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डील नहीं हुई तो करा दिया दंगा

गुरु सिंह सभा के कब्जे में चली आ रही भूमि के मामले को निपटाने के लिए इलाके के ही एक नेता सहित तीन लोगों ने कुछ मांग रखी थी, लेकिन जब वह पूरी नहीं हुई तो सुनियोजित ढंग से दंगा करा दिया। यह मामला एक...

डील नहीं हुई तो करा दिया दंगा
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 29 Jul 2014 10:13 PM
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गुरु सिंह सभा के कब्जे में चली आ रही भूमि के मामले को निपटाने के लिए इलाके के ही एक नेता सहित तीन लोगों ने कुछ मांग रखी थी, लेकिन जब वह पूरी नहीं हुई तो सुनियोजित ढंग से दंगा करा दिया। यह मामला एक प्रशासनिक अफसर के यहां चल रहा था। उच्चाधिकारी इस अफसर की भी जांच कर रहे हैं। शासन को इस बाबत विस्तृत रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।

शहर में ठंडी होती दंगे की आग की राख के बीच दंगे के कारणों की पड़ताल शुरू हुई तो पुलिस-प्रशासनिक टीम के हाथ कई महत्वपूर्ण सुराग लगे। प्रशासन को पता चला है कि जमीन विवाद में इलाके के ही तीन लोग श्री गुरुद्वारा सिंह सभा से मोटा धन ऐंठने की फिराक में लगे हुए थे। दंगे में नामजद हो चुके एक नेता ने योजना के साथ अपने भतीजे व एक अन्य को दबाव बनाने के लिए लगा रखा था। तीनों लोगों की मांग श्रीगुरु सिंह सभा पूरी नहीं कर रही थी क्योंकि उसके पक्ष में आए हुए जिला कोर्ट के फैसले को सही बताते हुए हाईकोर्ट ने भी एक याचिका खारिज कर दी थी।

इसके बाद इस नामजद नेता ने गुपचुप ढंग से एक प्रशासनिक अफसर की कोर्ट में मामला पहुंचा दिया। किन्हीं कारणों से प्रशासनिक अफसर आठ माह से कोई फैसला नहीं कर पा रहे थे। हालांकि श्री गुरु सिंह सभा ने अपना पक्ष अधिकारी के सामने रख दिया था लेकिन तब भी वे उहापोह में थे। यह बात उच्चाधिकारियों को पच नहीं रही है कि आखिर फैसला देने में उहापोह क्यों थी। इसी कारण इस अफसर के बारे में भी जांच की जा रही है।

उधर, जांच में यह बात सामने आ रही है कि नामजद नेता और उसके दो साथियों ने मामला लटकाकर लाखों की सौदेबाजी का दबाव बनाना शुरू कर दिया, मगर श्री गुरु सिंह सभा ने मांग पूरी करने से इंकार कर दिया। बाद में जब गुरुद्वारे पर लिंटर डाला गया तो रातो-रात तीन कॉलोनियों के युवाओं को इस नेता ने भड़काना शुरू कर दिया। शुक्रवार रात ढाई बजे योजना के तहत सैकड़ों लोगों को कुतुबशेर तिराहे पर एकत्रित कर लिया। भीड़ को पूरी बात पता भी नहीं थी लेकिन इसमें मुठ्ठीभर युवक ऐसे थे, जो पूरी तैयारी के साथ पहुंचे थे। मौका देखते ही इन्होंने पथराव के साथ फायरिंग और आगजनी कर दी। एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने बताया कि दंगे के जिम्मेदार ये तीनों लोग चिह्नित हो चुके हैं। इनके खिलाफ थाना कुतुबशेर में रिपोर्ट भी दर्ज की जा चुकी है। इस बाबत एक विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। अब ऊपर के आदेशों का इंतजार है।

तैयारी ऐसी कि अफसर भी खड़े देखते रह गए
सहारनपुर।
उपद्रवियों की योजना और तैयारी ऐसी थी कि अफसर देखते रह गए और शहर जल गया। फटाफट दुकानों के शटर तोड़कर लूटपाट और फिर आगजनी  की गई। पांच-पांच लीटर की केन में ज्वलनशील पदार्थ लाकर इस्तेमाल किया गया। 165 से अधिक दुकानों में आगजनी की गई। सवाल उठता है कि यह ज्वलनशील पदार्थ इन लोगों ने कहां स्टोर करके रखा हुआ था। अफसरों का अनुमान है कि जितनी दुकानें जलाई गईं, उसमें कम से कम 100 से 200 लीटर तेल लगा होगा। इसके अलावा जिस तेजी से दुकानों के शटर तोड़ गए, वह भी बताता है तैयारी कितने बड़े पैमाने पर थी। स्पेशल बनी लोहे की राडों का इस्तेमाल किया गया। यही कारण था कि उपद्रवियों की तैयारी के सामने अफसर बेबस से नजर आए।

तीनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी: एसएसपी
एसएसपी राजेश पाण्डेय ने पुष्टि करते हुए बताया कि थाना कुतुबशेर में तीनों के खिलाफ के संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज है, किसी भी सूरत में इनके मुकदमे लापरवाही नहीं होगी। राजनीतिक दल से जुड़े इन तीनों के बाबत आला अधिकारियों के साथ-साथ शासन को भी अवगत कराया जाचुका है।

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