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तीन साल में लिव इन में हिंसा के मामले 12 गुना बढ़े

नेहा (काल्पनिक नाम) ने चार साल पहले दिल्ली में एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी शुरू की। उसे अपने ही ऑफिस के एक सीनियर से प्यार हो गया। कुछ ही दिन बाद दोनों लिव-इन में रहने लगे। लेकिन नेहा का प्यार चार...

तीन साल में लिव इन में हिंसा के मामले 12 गुना बढ़े
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 13 Nov 2014 12:54 PM
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नेहा (काल्पनिक नाम) ने चार साल पहले दिल्ली में एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी शुरू की। उसे अपने ही ऑफिस के एक सीनियर से प्यार हो गया। कुछ ही दिन बाद दोनों लिव-इन में रहने लगे। लेकिन नेहा का प्यार चार माह में ही जख्मों में बदल गया। प्रेमी से हुई तकरार यहां तक बढ़ गई कि उसने नेहा को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। नेहा का मुकदमा अदालत में विचाराधीन है। यह दर्द सिर्फ नेहा का नहीं है बल्कि लिव-इन में रहने वाली कई महिलाओं का है। राजधानी की अदालतों में लिव-इन से जुड़े विवादों के मामले भी इस बात को साबित करते हैं।
अदालती आंकड़े बताते हैं कि तीन साल में दिल्ली में लिव-इन में हिंसा के मामलों में 12 गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है। यह हिंसा मारपीट, जानलेवा हमले से लेकर हत्या तक में दर्ज की गई हैं। इन मामलों में से अधिकांश वारदातों को पुरुष मित्र ने अंजाम दिया है। हालांकि कुछ मामले ऐसे भी हैं जिनमें लिव-इन में रह रही महिला सदस्यों के हिंसक होने के सामने आए हैं। लेकिन इन मामलों में पुरुष सदस्यों को गंभीर चोट नहीं पहुंचाई गई है। आरोपी महिलाओं के खिलाफ मामूली आरोपों के तहत ही अदालतों में मुकदमे लंबित हैं। ऐसे मामलों की संख्या बहुत कम है।

कई मामलों का अध्ययन करने के बाद एक खास बात और सामने आई है कि लिव-इन में रह रहे जोड़े 10 से 12 महीने तक खुशहाल जीवन व्यतीत करते हैं। लेकिन एक साल से ज्यादा समय गुजर जाने पर उनके बीच छोटी-छोटी बातों पर विवाद होने लगता है। कई पीडिताओं का कहना था कि पुरुष मित्र कुछ समय साथ रहने के बाद पति की तरह व्यवहार करने लगते हैं। किसी दोस्त के फोन तक पर उन्हें आपत्ति होने लगती है।

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