लिए एक बार कार्ड नंबर शामिल होने के बाद यूजर अगली बार जब भी पैसा भेजने की कोशिश करेंगे तो सिर्फ पिन कोड डालना होगा। एप्पल आईफोन यूजर को जिनके पास टच आईडी होती है उन्हें इस फीचर को एक्टिव करना होगा और अपने फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल करके ट्रांजेक्शन को सत्यापित करना होगा।

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