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प्रदूषण के चलते प्रवासी पक्षियों का रंग फीका पड़ा

राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण का असर प्रवासी पक्षियों पर भी पड़ने लगा है। पिछले कुछ वर्षों में हिमाचल और उसके आसपास के इलाकों से आने वाले पेंटेड स्ट्रोक पक्षी के सफेद और गुलाबी रंग की चमक यहां पर...

प्रदूषण के चलते प्रवासी पक्षियों का रंग फीका पड़ा
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 28 Aug 2014 10:25 AM
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राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण का असर प्रवासी पक्षियों पर भी पड़ने लगा है। पिछले कुछ वर्षों में हिमाचल और उसके आसपास के इलाकों से आने वाले पेंटेड स्ट्रोक पक्षी के सफेद और गुलाबी रंग की चमक यहां पर प्रवास के दौरान फीकी पड़ जाती है। ऐसा ही कुछ अन्य प्रवासी पक्षियों में भी नजर आया है। इसकी कारण प्रदूषण को कम करने के लिए चिडियाघर प्रशासन की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं।

चिडियाघर के क्यूरेटर रियाज खान के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि जब ये पक्षी आते हैं तो इनका रंग काफी चमकदार होता है, लेकिन जब ये वापस जाते हैं तो इनकी चमक लगभग खत्म सी हो जाती है। इन पक्षियों पर प्रदूषण के असर को कम करने के लिए चिडियाघर प्रशासन, परिसर के अंदर प्रदूषण के स्तर पर नजर रख रहा है। जिन बाड़ों में जानवर और पक्षी रह रहे हैं उन्हें पौधों की दीवार से घेरा जा रहा है। ये पौधे प्रदूषण के साथ ही जानवरों में संक्रमण को भी रोकेंगे। परिसर में बनी बिल्डिंग को भी पौधों से घेरा जा रहा है।

दो वर्ष के बाद विदेशी आईबिस चिडिया दिखी: इस वर्ष आईबिस चिडिया का एक जोड़ा हजारों किलोमीटर की दूर तय करके चिडियाघर में पहुंचा है। यह चिडिया मुख्य रूप से अमेरिका और साइबेरिया जैसे देशों में पाई जाती है। पिछले दो वर्षों से दिल्ली चिडियाघर में आईबिस पक्षी दिखाई नहीं दे रहे थे। जानकारों के अनुसार इस वर्ष अगस्त में पड़ रही गर्मी इन प्रवासी पक्षियों को अंडे देने के लिए एक बेहतर वातावरण उपलब्ध करा रही है। 

इस साल प्रदूषण का स्तर अधिक है: कम बारिश और हवा में नमी के चलते इस वर्ष हवा में प्रदूषण का स्तर अधिक है। इससे दिल्ली पहुंचने वाले प्रवासी पक्षियों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की संस्था सफर के अनुसार जुलाई और अगस्त में इतना अधिक प्रदूषण कभी दर्ज नहीं किया गया। हवा में पीएम 2.5 का स्तर मानकों से दो गुना तक अधिक दर्ज किया गया है।

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