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सस्ते के चक्कर में घटिया कार बना रहीं कंपनियां

कीमत बढ़ने के डर से कार कंपनियां सुरक्षा मानकों को अपनाने से कतरा रही हैं। यही कारण है कि सस्ते के चक्कर में ये कंपनियां सुरक्षा के लिहाज से घटिया कार बना रही हैं। कंपनियों के रवैये से सरकार भी हैरान...

सस्ते के चक्कर में घटिया कार बना रहीं कंपनियां
Tue, 25 Nov 2014 12:02 PM
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कीमत बढ़ने के डर से कार कंपनियां सुरक्षा मानकों को अपनाने से कतरा रही हैं। यही कारण है कि सस्ते के चक्कर में ये कंपनियां सुरक्षा के लिहाज से घटिया कार बना रही हैं। कंपनियों के रवैये से सरकार भी हैरान है।

कितनी सुरक्षित हैं भारतीय कारें
ब्रिटेन के ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (एनसीएपी) ने जब लैब में भारत की प्रमुख बिक्री वाली कारों का टेस्ट किया तो उसमें वे असुरक्षित पाई गईं। इन कारों से दुर्घटना होने की स्थिति में गंभीर चोटें लग सकती हैं। टेस्ट में मारुति सुजुकी की ऑल्टो 800, टाटा नैनो, फोर्ड फिगो, हुंडई आई10 और फॉक्सवैगन पोलो शामिल रहीं।

अमेरिकी और यूरोपीय देशों के मानक जरूरी
कारों के बेस मॉडल में भी मानक के अनुरूप उपकरण होने चाहिए। सबसे सस्ती से सस्ती कार में भी एयरबैग और एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) का होना जरूरी है। यहां कारों की बिक्री के लिए ग्लोबल एनसीएपी के सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है। इस साल 1 नवंबर से यूरोपीय यूनियन ने कारों में ड्राइवर शीटबेल्ट रिमाइंडर, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल जरूरी कर दिया है।

भारत में नहीं है कोई मानक
भारत जैसे बड़े कार बाजार में अभी तक किसी तरह के मानक नहीं हैं। यहां एयरबैग वैकल्पिक है, जो उपभोक्ता की पसंद पर निर्भर करता है। भारत में एनसीएपी का सर्टिफिकेट आवश्यक नहीं है।

कंपनियों की आपत्तियां
कार कंपनियों का मानना है कि यदि वे इन सुरक्षा मानकों को गाड़ियों में लगाती हैं तो एंट्री लेवल कारों पर ही 40,000 से 50,000 रुपये तक खर्च बढ़ जाएगा, जिससे वे ग्राहक हतोत्साहित होंगे जो दोपहिया छोड़कर कार खरीदने की सोच रहे होते हैं।

भारतीय ग्राहक भी दें ध्यान
एनसीएपी का कहना है भारतीय ग्राहकों को भी गाड़ी लेते समय इस बात का खास ख्याल रखना होगा कि वे उस गाड़ी में कितने सुरक्षित होंगे। भारत में एक एनसीएपी कंज्यूमर टेस्टिंग प्रोग्रामिंग लॉन्च करने की जरूरत है। इससे भारत में सभी कारों में एक उपयुक्त क्रैश स्ट्रक्चर और एयरबैग होंगे।

दुनिया में जहां भी सुरक्षा के श्रेष्ठ मानक होंगे हम उन्हें भारत में लागू करेंगे।
-नितिन गड़करी, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री

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