फोटो गैलरी

Hindi Newsरुपहले पर्दे के सितारे पहुंचे संसद

रुपहले पर्दे के सितारे पहुंचे संसद

नए रोल में सितारे शत्रुघन सिन्हा पटना साहिब से जीते बॉलीवुड के सुपरहीरो आज तक अपनी फिल्मों में न जाने कितन गुंडों पर भारी पड़े। उसी तरह राजनीति में भी वह सब पर भारी पड़ रहे हैं। शत्रुघन सिन्हा ने...

रुपहले पर्दे के सितारे पहुंचे संसद
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 17 May 2014 05:51 PM
ऐप पर पढ़ें

नए रोल में सितारे

शत्रुघन सिन्हा पटना साहिब से जीते
बॉलीवुड के सुपरहीरो आज तक अपनी फिल्मों में न जाने कितन गुंडों पर भारी पड़े। उसी तरह राजनीति में भी वह सब पर भारी पड़ रहे हैं। शत्रुघन सिन्हा ने कांग्रेस प्रत्याशी और भोजपुरी अभिनेता कुणाल सिंह को हराया है। वह बीजेपी के टिकट से बिहार के  पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे थे। पिछले कई साल से वह बीजेपी के स्टार प्रचारक रहे हैं। यही नहीं वह 13वीं लोकसभा चुनाव में कैबिनेट मिनिस्टर भी रह चुके हैं। शत्रुघन सिन्हा ने देव आनंद की फिल्म प्रेम पुजारी से अपनी फिल्मी कॅरियर की शुरुआत की थी। इनमे नाम कालीचरण, पारस, गैम्बलर, विश्वनाथ और काला पत्थर आदि प्रमुख फिल्में रही हैं।

हेमा मालिनी मथुरा से जीतीं
फिल्म शोले की बसंती जिस तरह से गब्बर के आदमियों पर भारी पड़ी थी उसी तरह हेमा इस बार मथुरा में अपने विरोधियों पर भारी पड़ी हैं। ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी ने बीजेपी के टिकट से  वोटों से मथुरा सीट अपने नाम की है। सपनों का सौदागर फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली हेमा को इंडियन सिनेमा का सबसे सफल कलाकार माना जाता है। पद्म श्री और फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित हेमा के नाम कई हिट फिल्में हैं।

रूपहले पर्दे पर धूम मचाने वाले विनोद खन्ना पिछले कई सालों पर राजनीति में भी धूम मचा रहे हैं। बॉलीवुड में अभिनेता और फिल्म निर्माता के रूप में जगह बना चुके विनोद के लोग इस कदर दीवाने हैं कि विनोद को उनके विरोधी पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा के सामने करीब पांच लाख वोटों से जिताया है। विनोद खन्ना बीजेपी के टिकट पर पंजाब के गुरदासपुर से खड़े थे। 1997 में विनोद खन्ना भाजपा से जुड़े और 1999 में वह पंजाब के गुरदासपुर से सांसद बने। 2002 में वो एनडीए के कार्यकाल में कल्चरल मिनिस्टर और विदेश राज्यमंत्री भी रह चुके हैं।

अपने गाने और अदाकारी से जिस तरह मनोज ने लोगों ने दिलों में जीत हासिल की है। उसी तरह मनोज ने राजनीति में भी अपने विरोधियों को हराकर जीत हासिल कर ली है। भोजपुरी के सुपर स्टार मनोज बीजेपी के टिकट से दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट सीट चुनाव मैदान से लड़ रहे थे। तिवारी बिग बॉस में प्रतिभागी रह चुके हैं। ये अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं।

1984 में फिल्म अंदर बाहर में सबसे बोल्ड किरदार निभाने वाली वो मुन मुन सेन ने राजनीति की पारी टीएमसी के टिकट से शुरू की है। मुन मुन सेन बंगाल की बंकुरा लोकसभा सीट से टीएमसी के टिकट पर लड़ रही थीं और वह चार लाख से ज्यादा वोटों से जीत चुकी हैं।

