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दिवाली की तिथि को लेकर इस बार नहीं संशय

इस बार दिवाली पर समय का मतभेद नहीं रहेगा। तिथि मतभेद के कारण हाल के कुछ वर्षो में अधिकांश त्योहार दो दिन मनाए जाने लगे हैं। धनतेरस से लेकर भैयादूज तक की तिथि में मतभेद न होने के कारण पूरे दिन...

दिवाली की तिथि को लेकर इस बार नहीं संशय
एजेंसीSun, 19 Oct 2014 12:23 PM
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इस बार दिवाली पर समय का मतभेद नहीं रहेगा। तिथि मतभेद के कारण हाल के कुछ वर्षो में अधिकांश त्योहार दो दिन मनाए जाने लगे हैं।

धनतेरस से लेकर भैयादूज तक की तिथि में मतभेद न होने के कारण पूरे दिन त्योहार मनाया जाएगा। ज्योतिषशास्त्र के जानकारों के अनुसार, अर्से बाद निर्विवादित पर्व-तिथि आई है।

ज्योतिषाचार्य पं. नरेंद्र मिश्रा के अनुसार, इस बार दिवाली मनाने की तिथि को लेकर किसी तरह का संशय या मतभेद नहीं है। धनतेरस से शुरू होने वाला यह त्योहार भैयादूज तक चलेगा। 21 अक्टूबर को धनतेरस में खरीदारी शुभदायक होगी। 20 अक्टूबर की रात 11 बजकर 21 मिनट पर तेरस लगेगी, जो 21 अक्टूबर रात एक बजकर 11 मिनट तक रहेगी। इसी दिन धनवंतरि की पूजा की जाती है और सोने चांदी के बर्तनों की खरीदारी शुभ मानी जाती है।

वहीं 22 अक्टूबर को चौदस होगी, जो 21 अक्टूबर रात एक बजकर 13 मिनट से शुरू होकर 22 अक्टूबर रात दो बजकर 34 मिनट तक रहेगी। सर्वार्थसिद्ध योग सूर्योदय से लेकर 5:40 तक रहेगा।
कार्तिक अमावस्या 23 अक्टूबर को होने से दिवाली इसी तिथि को मनाई जाएगी। अमावस्या 22 अक्टूबर की रात दो बजकर 35 मिनट से 23 अक्टूबर रात तीन बजकर 26 मिनट तक रहेगी।

मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक अमावस्या के दिन ही देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। दिवाली के बाद गोवर्धन पर्वत की पूजा का विधान है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिप्रदा तिथि 23 अक्टूबर की रात तीन बजकर 27 मिनट से 24 अक्टूबर की रात तक रहेगी। कुछ जगहों पर इसी दिन अन्नकूट पर्व का भी आयोजन होता है।

कार्तिक पक्ष की दूज 24 अक्टूबर रात तीन बजकर 48 मिनठ से 25 अक्टूबर की रात तीन बजकर 49 मिनट तक रहेगी।

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