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मुगलकालीन त्रिपोलिया गेट की हालत जर्जर, हो सकता है हादसा

मुगलकाल में बने त्रिपोलिया गेट की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है। गेट की स्थिति इस हद तक खराब है कि इसकी छत का कोई भी टुकड़ा कभी भी गिर सकता है। इस बात की तस्दीक गेट के पास लगा भारतीय पुरातत्व विभाग...

मुगलकालीन त्रिपोलिया गेट की हालत जर्जर, हो सकता है हादसा
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 02 Mar 2015 02:56 PM
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मुगलकाल में बने त्रिपोलिया गेट की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है। गेट की स्थिति इस हद तक खराब है कि इसकी छत का कोई भी टुकड़ा कभी भी गिर सकता है। इस बात की तस्दीक गेट के पास लगा भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) का चेतावनी बोर्ड भी करता है।

ग्रैंड ट्रंक (जीटी) करनाल रोड पर स्थित दो त्रिपोलिया गेटों का निर्माण मुगल सम्राट नाजीर महल्दर खान ने कराया था। इनमें से एक गेट जो महाराणा प्रताप बाग के पास स्थित है उसका जीर्णोंद्धार करीब दो वर्ष पहले हो चुका है। गुड़ मंडी के पास वाला दूसरा गेट खतरनाक रूप तक जर्जर हो चुका है। इसके बावजूद गेट के नीचे से वाहनों का निकलना जारी है। इस गेट के एक मेहराब का इस्तेमाल आसपास के लोग पार्किंग और शौचालय के रूप में करते हैं। बाकी दो मेहराबों से ट्रैफिक निकलता है।

पिछले वर्षों में सड़क निर्माण की वजह से गेट की छत और फर्श की दूरी कम हुई है। इस वजह से बड़े वाहन गेट को लगातार क्षति पहुंचा रहे हैं। गेट की छत का एक बड़ा हिस्सा टूट कर नीचे भी गिर गया है। वर्तमान में हालत इतनी खराब है कि यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

चेतावनी के बावजूद आवाजाही जारी
एएसआई ने यहां एक चेतावनी बोर्ड लगाया है जिस पर लिखा है ‘आम जनता के संज्ञान में लाया जाता है कि गेट जर्जर अवस्था में है। अत: इसके नीचे से वाहनों/जनता की आवाजाही वर्जित है।’ इस चेतावनी के बाद भी गेट के नीचे से वाहनों और लोगों की आवाजाही जारी है। महाराणा प्रताप बाग में रहने वाले नंदकिशोर शर्मा ने बताया कि इस गेट में कई बार बड़े ट्रक फंस भी चुके हैं। बड़े वाहनों की वजह से गेट की छत का बड़ा हिस्सा टूट चुका है। आसपास के लोग गेट को शौचालय के रूप में इस्तेमाल करने से भी बाज नहीं आते हैं।

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