गायक बाबुल सुप्रियो भी इस बार नरेंद्र मोदी को अपनी प्रेरणा मानकर और बीजेपी से टिकट लेकर बंगाल के आसनसोल से चुनाव जीतकर संसद में सीट पक्की कर चुके हैं।

अपनी कॉमेडी और अदाकारी से दर्शकों का हंसाने वाले परेश जब राजनीति में आए तो उनके फैंस ने भी उन्हें अपने वोटों से जीत की ट्राफी दे डाली। परेश को बीजेपी ने अहमदाबाद पूर्वी सीट से टिकट दिया था। परेश महज कुछ वोटों से नहीं बल्कि 6 लाख वोटों से जीते हैं। परेश हमेशा मोदी की तारीफ करते आए हैं, क्योंकि मोदी के कारण ही परेश की राजनीति में एंट्री हुई है।

बीजेपी और एलजेपी ने चुनावी गठबंधन के तहत एलजेपी के अध्यक्ष रामविलास पासवान के बेटे और अभिनेता चिराग पासवान को जमुई सीट से जीत चुके हैं। 


इनको रास न आई पॉलिटिक्स
गुल पनाग चंडीगढ़ से हारीं: अभिनेत्री और मशहूर बाइकर गुल पनाग ने बॉलीवुड के बाद जब राजनीति में अपनी बाइक चलाने की कोशिश की तो उन्हें निराशा मिली। गुल के राजनैतिक कॅरियर की बाइक को किरण ने बीच में ही रोक दिया और गुल को चंड़ीगढ़ सीट हारनी पड़ी।

नगमा मेरठ सीट गंवा बैठीं: टॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड में लोगों को दीवाना बनाने वाली नगमा को राजनीति में लोगों ने खास पसंद नहीं किया और वह चुनाव हार गईं। नगमा उत्तर प्रदेश की मेरठ सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर राजनीति में भाग्य आजमाने की कोशिश कर रही थीं।

प्रकाश झा की प. चंपारण में नहीं चली राजनीति: राजनीति पर कई सुपरहिट फिल्में बना चुके प्रकाश ने जब असल की राजनीति में भाग्य आजमाने की सोची तो वह असफल रहे। प्रकाश झा जेडीयू के टिकट पर बिहार के प. चंपारण सीट से चुनाव लड़ रहे थे।

स्मृति ईरानी नहीं बनीं अमेठी की बहू: धारावाहिक सास की कभी बहू थी की बहू तुलसी यानी स्मृति ईरानी ने भले ही बहू के रूप में लोगों के दिल में जगह पाई हो, लेकिन एक राजनेता के तौर पर उन्हें सफलता नहीं मिली। स्मृति ईरानी राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी की ओर से लड़ रही थीं।

जावेद जाफरी भी हारे: अपने डांस और कॉमेडी के बल पर अपनी पहचान बना चुके जावेद जाफरी ने अभिनेता से नेता बनने के लिए आम आदमी पार्टी का दामन थामा। जावेद ने आप पार्टी के टिकट से लखनऊ से चुनाव लड़ा। बॉलीवुड की तरह जावेद राजनीति में अपना जलवा नहीं दिखा पाए और हार गए।

राज बब्बर भी फ्लॉप: बॉलीवुड में लंबे समय तक राज करने वाले राज बब्बर भी कई सालों से राजनीति में सक्रिय रहे हैं। राज को गाजियाबाद से टिकट दिया गया था, लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हो पाई।

रवि किशन हारे: अपने भोजपुरी अंदाज से सबको लुभाने वाले रवि किशन राजनीति के मैदान में आ ही गए। रवि कांग्रेस के टिकट पर यूपी की जौनपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 2008 में रवि किशन को भोजपुरी सिनेमा के लिए सबसे लोकप्रिय अभिनेता के तौर पर नवाजा गया था। बिग बॉस की वजह से भी रवि हिन्दी सिनेमा में लोकप्रिय हुए थे।

