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बेंगलुरु में बनेगा पहला हाथी अभ्यारण्य

बाघों के लिए अभ्यारण्य बनना आम बात हो चला है लेकिन पहली बार देश में पहली बार हाथियों के लिए भी अभ्यारण्य बनाया जाएगा। बेंगलुरु में जल्द ही इसके लिए बन्नेरघट्टा जैव उद्यान में बाड़ लगाने का काम शुरू...

बेंगलुरु में बनेगा पहला हाथी अभ्यारण्य
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 30 Jan 2015 01:45 PM
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बाघों के लिए अभ्यारण्य बनना आम बात हो चला है लेकिन पहली बार देश में पहली बार हाथियों के लिए भी अभ्यारण्य बनाया जाएगा। बेंगलुरु में जल्द ही इसके लिए बन्नेरघट्टा जैव उद्यान में बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली एक संस्था ‘पेटा’ (पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स) ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

पेटा और कर्नाटक के बन्नेरघट्टा जैव उद्यान ने साथ मिलकर 49.5 हेक्टेयर के क्षेत्र में अभ्यारण्य बनाने का फैसला लिया है। इसके चारों ओर सौर ऊर्जा से चलने वाली बाड़ लगाई जाएगी। पेटा के मुताबिक, जैव उद्यान के अंदर अभ्यारण्य बनाने से हाथी चारों ओर स्वतंत्र होकर घूम सकेंगे, तालाबों में नहा सकेंगे और जंजीरों के बंधन से मुक्त होकर एक दूसरे से मेलजोल रख सकेंगे।

भारत में हाथियों की संख्या
2007-08 की गणना के अनुसार भारत में हाथियों की अनुमनित संख्या 27,694 है जिसमें केरल में 6,068, असम में 5,281, कर्नाटक में 4,035 और तमिलनाडु में 3,867 हैं। ताजा आंकडमें के मुताबिक भारत में लगभग 25 हजार हाथी वे हैं जो अलग-अलग रास्तों से जंगलों में घुसने की कोशिश करते हैं। यह समस्या बांग्लादेश, थाईलैंड या भूटान की नहीं बल्कि भारत के पूवोत्तर राज्यों की भी है। पूवोत्तर भारत में जंगली हाथी अच्छी खासी संख्या में पाए जाते हैं और सिर्फ असम में इनकी संख्या 6 हजार से अधिक बताई जाती है।

प्रोजेक्ट एलिफेंट
फरवरी 1992 में प्रोजेक्ट एलिफेंट शुरू किया गया था। इसके तहत देश में हाथियों के बड़ी आबादी वाले राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता मुहैया कराई जाती है। ताकि हाथियों को सुरक्षित रखा जा सके। इस प्रोजेक्ट को देश के 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया था। इनमें अरुणाचल प्रदेश, केरल, मेघालय, नागालैंड, असम, झारखंड, कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

देश में पहले हाथी पुनर्वास केंद्र की स्थापना करने के लिए सबसे पहले हरियाणा को सहायता प्रदान की गई। साल 2007 में  पूरे भारत में हाथियों का आकलन किया गया था। इसके तहत पता चला की 2002 की तुलना में हाथियों की संख्या में वृद्धि हुई है।

50 से 60 प्रतिशत एशियाई जंगली हाथी भारत में रहते हैं
20 प्रतिशत हाथी पालतू हैं भारत में

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