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हम हंसेंगे, रोक सको तो रोक लो

तुर्की में महिलाओं ने उप प्रधानमंत्री बुलेंट एरिंक के सुझाव का विरोध करने का नायाब तरीका निकाला है। वे सोशल मीडिया पर हंसते हुए सेल्फी पिक्चर पोस्ट कर रहीं हैं। यह सेल्फी वजह बनी हैं एरिंक के मोरल...

हम हंसेंगे, रोक सको तो रोक लो
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 31 Jul 2014 01:44 PM
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तुर्की में महिलाओं ने उप प्रधानमंत्री बुलेंट एरिंक के सुझाव का विरोध करने का नायाब तरीका निकाला है। वे सोशल मीडिया पर हंसते हुए सेल्फी पिक्चर पोस्ट कर रहीं हैं। यह सेल्फी वजह बनी हैं एरिंक के मोरल करप्शन "नैतिक भ्रष्टाचार" पर दिया गया बयान, जिसमें उन्होंने महिलाओं को सार्वजनिक तौर पर जोर से ना हंसने की नसीहत दी। संयम रखना बहुत जरूरी है। इसलिए महिलाएं सबके सामने नहीं हंसेंगी।

[महिला] हराम और हराम नहीं है क्या पता चल जाएगा? वह सार्वजनिक स्थल पर जनता में नहीं हंसेंगी। वह अपने इस नजरिए से आमंत्रित नहीं करेगी और यह उसकी शुद्धता की रक्षा करेगा" उन्होंने नैतिकता पर अपने भाषण के दौरान ऐसा कहा। साथ ही अपने भाषण में उप प्रधानमंत्री ने टीवी शोज को टीनएजर्स को 'सेक्स एडिक्ट' बनाने का जिम्मेदार भी बताया।
 
बस इसके बाद सोशल मीडिया पर एक बहस और विरोध शुरु हो गया। कई महिलाओं ने सुझाव देते हुए लिखा कि सरकार को महिलाओं के सार्वजनिक तौर पर हंसने से ज्यादा रेप, घरेलू हिंसा और कम उम्र में लड़कियों की शादी जैसे दूसरे जरूरी मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए.

उप प्रधानमंत्री को सोशल मीडिया पर महिलाओं की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है। इस बयान के बाद तुर्की में महिलाओं ने हजारों हंसते और स्माइल करती हुई तस्वीरें ट्विटर और इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दीं। अब तक "kahkaha" टर्म और #direnkahkaha, #direnkadin हैशटैग का इस्तेमाल कते हुए लगभग तीन लाख से ज्यादा ट्वीट्स किए जा चुके हैं. "kahkaha" का मतलब तुर्की में हंसना होता है।

ट्विटर पर लगभग दस लाख फॉलोअर वालीं लेखिका और राजनीतिक टिप्पणीकार ऐस टेमलकुरन ने दुख जताते हुए कहा कि ''यह एक बहुत ही आक्रोशित करने वाला और रुढ़िवादी बयान है.'' यहां आपको बता दें ऐस अपनी स्माइल करती हुई तस्वीर ट्वीट करने वाली पहली महिला थीं और उन्होंने दूसरी महिलाओं को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
 
उन्होंने अपने मीडिया को दिए एक बयान में कहा, ''मेरी पूरी टाइमलाइन हंसती हुई महिलाओं से भर गई, जो वाकई खूबसूरत और आसाधारण बात थी.''
 
ऐसा ही कुछ इंस्टाग्राम पर भी था। अभी तक इंस्टाग्राम पर भी हजारों तस्वीरें शेयर की जा चुकी हैं। अपनी हंसती हुई तस्वीर पोस्ट करने वाली 23 साल की हज़ल बेसलेइसी ने कहा कि मैं आजाद हूं, मैं हंसना चाहती हूं या नहीं, यह मेरा फैसला है। उन्हें हमारी जिंदगी में दख़ल नहीं देना चाहिए.''
 
पुरुषों ने भी उप प्रधानमंत्री के इस बयान की घोर निंदा की है। तुर्की के एक मशहूर टीवी प्रस्तोता फतेह पोर्टाकल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ''हे भगवान, इसे एक मजाक ही रहने दे.'' उन्होंने आगे कहा कि, ''अगर महिलाएं सार्वजनिक रूप से हंस नहीं सकतीं तो पुरुषों को सार्वजनिक तौर पर रोना नहीं चाहिए.''
 
बुलेंट एरिंक के इस बयान के उत्तर में सामाजिक नेटवर्क के उपयोगकर्ताओं ने देश के प्रधानमंत्री एरडोगन और उन के अधिकारियों से संबंधित भ्रष्टाचार घोटाले की याद दिलाई। फ़रवरी 2014 में वीडियो पोर्टल यूट्यूब में टेलीफोन पर पांच बातचीतों का रिकार्ड अपलोड किया गया था। जिस में एरडोगन अपने बेटे को काला धन छुपाने के आदेश दे रहे थे।
 
गौरतलब है कि 2013 में एरडोगन और उन की पार्टी के विरूद्ध पूरे देश में प्रदर्शन शुरू हो गए थे क्योंकि वे तुर्की में शरीयत की कानूनों को लागू करने की कोशिश कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि संविधान के मुताबिक तुर्की एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है।

तो इस तरह तुर्की में उप प्रधानमंत्री बुलेंट एरिंक को अपनी कड़ी आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है।

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