राखी सावंत को मिली हार: आइटम गर्ल राखी सावंत का जब भी नाम आता है तो अक्सर लोग चौंक जाते हैं। पिछली बार जब राखी बीजेपी के दफ्तर अपना समर्थन देने पहुंचीं तब सभी चौंक गए थे। उसके बाद एक बार फिर उन्होंने लोगों को चौंका दिया जब उन्होंने अपनी निर्दलीय पार्टी का ऐलान किया। राखी ने अपनी निर्दलीय पार्टी का चुनाव चिन्ह हरी मिर्ची रखा और उन्हें कुल दो हजार वोट ही मिले हैं।

प्रचार में ग्लैमर का तड़का

इस साल चुनाव प्रचार में ग्लैमर और हाई प्रोफाइल सितारों की झलक साफ दिखाई पड़ी। सभी ने अपने-अपने स्तर पर अपना प्रचार किया। अभिनय करने वाले और सेलिब्रिटीज ने भी टिकट लेने के बाद चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसी गाड़ियों से निकलकर इन सितारों ने धूप में चुनाव प्रचार किया और अपनी पार्टी के लिए वोट मांगा। उनमें से हेमा मालिनी, अनिल कपूर, रति अग्निहोत्री, सुनील शेट्टी, नील नितिन मुकेश और नगमा जैसे शामिल रहे। सलमान ने मोदी का चुनाव प्रचार किया तो श्रीदेवी ने मुलायम सिंह का। सभी सितारे अपने-अपने पंसदीदा नेताओं का प्रचार करते नजर आए।

राजनीति के पर्दे पर और भी हैं
हिट-फ्लॉप सुपरस्टार

बॉलीवुड का वैसे तो राजनीति से कुछ खास लेना देना नहीं है लेकिन जब भी चुनाव आता है राजनीतिक पार्टियों को बॉलीवुड स्टार की याद सताती है। लंबे समय से बॉलीवुड का ग्लैमर राजनीति के मैदान में चलता रहा है। ये सितारे कभी किसी राजनेता के लिए तो कभी खुद के लिए वोट मांगते नजर आते हैं। अब तक इन सितारों को जनता ने भारी बहुमत से जीता कर लोकसभा-विधानसभाओं में भेजा भी है। इसके बावजूद भी अधिकांश फिल्मी चेहरे राजनीति में अपनी छाप नहीं छोड़ पाए और जल्द ही उनका राजनीति से मोहभंग हो गया, लेकिन कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जो राजनीति में लंबी पारी खेल रहे हैं।

धर्मेद्र: हेमा मालिनी के चलते उनके अभिनेता पति धर्मेंद्र भी राजनीति में उतरे थे। वे साल 2004 में राजस्थान से भाजपा की टिकट पर सांसद चुने गए। सांसद चुने जाने के बाद धर्मेंद्र अपनी राजनीतिक जमीन नहीं बचा सके और जल्द ही राजनीति से बाहर हो गए।

अमिताभ बच्चन: बिग बी ने 1984 में इलाहाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता था लेकिन बोफोर्स कांड में नाम आने के बाद अमिताभ ने राजनीति से तौबा कर ली। बिग बी ने राजनीति में जाने के फैसले को जिंदगी की सबसे बड़ी भूल बताया था।

सुनील दत्त: सुनील दत्त जब राजनीति में आए तो उन्होंने बॉलीवुड की तरह राजनीति में भी अपनी सफलता का झंडा गाड़ा। पहली बार 1984 में मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले दत्त पांच बार उत्तर-पश्चिम मुंबई सीट से कांग्रेस की टिकट पर सांसद चुने गए और केंद्र में मंत्री भी बने।

राजेश खन्ना: अपने अभिनय के दम पर लंबे समय तक दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले राजेश खन्ना ने भी राजनीति में दाव खेला था। वे नई दिल्ली लोक सभा सीट से कांग्रेस पार्टी के सांसद चुने गए। बाद में राजेश खन्ना ने राजनीति से संन्यास ले लिया था।

दीपिका चिखलिया: टीवी के लोकप्रिय धारावाहिक रामायण में सीता का किरदार निभाने वाले दीपिका चिखलिया ने 1991 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट से गुजरात की बडौदा सीट पर विजय पाई

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें