यह नटखट नहीं जहरीला बंदर है...
बंदरों को शैतान, चंचल, नटखट और नकलची तो कहा ही जाता है, लेकिन अब उनके जहरीले होने का भी पता चला...
बंदरों को शैतान, चंचल, नटखट और नकलची तो कहा ही जाता है, लेकिन अब उनके जहरीले होने का भी पता चला है। वैज्ञानिकों ने फिलीपींस और बोर्नियो द्वीप के जंगलों में भोली-भाले शक्ल वाले इस निशाचर और जहरीले बंदर को ढूंढ़ निकाला है।
ऑक्सफोर्ड ब्रुक्स यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर अन्ना नेकारिस के नेतृत्व में जंतु वैज्ञानिकों के एक दल ने इस बंदर को खोज निकाला है। उन्होंने बताया कि यह बंदर एक नई प्रजाति निसे टिसेबस कायन से संबद्ध है और दक्षिण पूर्वी एशिया में पाए जाने वाले स्लो लॉरिस का एक प्रकार है। यह एक विलुप्तप्राय प्रजाति है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस प्रजाति को अब तक ढूंढ़ा नहीं जा सका तथा इसके पीछे मुख्य कारण इसका निशाचर होना है। देखने में यह अफ्रीका में पाए जाने वाले बुश बेबीज की तरह लगता है। हांलाकि यह उतना भोला नहीं है जितना इसकी शक्ल देख कर लगता है।
इसकी कुहनी में एक ग्रंथि होती है जिसमें बहुत ही घातक जहर भरा होता है। वार करते समय इस ग्रंथि से जहर को मुंह में ले आता है और फिर उसे लार में मिलाकर अपने शिकार को काट लेता है। इसका जहर इतना घातक होता है कि इससे इंसान की मौत भी हो सकती है।
दरअसल यह जहर धीरे-धीरे शरीर के विभिन्न अंगों को निष्क्रिय कर देता है जिसकी वजह से उसकी मौत हो जाती है। प्रोफेसर नेकारिस बताती हैं कि पिछले कुछ सालों से स्लो लोरिस को पालतू बनाने का चलन जोर पकड़ गया है जिससे इसका अस्तित्व संकट में पड़ गया है। कुछ लोग इसके दांत निकाल कर इसे पालते हैं ताकि यह अपने मालिक को काट न सकें।